जमींन विक्रेताओं को नए साल से उनके पहचान के लिए आधार नंबर से सत्यापन होने के बाद रजिस्ट्री का आदेश सरकार की तरफ से जारी हुआ था. लेकिन इसे बीते सोमवार को लागू नहीं किया जा सका. मिली जानकारी के मुताबिक सिस्टम पर सॉफ्टवेर अपडेट नहीं होने के वजह से ओटीपी के आधार पर सत्यापन कर जमींन की खरीदबिक्री होने वाली थी. लेकिन फिर भी जमींन की खरीदबिक्री नहीं हो पाई. मीडिया में चल रही रिपोर्ट्स के अनुसार जल्द ही मुख्यालय स्तर पर इसकी करवाई तेजी से चल रही है. सिस्टम और सॉफ्टवेर को अपडेट करने के बाद जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. फिलहाल पूरानी प्रक्रिया के जरिये ही जमीन के रजिस्ट्री के काम को किया जा रहा है.

आपको बता दें की जमींन रजिस्ट्री में कई बार फर्जीवाड़ा देखने को मिलता था. लेकिन अब सरकार द्वारा जमीन रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा कम करने के लिए ही ओटीपी जेनेरेट करने का यह काम शुरू किया गया है. ऐसे में आधार द्वारा ही मोबाइल नंबर पर ओटीपी जेनरेट करते ही जमीन के विक्रेता का सत्यापन होगा और इस बात की जानकारी भी मिल जाएगी की जिसके द्वारा जमींन बेचा जा रहा वह सही व्यक्ति है या नहीं. कई बार पारदर्शिता बरतने के बावजूद भी कभीकभी फर्जी व्यक्ति भी जमींन की खरीदबिक्री कर लेता था. ऐसे में केसो की संख्या बढ़ने से विभागों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यदि ओटीपी से सत्यापन होता है तो उम्मीद है की कम से कम इन परेशानियों का सामना विभाग को नहीं करना पड़ेगा.

कई बार जमींन रजिस्ट्री में फर्ज़िवाड़े के कारण वादविवाद बढ़ जाते हैं. ऐसे में बात कोटकचहरी तक पहुँच जाती है. ऐसा जमींन खरीदने और बेचने में होने वाली गड़बड़ी के कारण होता है. कई बार सरकारी राजस्व कार्यालय में दस्तावेजों की अस्पष्टता भी जमींन खरीदने और बेचने में गड़बड़ी की एक वजह होती है. इन मामलों पर रोक लगे इस वजह से भी सरकार ने आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है. गौरतलब है की कोटकचहरी में अक्सर ऐसे मामले दर्ज होते हैं की किसी और की जमीन को किसी दुसरे शख्स ने बेच दिया. ऐसे में जमींन के जो असल मालिक होते हैं उनकी परेशानी बढ़ जाती थी. फिर असल मालिक को अपनी ही प्रॉपर्टी को बचाने के लिए कोटकचहरी के चक्कर लगाने पड़ते थे. लेकिन नए साल में लागू होने वाली यह नयी नियमावली से फर्जीवाड़े पर विराम लगने की पूरी उम्मीद है.

ध्यान रहे की ज़मीन हमारी सबसे मूल्यवान प्रॉपर्टीयों में से एक होती है. इसलिए इसमें फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार की तरफ से पूरी कोशिश की जाती है. लेकिन अपने जमींन को लेकर हमे भी सतर्क रहने की जरूरत है. कई बार हम इसके दस्तावेजों को बनवाते वक्त ध्यान नहीं देते और कुछ गलतियां हो जाती हैं. और इन गलतियों को दूर करने के लिए सरकारी ऑफिसों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. इसलिए इसके दस्तावेज को बनवाते समय खास ध्यान रखें ताकि किसी तरह की कोई गलती होने की सम्भावना से आप बच सकें.

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