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मैकेनिकल इंजीनियर, जो आगे चलके बना भारत का सर्वश्रेष्ठ स्पिनर

Bihari News

भारत ने विश्व क्रिकेट को एक से बढ़कर एक स्पिनर दिए और एक समय तो ऐसा भी था जब भारतीय टीम मैदान में सिर्फ स्पिनरों के साथ उतरती थी, और आज भी भारत के पास बेहतरीन स्पिन गेंदबाजों की फ़ौज है. और जब भारतीय स्पिनरों की हो तो अनिल कुंबले का नाम सबसे पहले और सबसे ऊपर ही आएगा. ये हम नहीं बल्कि अनिल कुंबले के आंकड़े कहते हैं.

17 अक्टूबर, 1970 को कर्नाटक के मैसूर में जन्मे अनिल कुंबले को बचपन से ही क्रिकेट से प्यार था लेकिन कुंबले की खास बात ये थी कि उन्होंने क्रिकेट से तो प्यार किया लेकिन उसके लिए पढ़ाई नहीं छोड़ी. होलीसेंट इंग्लिश स्कूल से शुरू हुआ सफर RV College of Engineering पर खत्म हुआ.

कुंबले क्रिकेट खेलते रहे और 30 नवंबर 1989 को अनिल कुंबले ने अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू किया. कर्नाटक की तरफ से खेलते हुए हैदराबाद के खिलाफ मैच की दोनों पारियों में वो शून्य पर आउट हो गए लेकिन इनके द्वारा लिए गए 4 विकेटों ने फर्स्ट क्लास डेब्यू को खराब होने से बचा लिया.

दरअसल, अनिल कुंबले ने बतौर मीडियम पेसर और बल्लेबाज के रूप में क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा था और इसलिए उनको कभी भी एक प्योर स्पिनर नहीं माना गया. वो गेंद को ज्यादा टर्न नहीं कराते थे.

खैर इसके बाद उनका चयन भारत की अंडर-19 टीम में हुआ और उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ मैच की पहली पारी में 113 रन और दूसरी पारी में 76 रन बना दिए.

अनिल कुंबले ने किया इंटरनेशनल डेब्यू 

सिर्फ 5 फर्स्ट क्लास मैच खेलने वाले अनिल कुंबले ने साल 1990 में श्रीलंका के खिलाफ शारजाह में अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया और इसी साल इंग्लैंड के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू भी कर लिया. अपने टेस्ट डेब्यू में अनिल कुंबले ने मेनचेस्टर में 105 रन देकर 3 विकेट लिए और दूसरी पारी में उन्हें कोई विकेट नहीं मिला. इसके बाद कुंबले की खूब आलोचना हुई. भारत के पूर्व कप्तान टाइगर पटौदी ने तो यहां तक कह दिया था कि अनिल कुंबले कभी भी भारत के मैच विनर नहीं बन सकते. इन्हीं सब वजहों से उन्हें 2 सालों के लिए टेस्ट टीम से ड्रॉप कर दिया गया. यह देख अनिल कुंबले ने तब तक अपनी पढ़ाई पूरी कर ली और साल 1991 में मेकेनिकल इंजीनियर बनकर निकले. लेकिन कुंबले घरेलु क्रिकेट खेल रहे थे. रेस्ट ऑफ इंडिया की तरफ से खेलते हुए दिल्ली के खिलाफ ईरानी ट्रॉफी में अनिल कुंबले ने 138 रन देकर 13 विकेट चटका लिए और कुंबले की इस प्रदर्शन से टीम ने वह मैच जीत लिया.

इसके बाद उन्होंने भारतीय टीम में वापसी की और दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट टीम में उनका चयन हो गया. कुंबले ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पूरे सीरीज में 1.84 की इकॉनोमी से 18 विकेट चटकाए. दोस्तों, इस सीरीज से जुड़ा एक किस्सा काफी मशहूर है. दरअसल दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच खेले जा रहे टेस्ट सीरीज को देखने इंग्लैंड के हीथ लेचर आए थे, क्योंकि इसके बाद इंग्लिश टीम को भारत दौरे पर टेस्ट सीरीज खेलने आना था और लेचर भारतीय खिलाड़ियों को देखने आए थे कि वो कैसा खेलते हैं. उन्हें कुंबले की गेंदबाजी में कुछ खास नजर नहीं आया इसलिए उन्होंने इंग्लैंड जाकर कह दिया कि कुंबले से डरने की जरुरत नहीं है. लेकिन हुआ इसके ठीक उल्टा. जब इंग्लैंड की टीम भारत आई तो अनिल कुंबले ने पूरे सीरीज में 21 विकेट लिए. मुंबई में सीरीज के तीसरे मैच में अनिल कुंबले 7 विकेट लेकर मैन ऑफ द मैच बने. फिर जिम्बाब्वे के खिलाफ अपने 10वें टेस्ट मुकाबले में अनिल कुंबले ने अपना 50 वां टेस्ट विकेट पूरा कर लिया.

