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महागठबंधन के पहली रैली में फूट, क्या मंडरा रहा तेजस्वी के ताजपोशी पर संकट?

Bihari News

बिहार के राजनीती में महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं दिखाई दे रहा. दरअसल 2024 को देखते हुए 25 फरवरी को पूर्णिया में आयोजित महागठबंधन की पहली रैली से पहले हीं महागठबंधन के बीच की ये तकरार नज़र आने लगी है. महागठबंधन के प्रस्तावित रैली के पोस्टर को पूर्णिया में जगहजगह लगाया गया है. लेकिन महागठबंधन रैली के इस पोस्टर में कहीं पर भी राहुल गाँधी नज़र नहीं आ रहे हैं. हाँ लेकिन कांग्रेस पार्टी से सोनिया गाँधी और मलिकार्जुन को इस पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स में जगह जरुर दी गयी है. वहीँ 2025 में तेजस्वी यादव के CM पद के लिए ताजपोशी पर भी संकट नज़र आता दिखाई दे रहा है. महागठबंधन की ये महारैली 25 फरवरी को रंगभूमि मैदान पूर्णिया में होने वाली है. इसे लेकर जोरशोर की तैयारी भी महागठबंधन के नेताओं द्वारा शुरू की जा रही है. होर्डिग्स को शहर के हर कोने में लगाया गया है. पार्टी के तरफ से लगाये जा रहे होर्डिंग्स में भले हीं महागठबंधन द्वारा राहुल गाँधी को गायब कर दिया गया है, लेकिन जो होर्डिंग्स और पोस्टर कांग्रेस के तरफ से लगाये गये हैं वहां राहुल गाँधी के तस्वीर को जगह दिया गया है.

दरअसल कांग्रेस और राजद के बीच बिहार में कैबिनेट विस्तार को लेकर तंज तेज हो गयी थी. मंत्री मंडल पर फैसला तेजस्वी यादव करेंगे इस बात को नीतीश कुमार की तरफ से साफ़ कह दिया गया था. इस पर अखिलेश प्रसाद सिंह जो की कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं उन्होंने कह दिया की कैबिनेट का विस्तार तो किया हीं जायेगा. जिसका जो भी हक़ है नीतीश कुमार पार्टी के अनुसार देंगे. हमने अपनी बात रख दी है. आगे नीतीश कुमार जो करें. अखिलेश प्रसाद सिंह के इस बयान से साफ़ माना जा रहा है की बिहार कांग्रेस तेजस्वी यादव को मानने के लिए तैयार नहीं हैं.

बता दें की कोसी और सिमांचल के सातों जिलों से नेताओं का जुटाव महागठबंधन के इस महारैली में होने वाला है. महागठबंधन नेताओं के बीच इस बात को लेकर बैठक भी हो चुकी है की यह रैली रंगभूमि मैदान में हीं की जाएगी. यदि पोस्टर को देखे तो इसमें लालू यादव, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव जीतनराम मांझी, ललन सिंह सोनिया गाँधी और मल्लिकार्जुन खड्गे के साथसाथ वाम दलों के नेताओं की तस्वीर को भी जगह दी गयी है. दरअसल PM कैंडिडेट के रूप में जेडीयू और आरजेडी नीतीश कुमार को प्रोजेक्ट कर रही है. वहीँ इस पद के लिए उम्मीदवार कांग्रेस की तरफ से राहुल गाँधी को माना जा रहा है. ऐसे में प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर मतभेद महागठबंधन के इस पार्टी में साफ़ देखा जा सकता है. साथ हीं साथ महागठबंधन में होने वाली ये खींचतान पूर्णिया रैली के पोस्टरों में भी देखा जा सकता है.

 

वहीँ डीपटी सीएम तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार पहले हीं अपना उत्तराधिकारी घोषित कर चुके हैं. लेकिन अब तेजस्वी यादव की होने वाली यह बिहार के सीएम पद की ताजपोशी को लेकर संकट देखा जा सकता है. क्योंकि सोमवार के दिन ललन सिंह ने साफ़ कह दिया है की सीएम पद के कैंडिडेट का चेहरा 2025 में कौन होगा, वो बाद में तय किया जाएगा. लेकिन तब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हीं रहेंगे. ललन सिंह के इस बयान पर आरजेडी के तरफ से नाराजगी जताई गयी है. मंगलवार को विजय मंडल जो की आरजेडी के विधायक हैं उन्होंने दावा किया है की 2025 नहीं बल्कि मार्च 2023 यानी अगले हीं महीने तेजस्वी यादव को नीतीश मुख्यमंत्री का पद भार सौपेंगे.

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