बिहार प्रदेश के राजधानी पटना में डेंगू का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. बता दे कि शुक्रवार को पटना में डेंगू के 13 मरीज मिलें थे. जिसके बाद अब तक कूल 91 मरीज मिल चुके है जो डेंगू से पीड़ित हैं. पटना के जिन इलाकों में शुक्रवार को डेंगू के मामले सामने आये हैं. उनमें कंकड़बाग, बोरिंग रोड, कुम्हरार, कांटी फैक्ट्री, दानापुर, संदलपुर, बिस्कोमान कॉलोनी, बजरंगपुरी, राजेंद्रनगर, गर्दनीबाग, फुलवारीशरीफ, मलाहीपकड़ी, धनरूआ, अगमकुआ. बांकीपुर, बिहटा, पटना सिटी सहित कई अन्य स्थान शामिल हैं.

डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर चिकित्सकों का कहना है कि अब इसका प्रभाव लगभग हर इलाकें में देखने को मिल रहा है और यह धीरे धीरे सभी इलाकें में पैर पसारने लगा हैं. डेंगू से बचने का इलाज बस एक ही है और वो है खुद को मच्छरों से बचाना. क्योंकि इस बीमारी का कोइऊ विशेष इलाज नही हैं जिससे यह ठीक हो जाये. डेंगू एक ऐसी बिमारी है जिसका इलाज सिम्टोमेटिक चलता है. बता दे कि डेंगू की बिमारी फैलाने वाले मच्छर आम तौर पर सुबह से शाम काटते हैं और यह वही पनपते हैं जहां पानी जमा हो और जहां साफ़-सफाई न हो. इसलिए अगर डेंगू से खुद को बचाना है तो सबसे पहले अपने आस-पास वाले जगहों को साफ़ रखने की कोशिश करें और पानी को जमा कर के न रखें ताकि डेंगू के मच्छर न पनप सकें. डेंगू के मच्छर साफ़ पानी में ही जन्म लेते हैं.वहीं पटना शहर में डेंगू के पनपते मामले को और उसे आने वाले बीमारियों को देखते हुए नगर निगम के द्वारा सभी इलाकों में अलर्ट मोड जारी कर दिया हैं. नगर निगम ने यह निश्चय किया है कि बरसात के मौसम में मच्छरों के प्रकोप को देखते हुए पटना के सभी इलाकों में फॉगिंग की व्यस्था की जाएगी. बता दे कि प्रतिदिन नगर निगम के द्वारा रोस्टर बनाकर गाड़ियों को फॉगिंग के लिए भेजा जा रहा हैं. यह जिम्मेदारी नगर आयुक्त के निर्देशों के अनुसार प्रतेक अंचल के कार्यपालक पदाधिकारियों को दी गयी हैं. उन्होंने यह भी कहा हैं की बरसात के मौसम में पटना के सभी इलाकों में फॉगिंग करवाई जाए और साथ ही इसकी मोनिटरिंग भी की जायें. डेंगू के बढ़ने का एक और कारण नगर निगम के हड़ताल को बताया जा रहा हैं. इन सब के बीच भी फॉगिंग की रफ़्तार को बढाने का निर्देश दिया गया हैं ताकि डेंगू पर नियंत्रण किया जा सकें.

 

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