आज हम बात करेंगे एक ऐसे खिलाड़ी के बार में जो एक छोटे से शहर से आता है. यहां क्रिकेट को लेकर बहुत बड़ा क्रेज नहीं. मां पिताजी अपने बच्चों को क्रिकेटर बनने का सपना नहीं दिखाते. लेकिन कहते हैं न कि मेहनत के आगे सब लोग झुक कर सलाम करते हैं. इस खिलाड़ी ने भी वो कर दिखाया जो हर किसी के बुते की बात नहीं है. यह खिलाड़ी बचपन से ही क्रिकेटर बनने का सपना देखता था. जब यह सोता था तो इसके साथ बैट और बॉल होता था. क्रिकेट के प्रति जुनून इस कदर था कि उसे स्कूल से भी निकाल दिया गया था. लेकिन यह क्रिकेटर आज लंबे लंबे छक्के लगाने के लिए अपने फैंस के दिल में राज कर रहा है. अब तक आपको भी समझ में आ ही गया होगा हम बात करने जा रहे हैं ईशान किशन के बारे में

ईशान किशन का जन्म बिहार की राजधानी पटना में हुआ था. इनके पिता बिल्डर हैं. इनके बड़े भाई राज किशन स्टेट लेवल क्रिकेट खेल चुके हैं. ईशान को बचपन से ही क्रिकेट के प्रति दिवानगी थी. दिवानगी इस कदर थी कि घर से थोड़ा सा भी समय मिलता तो वे क्रिकेट खेलने भाग जाते थे. उनकी पढ़ाई के लिए मातापिता ने उन्हें DPS में एडमिशन करवाया था. ताकि बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सके. मां की इच्छा थी कि बेटा पढ़ लिखकर डॉक्टर बने. लेकिन इस खिलाड़ी बेटे को कहा पढ़ाई लिखाई में मन लगता था. जब वह क्लास में रहता था कि कॉपी में क्रिकेट से जुड़ी हुई तस्वीरें बनाता था. क्रिकेट खेलने के प्रति उसकी दिवानगी के कारण मां उसे कई बार डांट लगाती थी. इतना ही नहीं पढ़ाई में ठीक नहीं होने के कारण उसे स्कूल से भी निकाल दिया गया था. लेकिन इस खिलाड़ी के दिमाग में तो बस क्रिकेट ही चलता था. इस दौरान ईशान को भाई का पूरा साथ मिला. मां के न कह देने के बाद भी ईशान और उनके बड़े भाई ने क्रिकेट के प्रति अपने लगन को कम नहीं होने दिया. ईशान जब सात साल के थे तो उन्होंने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में स्कूल वर्ल्डकप टूर्नामेंट में अपने स्कूल का प्रतिनिधित्व किया था. अब ईशान ने ठान लिया था कि वह क्रिकेट ही खेलेंगे. अब परिवार का भी साथ मिलने लगा था. ईशान को शुरुआत में उत्तर मजूमदार ने कोचिंग दी थी. वे उस समय बिहार क्रिकेट एशोसिएशन में थे. ईशान अपने शुरुआती दिनों में मोइनुल हक स्टेडियम में प्रैक्टिश के लिए आते थे. यहां उनको संतोष कुमार का पूरा साथ मिला. संतोष कुमार ने उन्हें विकेटकीपर बल्लेबाज बनने में अहम भूमिका निभाई. संतोष कुमार ने तो यह भी कह दिया है कि उनमें बहुत फूर्ती है वे महेंद्र सिंह धोनी और गिलक्रिस्ट जैसे खिलाड़ी बन सकते हैं. आपको क्या लगता ईशान किशन भविष्य़ में माही का स्थान ले सकते हैं. आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

जब ईशान की मेहनत रंग ला रही थी तब ही बिहार क्रिकेट एसोशिएन की मान्यता रद्द हो गई. अब इनके सामने एक संकट था क्या करें. फिर कोच की सलाह पर वे रांची खेलने चले गए. रांची में ईशान ने अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत की. क्रिकेट के प्रति उनकी दिवानगी उनका जुनून उन्हें झारखंड की रणजी तक पहुंचा दिया. साल 2014 में वे असाम के खिलाफ पहली बार प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बल्लेबाजी करने के लिए उतरे इस मैच में उन्होंने 60 रनों की बेहतरीन पारी खेली. इस रणजी सीजन में उनके प्रदर्शन का उन्हें इनाम मिला और वे अंडर– 19 टीम के कप्तान बनाए गए. इसी दौरान मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में एक लीग मैच के दौरान रोड सेफ्टी इलेवन की तरफ से ईशान ने 49 गेंदों में 124 रनों की शानदार पारी खेली थी जिसमें उन्होंने 9 चौके और 12 छक्के लगाए और मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार भी जीता था.

