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RJD सुप्रीमो लालू यादव ने जब ऑटो वाले को लगा दी फोन, फिर हुआ कुछ ऐसा

Bihari News

आज हम बात करने जा रहे है राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की. आज हम उनके जीवन से जुड़े कुछ ऐसे किस्से बतायेंगे जिसे शायद ही आप में से कोई जनता होगा. ऐसे तो उनके जीवन से जुड़ी कई दिलचस्प किस्से हैं और उनके ये सारे किस्से या उनकी आत्मकथा एक किताब में दर्ज है. बता दे कि उस किताब का नाम ‘गोपालगंज से रायसीना’ हैं. लेकिन आज हम लालू यादव के जीवन से जुड़ी ऐसे किस्से को बताने जा रहे हैं, जो आप इस किताब में भी नही ढूंढ पाएंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि लालू यादव का यह दिलचस्प किस्सा किताब पब्लिश हो जाने के बाद राइटर नलिन वर्मा ने खुद शेयर किया था. तो, चलिए अब हम आपको यह दिलचस्प किस्सा बताते हैं. यह बात उस समय की है जब राजद सुप्रीमो लालू यादव ने अपनी दिल की सर्जरी मुंबई के एशियन हार्ट अस्पताल में करायी थी.

नलिन वर्मा बताते है कि साल 2018 में बकरीद के दिन मैं लालू यादव से मिलने के लिए अस्पताल जा रहा था. उस समय तक मैं लालू यादव की किताब ”गोपालगंज से रायसीना’ को छपने के लिए दे चूका था लेकिन कुछ ऐसे तथ्य थे जिनकी पुष्टि करना लालू यादव से जरुरी थी. इसलिए मैं उनसे मिलने जा रहा था और यह मुलाकात हमारे लिए बहोत जरुरी थी. नलिन वर्मा ने एयरपोर्ट से ऑटो लिया और जहां लालू यादव का इलाज चल रहा था ‘एशियन हार्ट हॉस्पिटल’ चलने को कहा. ऑटो में बैठे-बैठे नलिन वर्मा ने ऑटो ड्राईवर से पूछा की क्या तुम लालू प्रसाद यादव को जानते हो? तब ऑटो वाले ने जवाब दिया हाँ, वो अभी अस्पताल में भर्ती हैं. जिसके बाद नलिन वर्मा बोले मैं अभी उनसे ही मिलने अस्पताल जा रहा हूँ. यह बात सुनते ही उत्तर प्रदेश का रहने वाला मुस्लिम ऑटो चालक ने तुरंत साइड कर के ऑटो रोक दिया और नलिन वर्मा से कहा कि क्या आप मुझे लालू यादव से मिला सकते हैं ? अगर आप मेरी मद्दत करेंगे और मेरी भेंट लालू यादव से करवाएंगे तो मैं आपके लिए ऊपर वाले से दुआ मागूंगा.

नलिन वर्मा ऑटो चालक की बात को सुन कर सोच में पड़ गए. कुछ समय बाद कुछ सोचकर नलिन वर्मा ने ऑटो वाले से वादा करते हुए कहते है कि मैं पूरी कोशिश करूँगा की मैं आपकी भेंट लालू प्रसाद यादव से करा सकूँ. नलिन वर्मा की यह बात सुनते ही ऑटो ड्राईवर खुश हो गया और उसने कहा कि अगर मुझे एक समय में अमिताभ बच्चन और लालू प्रसाद यादव में से किसी एक से मिलने की बात कही गयी तो मैं लालू यादव को चुनुँगा. आपको बता दे कि ऑटो से उतारते वक्त ऑटो वाले ने अपना नाम अंसारी और अपना फ़ोन नंबर एक कागज़ पर लिख कर नलिन वर्मा को थमा दिया और एक बार फिर विनती की कि लालू जी से मुझे मिलवा देना बाबू, अल्लाह मेहरबान होगा. हालाँकि , नलिन वर्मा अस्पताल के अन्दर जाते जाते ऑटो चालक की कही सभी बातों को भूल गए.
बताते चले कि उस समय लालू प्रसाद यादव की हालत काफी नाजुक थी . उनकी दिल की सर्जरी हुई थी और उनके शुगर और बिपि भी अप-डाउन हो रहे थे. वहन मौजूद डॉक्टर्स और नर्स लालू यादव को बता रहे थे कि उन्हें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. लालू यादव बिस्तर पर लेटे-लेटे सबकी बातों को सुन रहे थे और हमलोग से किताब की स्क्रिप्ट को लेकर बातें कर रहे थे. हमलोग करीब 2 घंटे तक लालू यादव के साथ उनके कमरे में उनके साथ रुकें. करीब 6 बजे जब नलिन वर्मा निकलने की तैयारी करने लगे तो अचानक उन्हें उस ऑटो ड्राईवर की कही बातें याद आई और उन्होंने उस घटना के बारे में लालू यादव को बता दिया.

