जब बात खेल की आती है तो, हम आम तौर पर देखते हैं कि भारत में क्रिकेट को बहुत लोकप्रिय खेल माना जाता हैं. लेकिन इसका मतलब यह नही है कि यहां के लोग किसी और खेल को नही देखते या पसंद नही करते हैं. बता दे कि कई ऐसे खेल है जो न केवल हमारे देश में खेले जाते हैं बल्कि उनका जन्म भी हमारे ही देश में हुआ हैं. इन्हीं खेलों में एक खेल कबड्डी है. कबड्डी की लोकप्रियता हमारे देश में इतनी है कि लोगों के मुंह पर मुहावरे और ताने बनकर इसका नाम आने लगा. आपने अपने आम जीवन में भी कई बार देखा होगा कि जब भी कोई बच्चा बाहर से घर में आता हैं और उसकी हालात थोड़ी भी अस्त-व्यस्त या गंदे कपड़े दिखाई देते हैं तो, माँ-बाप बोलते है कि ”कहाँ से कबड्डी खेल कर आ रहे तुम”. यह खेल सिर्फ लड़कों में ही नही बल्कि लड़कियों में भी काफी प्रचिलित हैं. आइये आगे हम आपको बताते है कि इस खेल का इतिहास क्या है, इसका उद्धव कैसे हुआ और इसके नाम से जुड़ी कुछ जानकारियां.
कुछ भी आगे जानने से पहले हम यह जान लेते है कि कबड्डी का इतिहास क्या रहा हैं. बता दे कि कबड्डी के इतिहास को लेकर भारत में इसकी प्राचीनता को वैदिक काल से जोड़ा जाता है और ऐसा माना जाता है कि इस खेल का उद्भव स्थान भारत ही है. हालांकि इस खेल के उद्धव को लेकर ईरान के द्वारा भी यह दावा किया जाता है कि कबड्डी का उद्धव स्थान उनका देश ईरान हैं. वहीं अगर भारत की बात करें तो, भारत में इसे प्रचिलित बनाने का मुख्य योगदान तमिलनाडु और महारास्ट्र का रहा हैं. इन दोनों राज्यों की वजह से ही आज के समय में भारत में कबड्डी को काफी लोगों के द्वारा पसंद किया जाता हैं. यह एक लोकप्रिय खेल हैं.
आपको बताते चले कि कबड्डी को अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता हैं. इस खेल का नाम कबड्डी मुख्य तौर पर उत्तर भारत में रखा गया हैं. वहीं दूसरी ओर इस खेल को दक्षिण भारत में चेडुगुडु के नाम से जाना जाता हैं. हालांकि इस खेल को अधिकतर लोग कबड्डी के नाम से जानते हैं, इसलिए हम कह सकते हैं कि इसकी लोकप्रियता लोगों के बीच उत्तर भारत के द्वारा दी गयी नाम कबड्डी को लेकर हैं.
आज के समय में इस खेल की लोकप्रियता में लगातार इजाफा हो रहा हैं. बता दे कि इस खेल को पहली बार साल 1936 में बर्लिन ओलंपिक में खेला गया था. जिसके बाद 1950 में बनाये गए ‘ऑल इंडिया कबड्डी फेडरेशन’ ने भारत में कबड्डी के नियम निर्धारित किये और साथ ही इस खेल को देश में आगे बढाने की कई कोशिशें भी की. गौरतलब है कि साल 1972 में ऑल इंडिया कबड्डी फेडरेशन को ‘द एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया में बदल दिया गया’. जानकारी के लिए बता दे कि कबड्डी कोगों के द्वारा इतना पसंद किया जाता है कि इसे न केवल भारत में बल्कि भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, और नेपाल में भी खेला जाता हैं. वहीं इस खेल को लोकप्रिय बनाने में सबसे बड़ा हाँथ बड़ी प्रतियोगिताओं का भी हैं. साल 2004 से कबड्डी वर्ल्ड कप की शुरुआत की गयी. भारत में भी साल 2014 में कबड्डी से जुड़ी एक प्रतियोगिता की शुरुआत की गयी, जिसका नाम ”प्रो कबड्डी लीग” रखा गया. इस खेल में भारत के पुरूषों के अलावा महिला खिलाड़ियों का भी काफी अच्छा प्रदर्शन देखने को मिलता हैं. इसके साथ ही कबड्डी वर्ल्ड कप में भी दोनों ही भारतीय टीमों का प्रदर्शन शानदार रहा हैं.