अब जमीन के मापी की समय सीमा को बिहार में निर्धारित कर दिया गया है. निश्चित रूप से हीं ऑनलाइन आवेदन हो या ऑफलाइन आवेदन किसी भी माध्यम से आवेदन करते हीं 30 दिनों के अन्दर आपके जमीन की मापी हो जाएगी. आवेदक के जमीन को मापने के साथ–साथ रिपोर्ट भी उपलब्ध करवा दिए जायेंगे. जिन आवेदकों द्वारा आवेदन ऑनलाइन किया गया है उन्हें ऑनलाइन हीं मापी की रिपोर्ट उपलब्ध करवाई जाएगी. वहीँ जिन आवेदकों द्वारा ऑफलाइन आवेदन किये गये थे उन्हें ऑफलाइन आवेदन के रिपोर्ट उपलब्ध करवाए जायेंगे. इससे पहले लोगों को जमीन मापी की लिए अंचल जाना पड़ता था, लेकिन अब यह सुविधा आसानी से उपलब्ध होने के बाद अंचल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
चलिए अब आगे के इस चर्चा में हम जानते हैं की घर बैठे हीं जमीन की मापी कैसे करवा सकते हैं. तो बता दें की महज एक आवेदन देकर किसान या रैयत घर बैठे हीं अपने जमीन की मापी करवा सकते हैं. इसके अलावे तत्काल बुकिंग की व्यवस्था भूमि मापी के साथ रखी गयी है. लेकिन जानकारी के लिए बताते चलें की तत्काल बुकिंग करवाने का शुल्क सामान्य मापी से अधिक होगा. वहीँ अधिकतम दस कार्य दिवस इस मापी के लिए निर्धारित किये गये हैं. यह सुविधा पूरे राज्य में 20 मार्च को गजट प्रकाशन के साथ हीं लागू कर दी जाएगी.
मापी की अलग–अलग दरों को नयी व्यवस्था में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए निर्धारित किये गये हैं. बता दें की प्रति खेसरा 1000 रुपये शहरी क्षेत्र यानी नगर पंचायत, नगर परिषद् और नगर निगम के लिए निर्धारित किये गये हैं. वहीँ प्रति खेसरा की दर से 500 रुपये ग्रामीण क्षेत्रों के लिए निर्धारित किये गये हैं. साथ हीं साथ चार खेसरा की मापी अब एक साथ हो पाएगी. लेकिन अभी तत्काल मापी के लिए शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्र दोनों जगह सामान्य से अधिक शुल्क लिए जा रहें हैं. यदि शहरी क्षेत्र में देखे तो 2000 रुपये प्रति प्लॉट और ग्रामीण क्षेत्र में 1000 रुपये प्रति प्लॉट लिए जा रहें.
पहले अलग–अलग मापी का शुल्क हर अंचल में देखने को मिलता था. बता दें की हर अंचल में कार्यरत अमिन के एक दिन के वेतन के बराबर यह शुल्क रहता था. ऐसे में किसी अंचल में 1000 रुपये प्रति प्लॉट तो वहीँ किसी अंचल में 3000 रुपये प्रति प्लॉट तक पड़ता था. पूरे राज्य में नयी व्यवस्था के लागू होने से अब एकरूपता देखने को मिलेगी.
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता द्वारा भी इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया है की ऑनलाइन मापी की तारीख चुनने की सुविधा जल्द हीं आवेदकों को मिलने जा रही है. इस व्यवस्था से उनलोगों को अधिक फायदा होगा जो किसी काम से अक्सर घर से बाहर हीं रहते हैं, और घर पहुँचने के बाद निर्धारित अवधि में हीं घर की मापी करवा लेना चाहते हैं. आलोक मेहता द्वारा यह भी बताया गया की पहले अक्सर लोग इस मामले को लेकर शिकायत करते थे की जमीन की मापी तो हो चुकी है लेकिन अभी तक अमिन द्वारा उन्हें रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुआ है. लेकिन अब सरकार द्वारा इन सभी समस्याओं को देखते हुए मामले को गंभीर से लिए गया है. उम्मीद है की नयी व्यवस्था को सरकार गंभीरता से लेगी और लोगों को अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.