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उस समय कमरे के बहार लालू यादव से मिलने के लिए वरिष्ठ नेता भी बैठे थे पर लालू यादव ने जैसे ही नलिन वर्मा की बात सुनी वो बेचैन हो गए . लालू यादव ने तुरंत नलिन वर्मा से पुचा कि क्या आपने उस ऑटो चालक का नंबर लिया, मुझे दीजिये. जिसके बाद लालू यादव ने अपने करीबी भोला यादव से उस ऑटो चालक से बात कराने को कहा. जैसे ही भोला यादव ने ऑटो चालक को फ़ोन लगा कर लालू यादव को दिया लालू यादव ने अंसारी से पूछा, तुम्हारा नाम क्या है ? आप जल्दी हमसे मिलने आ जाओ और आते वक्त याद से 250 ग्राम कलेजी लेकर आना , आज बकरीद का दिन है कुर्बानी वाला करेजी लाना. फ़ोन कटने के बाद लालू यादव ने भोला से कहा कि बाहर जो नेता बैठे है उन्हें कहिये कि वे किसी और दिन हमसे मिलने आये और साथ ही उन्होंने भोला यादव से यह भी कहा कि वो बाहर जाकर ऑटो ड्राईवर को अंदर लेकर आयें. करीब आधे घंटे के बाद ऑटो ड्राईवर अस्पताल आया और अपनी भावुकता की वजह से रोने लगा. जिसके बाद लालू यादव ने अंसारी से कहा कि रोईये मत और उसके बाद अपने एक साथी के साथ अंसारी को भेजा और कहा कि करेजी को सरसों तेल, अदरक, हरी मिर्च, काली मिर्च और नमक के साथ पका कर लाईये. साथ में बैठ कर खायेंगे. जब अंसारी प्लेट में पके हुए मिट को लेकर आये तो लालू ने उन्हें भी उसी प्लेट में खाने को कहा . यह बात सुनते ही ऑटो चालक अंसारी ने हाँथ जोड़ लिया और लालू यादव से कहा , हुजुर मैं आपकी प्लेट में कैसे कहा सकता हूँ, मैं गरीब आदमी हूँ मैं बस ऑटो चलता हूँ. मेरी भेट आपसे होगई मतलब की मुझे सब कुछ मिल गया. लालू ने जैसे ही अंसारी की बात सुनी उन्होंने प्यार से छिड़कते हुए अंसारी से बोला, कि चुप-चाप आकर साथ में बैठों और खाओ नहीं तो दो थप्पड़ मारूंगा. लालू यादव की यह बात सुनते ही अंसारी , लालू यादव के पास बैठ गया और उनके प्लेट से ही खाने लगा. उसी दौरान कमरे में एक नर्स आकर लालू यादव को टोकने लगी कि आप मिट क्यूँ कहा रहे हैं, डॉक्टर ने आपको ये खाने से मना किया हैं . तब लालू यादव मुस्कुराते हुए बोले की डॉक्टर साहब बहोत भूले है , उन्हें यह पता नहीं है कि अंसारी के मिट में जितना फायेदा है उतना तो अस्पताल की दवाई में भी नहीं हैं.

बता दे कि लालू यादव ने आगे कहा कि मुझे गरीबों से बहोत प्यार मिलता है और मुझे इसके अलावा और क्या चाहिए. मैंने कभी मौत और बिमारी के बारे में नहीं सोचा है, ये सभी चीजें तो भगवान् के हांथ में हैं. उसके बाद उन्होंने ऑटो ड्राईवर से कहा कि अंसारी अब तुम जाओ और कोई परेशानी होगा तो कहना और फिर मिलना. उसके बाद अंसारी ने रोते हुए लालू यादव से विदाई ली और कहा या अल्लाह लालू जी को आबाद रख. अंसारी के जाने के बाद लालू यादव कमरे में मौजूद नलिन वर्मा और बाकी लोगों से बात करते हुए बोले कि मैं आप लोगों के साथ इसलिए मिट नही खा सका क्योंकि ये चार पांच लोगों के लिया कम पड़ता. इसलिए एक राजनेता के तौर पर लालू यादव का व्यक्तित्व करिश्माई है. उनके इसी अंदाज को बिहार के साथ-साथ देश की जनता कभी नही भूल सकती

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