हीरो कप के हीरो 

फिर अनिल कुंबले हीरो कप के हीरो बने और वाइट बॉल क्रिकेट में भी कुंबले ने अपनी गेंदबाजी की छाप छोड़ी. हीरो कप फाइनल में वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच में भारत ने सिर्फ 225 रनों का लक्ष्य दिया था लेकिन कुंबले की बेहतरीन गेंदबाजी ने भारत को जीत दिला दी. 225 रन, जो उस वक्त विंडीज टीम के लिए कुछ भी नहीं था क्योंकि उनके पास ब्रायन लारा सहित कई वर्ल्ड क्लास बल्लेबाज थे. लेकिन अनिल कुंबले ने 12 रन देकर 6 विकेट चटका लिए और भारत की जीत के हीरो बने.

फिर श्रीलंका के खिलाफ साल 1994 में अनिल कुंबले ने अपना 10 विकेट हॉल पूरा किया. अनिल कुंबले इंग्लिश काउंटी क्रिकेट में 100 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बने. साल 1996 कुंबले के लिए ड्रीम इयर रहा, जहां उन्होंने कुल 90 विकेट लिए और उस साल खेले गए वर्ल्ड कप में भी कुंबले ने 15 विकेट चटकाए थे.

अनिल कुंबले ने बनाया अद्भुत रिकॉर्ड 

फिर आया साल 1999, जब पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली में अनिल कुंबले ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली. फरवरी में खेले गए पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के पूरे 10 विकेट ले लिए. इंग्लैंड के जिम लेकर के बाद अनिल कुंबले ऐसा करने वाले दूसरे खिलाड़ी बने. उस मैच को याद करते हुए पाकिस्तान के तेज गेंदबाज वसीम अकरम कहते हैं कि वकार यूनिस तब रन आउट होने की कोशिश कर रहे थे ताकि कुंबले अपना 10 विकेट पूरा ना कर पाएं. लेकिन वकार की एक ना चली थी और कुंबले ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था.

कुंबले बने महान अनिल कुंबले 

इसके बाद भारतीय टीम वेस्टइंडीज दौरे पर गई, जहां एक वाकये ने कुंबले को महान अनिल कुंबले बना दिया. दरअसल सीरीज के चौथे टेस्ट मैच में अनिल कुंबले भारत का स्कोर बढ़ाने 7वें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे, और कैरिबियाई तेज गेंदबाज मारवेन डीलोन की एक गेंद उनके जबड़े पर जा लगी, जिससे कुंबले का जबड़ा हिल गया. लेकिन अगले दिन कुंबले मुंह पर पट्टी बांधकर मैदान में उतरे और ब्रायन लारा का अहम विकेट लिया. कुंबले के इस जज्बे ने उन्हें महान क्रिकेटरों की श्रेणी में ला दिया.

2004 में अनिल कुंबले ने कपिल देव से 30 मैच कम खेलते हुए अपने 400 विकेट पूरे कर लिए. यह काफी बड़ी बात थी. इसके बाद साल 2006 में कुंबले की बदौलत भारत ने 35 साल बाद वेस्टइंडीज को टेस्ट श्रृंखला हराई. मार्च 2006 में अनिल कुंबले ने अपने 500 टेस्ट विकेट पूरे कर लिए. फिर 2007 वर्ल्ड कप में भारत की हार के बाद अनिल कुंबले ने वनडे क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया.

करियर के अपने आखिरी दिनों में अनिल कुंबले ने भारत की टेस्ट कप्तानी भी की और गजब का प्रदर्शन किया. कई उनको भारत का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट कप्तान मानते हैं.

कुंबले के अनूठे रिकॉर्ड 

कुंबले के नाम कुछ अनूठे रिकॉर्ड भी दर्ज हैं. उन्होंने अपने करियर में 40,850 गेंदें फेंकी है, जो श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन के बाद सबसे अधिक है. इसके अलावा कुंबले के नाम लगातार 74 ओवर फेंकने का रिकॉर्ड दर्ज है. 2 नवंबर, 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच के बाद अनिल कुंबले ने टेस्ट क्रिकेट से भी संन्यास ले लिया.

इसके बाद वो IPL खेले, जहां वो बैंगलोर की टीम का हिस्सा बने. 18 अप्रैल, 2009 को राजस्थान के खिलाफ मैच में अनिल कुंबले ने 5 रन देकर 5 विकेट चटका लिए. कुंबले 1 साल तक भारतीय टीम के कोच भी रहे. कुंबले के नाम सबसे ज्यादा 35 बार Caught and Bold करने का रिकॉर्ड है इसके अलावा इस गेंदबाज ने बल्लेबाजों को सबसे अधिक एलबीडबल्यू भी किया है.

कुंबले का करियर 

अर्जुन अवार्ड, पद्मश्री और विस्डन क्रिकेटर ऑफ द इयर 1996 जीतने वाले अनिल कुंबले ने एक बॉलीवुड फिल्म मीरा बाई नॉट आउट में कैमियो रोल भी किया है.

अनिल कुंबले ने भारत के लिए कुल 132 टेस्ट और 271 वनडे मैच खेले. टेस्ट में उनके नाम 619 और वनडे में 337 विकेट दर्ज हैं. बात अगर कुंबले के निजी जीवन की करें तो उन्होंने चेतना कुंबले से शादी की, जिनसे उनको 1 बेटा और 2 बेटियां हैं.

अनिल कुंबले, भारत के महान स्पिनर की यही कहानी है. क्या आप भी अनिल कुंबले को भारत का सर्वश्रेष्ठ स्पिनर मानते हैं ? कमेंट करके बताएं.

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