फिर आया साल 2015 इस साल ईशान को 2016 में होने वाले अंडर-19 विश्वकप में न सिर्फ शामिल किया गया बल्कि उन्हें उस टीम की कमान भी सौंपी गई. इस विश्वकप में उनका बल्ला बहुत नहीं चला लेकिन उनकी कप्तानी में भारतीय टीम फाइनल तक पहुंच गई. लेकिन वेस्टइंडीज के हाथों हार का सामना करना पड़ा. इस विश्वकप में ईशान किशन के साथ सलामी बल्लेबाज के रूप में ऋषभ पंथ होते थे. आज ये दोनों खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए खेल रहे हैं. विश्वकप समाप्त होने के बाद ईशान एक बार फिर से अपने घरेलू मैच में लग गए 2016 में हुए रणजी में उनका प्रदर्शन शानदार रहा. दिल्ली के खिलाफ खेले गए एक मैच मे तो उन्होंने 273 रन की शानदार पारी खेली. जोकि उस समय का उनकी टीम का सबसे बड़ा स्कोर था यानी कि झारखंड की तरफ से यह कारनामा अब तक किसी ने नहीं किया था. ईशान की इस पारी के बाद लोग कहने लगे थे कि भारतीय टीम को दूसरा माही मिल गया है.

साल 2016 में ही IPL फ्रेंचाइजियों का ध्यान ईशान की तरफ गया. ईशान गुजरात लायंस की तरफ से चुने गए. अपने पहले आईपीएल में ईशान कोई बड़ा स्कोर नहीं कर पाए पांच मैच में उन्होंने 42 रन बनाए लेकिन उनके शॉट की खुब तारीफ हुई. फिर आया 2017 का IPL कुंभ जिसमें ईशान का बल्ला खुब गरजा. इस सीजन में उन्होंने कुल 11 मैच खेले जिसमें उन्होंने 277 रन बना डाला जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 134 था. लेकिन गुजरात की टीम को iPL से बाहर होना पड़ा अब ईशान किधर से खेलेंगे यह एक संशय बना हुआ था लेकिन कई फ्रेचाईजी चाह रही थी कि वे उनकी तरफ से खेले लेकिन साल 2018 में मुंबई ने ईशान को 5.5 करोड़ रुपये देकर अपनी टीम में शामिल कर लिया. इस सीजन में उन्होंने कुल 14 मैचों में 275 रन की शानदार पारी खेली जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 150 का था. फिर साल 2019 के IPL में उन्हें बहुत ज्यादा मौका नहीं मिला. 7 मैचों में वे मात्र 101 रन ही बना पाए. IPL 2020 के शुरुआती मैच में ईशान को खेलने का मौका नहीं मिला लेकिन बंगलोर के खिलाफ एक मैच में जब टीम को रन चाहिए थे तो ईशान ने 58 गेंद में 99 रन की शानदार पारी खेली हालांकि यह मैच सुपर ओवर में RCB जीत गई लेकिन ईशान सभी के दिलों दिमाग में छा गए. साल 2022 के IPL के ऑक्शन में IPL इतिहास के दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी के रूप में चुने गए. बता दें कि मुंबई ने उन्हें 15.25 करोड़ रुपये देखर खरीदा था. जो टीमें ईशान को चुनना चाह रही थी उसमें सनराइजर्स हैदराबाद गुजराट के साथ मुंबई की टीम थी. ईशान इस साल सबसे मंहगे खिलाड़ी भले ही रहे हो लेकिन उनका बल्ला बहुत नहीं चला और 14 मैचों में उन्होंने तीन अर्धशतक की मदद से कुल 418 रन बना पाए इस दौरान उनका स्ट्राइसक रेट 120 का था. इसी साल यानी की साल 2022 के अक्टूबर में दक्षिण अफ्रिका के खिलाफ खेले गए मुकाबले में ईशान किशान का बल्ला चला और 84 गेंद में 93 रन की शानदारी पारी खेली जिसके बाद भारतीय टीम को जीत मिली. इसके साथ ही ईशान के नाम रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया वनडे की एक पारी में दक्षिण अफ्रिका के खिलाफ सबसे ज्यादा छक्का लगाने वालों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं. उन्होंने इस मैच में 7 छक्के लगाए हैं जबकि यूसुफ पठान ने 8 छक्के लगाए हैं. चक दे क्रिकेट की तरफ से ईशान किशन को ढेरों शुभकामनाएं वे इसी तरह से छक्के लगाते रहे और भारत को जीत दिलाते रहें..

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