बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच में अब यह बात कही जाने लगी है कि विपक्ष एकजुट होगा भी या सिर्फ बयानों तक सीमित रह जाएगा. दरअसर नीतीश कुमार ने कांग्रेस के सामने और मंच से ऐलान करदिया है कि कांग्रेस को अब हमलोगों से बात करने की जरूरत है कि हमलोग कैसे विपक्षी एकता को मजबूत कर सकते हैं. दरअसर देश में गैर कांग्रेसी एकता की भी बात चल रही है जिसे लोग थर्ड फ्रंट के रूप में देख रहे हैं लेकिन नीतीश कुमार ने इस नकारते हुए मेन फ्रंट की बात कही है और यह भी कहा कि हम विपक्ष में कांग्रेस को भी साथ रखना चाहते हैं. आपको बता दें कि केसीआर कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं. उनकी इच्छा है कि एक अलग से थर्ड फ्रंट बने. हालांकि नीतीश कुमार ने दोनों ही तरफ से सुलह करवाने की पहली शुरू कर दी है. अब इस पूरे पहल में कब सफल होते हैं देखने वाली बात होगी.

नीतीश कुमार ने अपने बयान में यह कहा है कि अगर कांग्रेस चाही तो बीजेपी 100 के नीचे पहुंच जाएगी. आपको बता दें कि पिछले दिनों जिसतरह से राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले थे उसके बाद यह कहा जा रहा है कि राहुल गांधी का कद बढ़ा है. लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि क्या राहुल गांधी उस रैली के बदौलत वोट बैंक को अपनी तरफ बदलने में सफल हो पाएंगे. राजनीति के जानकार अभी भी इसे संशय की नजर से देखते हैं. उनका मानना है कि कांग्रेस में अभी इतनी शक्ति नहीं है वो मोदी को अकेले और सीधे टक्कर दे सकें. लेकिन नीतीश कुमार के द्वारा कांग्रेस का नाम लेने के बाद कांग्रेस एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है. पिछले दिनों तो देश की कई क्षेत्रियों पार्टियों का जुटान हुआ है जिसके बाद यह कहा जाने लगा कि बीजेपी के खिलाफ एक लहर बन रही है. लेकिन विपक्ष को एक फर्मूलें की जरूरत है जिससे की सभी पार्टियों को एक माले में पिरोया जा सके ताकि 2024 के चुनाव में एक अंजाम तक पहुंचा जा सके.

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हालांकि कांग्रेस के नेता अपने बयानों में इस बात का जिक्र कर रहे हैं कि कांग्रेस के विना विपक्ष की कल्पना नहीं की जा सकती है. साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि कांग्रेस एक मात्र ऐसी पार्टी है जिन्होंने बीजेपी से समझौता नहीं किया. कांग्रेस के नेता यह बयान देकर कई राजनीतिक पार्टियों को साध रहे हैं खासकर नीतीश कुमार और उद्धव ठाकरे को. क्योंकि ये दोनों नेता बीजेपी के सहयोगी रहे हैं और लंबे समय तक साथ रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस क्या इन नेताओं को छोड़कर सत्ता के केंद्र तक पहुंच सकती है. कांग्रेस के संगठन महासिव केसी वेणुगोपाल यह कहते हैं कि बीजेपी को हटाने के लिए विपक्ष को एकजुट होना होगा. ऐसे में कांग्रेस इन दिनों अपने दोनों दरवाजे खोले रखना चाहती है. कांग्रेस यह भी चाहती है कि 2024 में उसका प्रदर्शन अगर शानदार रहता है तो वह बाकि दलों से अच्छे से डील कर सकने की स्थिति में होगी. कांग्रेस यह चाहती है कि क्षेत्रिय पार्टियां अपने अपने राज्यों में चुनाव लड़े और चुनाव के बाद गठबंधन की स्थिति हो ताकि कांग्रेस एक मोलभाव की स्थिति में रहे. ऐसे में अब देखना है कि नीतीश कुमार कब तक कांग्रेस का इंतजार करेंगे. और क्या बड़ा कदम उठाते हैं.

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