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पेस अटैक के दम पर पाकिस्तान खिताब का दावेदार

shubham kumar

पाकिस्तान टीम को हमेशा ही सभी विश्व कप टीम में खिताब का प्रबल दावेदार नहीं माना जाता है, लेकिन इस टीम ने लगभग सभी विश्व कप में नॉकआउट तक का सफर तय किया है, इस टीम की शुरूआत से ही सबसे बड़ी ताकत पेस अटैक रहा है, पाकिस्तान टीम को पेस अटैक का खदान भी कहा जाता है, इस टीम ने एक से बढ़कर एक विश्वस्तरीय तेज गेंदबाज दिए हैं, जो अपना लोहा पूरी दुनिया में मनवा चुके हैं, इसी के दम पर पाकिस्तान ने अपना उन्नीस सौ बान्वें में पहला विश्व कप का खिताब भी जीता था, इमरान खान, वसीम अकरम, शोएब अख्तर से शुरू हुआ यह सिलसिला आज भी शाहीन शाह अफरीदी और हारिस रउफ जैसे गेंदबाज संभाल रहे हैं, दो हजार तेइस के विश्व कप में पाकिस्तानी टीम अपने उन्नीस सौ बान्वें के इतिहास को दोहराने के लिए पूरी तरह तैयार है, भारत और पाकिस्तान में पिचें एक जैसी होने के कारण पाकिस्तान को भी विश्व कप का प्रबल दावेदार माना जा रहा है, वहीं ग्रीन आर्मी कुछ समय पहले ही वनडे में नंबर वन टीम भी बनी थी और पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम भी वनडे में नंबर वन बल्लेबाज हैं जिससे यह टीम एक मजबूत टीम दिखाई देती है, जिससे विश्व कप के प्रबल दावेदारों में इसे इंकार भी नहीं किया जा सकता, लेकिन पाकिस्तान एक ऐसी टीम है जिसके प्रदर्शन के बारे में निश्चित रूप से कुछ कहा भी नहीं जा सकता है, क्योंकि यह टीम कभी बड़ीबड़ी टीमों को धूल चटा देती है, तो कभीकभी छोटी टीमों से हार भी जाती है, पाकिस्तान टीम के प्रदर्शन में निरंतरता का पूरी तरह से अभाव रहा है लेकिन इस बार टीम को एशियाई महौल का फायदा मिल सकता है. हाल के समय में एशिया कप को छोड़कर इस टीम के प्रदर्शन को देखे तो बाबर एंड कम्पनी के नेतृत्त्व में इस टीम ने काफी शानदार क्रिकेट खेला है.

आइए देखते हैं इस टीम के खामियों और खासियत को

इस टीम की सबसे बड़ी ताकत उनकी पेस अटैक है जो शुरू से चली आ रही है, विश्व कप में भाग लेने वाली सभी टीमों को देखें तो सबसे मजबूत पेस अटैक पाकिस्तान टीम का ही नजर आ रहा है, इस टीम में रफ़्तार के सुल्तान भरे पड़े हैं, तेज गेंदबाज नसीम शाह एशिया कप के दौरान भले ही चोटिल होकर विश्व कप से बाहर हो गए हैं लेकिन अभी भी पाकिस्तान के पास बढ़िया पेस अटैक है, पाकिस्तान के पास फिलहाल शाहीन शाह अफरीदी, हारिस रउफ, मोहम्मद वसीम जूनियर, मोहम्मद हसनैन जैसे कातिलाना गेंदबाज मौजूद हैं, पाकिस्तान के लिए शाहीन शाह अफरीदी और हारिस रउफ के गेंदबाजी में देखा गया है कि वे किसी भी पिच पर अपने स्विंग और तेज गति का जादू बिखेरा है, सपाट पिच पर या स्पिन गेंदबाजों के मददगार पिच पर ये गेंदबाज विकेट चटकाने में माहिर हैं, जिसका बड़ा फायदा इस बार के विश्व कप में पाकिस्तान टीम को मिल सकता है.

कप्तान बाबर आजम

वहीं बल्लेबाजी में कप्तान बाबर आजम को एशिया की पिचें काफी पसंद आती है, बाबर एशिया कि मैदानों पर जमकर रन बनाते हैं और विकेटकीपर बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान भी इनका बखूबी साथ निभाते हैं, बाबर अपने दिन रहने पर किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उधेड़ सकते हैं उन्होंने कई बार ऐसा करके भी दिखाया है, वहीं उनकी कप्तानी भी लाजवाब है, उन्होंने अपनी कप्तानी का बोझ कभी भी अपनी बल्लेबाजी पर आने नहीं दिया है.

जहां इस टीम की सबसे बड़ी ताकत तेज गेंदबाजी है वहीं इस टीम की सबसे बड़ी कमजोरी मिडिल ऑर्डर और स्पिन विभाग है,

युवा गेंदबाज नसीम शाह के अनफिट हो जाने से पाकिस्तान टीम को तगड़ा झटका लगा है, इसके अलावा पाकिस्तान टीम के लिए चिंता ये भी है कि उसके मुख्य स्पिनर लय में नहीं हैं, पेस अटैक जितनी मजबूत और खतरनाक दिखाई दे रही है उससे कहीं ज्यादा उनकी स्पिन गेंदबाजी खराब है, पाकिस्तान के दोनों स्पिन गेंदबाज शादाब खान और मोहम्मद नवाज ने पिछले कुछ समय से निराश ही किया है, एशिया कप में भी हार का एक बड़ा कारण पाकिस्तान के स्पिन गेंदबाज ही रहे थे, जो बीच के ओवेरों में विकेट नहीं निकाल पाए थे, मुख्य स्पिनर शादाब खान की फॉर्म चिंता का विषय बना हुआ है, इसके अलावा मोहम्मद नवाज भी गेंद से अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं, युवा स्पिनर उसामा मिर ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए अभ्यास मैच में दो विकेट जरुर लिए लेकिन उनके पास अंतर्राष्ट्रीय अनुभव की काफी कमी है, भारतीय पिचों पर स्पिन का बोलबाला रहता है ऐसे में पाकिस्तान का स्पिन अटैक काफी कमजोर नजर आ रहा है.

मिडिल ऑर्डर 

वहीं मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज भी रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं, पाकिस्तान टीम के मोहम्मद रिजवान ही कुछ हद तक अच्छी पारियां खेल पाए हैं बाकि सभी बल्लेबाजों ने अब तक निराश ही किया है, मिडिल ऑर्डर में सउद शकील टैलेंटेड बल्लेबाज हैं लेकिन उनके पास ज्यादा अनुभव नहीं है. पाकिस्तान के ओपनिंग जोड़ी बिलकुल भी नहीं चल रही है, फखर जमां तो फेल हुए ही है अब तक अब्दुल्लाह शफिफ ने भी कोई बड़ी पारी नहीं खेल पाए हैं, इमाम उल हक केवल छोटी टीमों के खिलाफ रन बनाते हैं बड़ी टीमों के खिलाफ ज्यादातर उनका बल्ला खामोश ही रहता है. विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में ये कमजोरी पाकिस्तान को भारी पड़ सकती है.

फील्डिंग

पाकिस्तान क्रिकेट टीम में पिछले कई दशकों से फील्डिंग की समस्या हमेशा रही है, आज भी उन्होंने अपनी फील्डिंग में सुधार नहीं कर पाए हैं, विश्व कप के अभ्यास मैचों में भी खराब फील्डिंग कि वजह से उनका मजाक भी बना था, ऐसे में अगर विश्व कप जितना है तो उन्हें फील्डिंग में बहुत ज्यादा सुधार करने की जरूरत है.

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