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Untold story: रविन्द्र जडेजा की कुछ अनकही अनसुनी कहानियां!

Bihari News

कहते हैं सफलता पाने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी होता है, सफलता के प्रति पूर्ण विश्वास, लक्ष्य निर्धारण और उस लक्ष्य के पीछे जी जान लगा देना, जरुरी नहीं की आपके पिता के पास अथाह पैसे और उनका सपोर्ट हो तभी आप अपने सपनों को साकार कर सकते हैं इसके अलावा आपका अपने ऊपर विश्वास और आपकी मेहनत भी बहुत मायने रखती है और आप पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवा सकते हैं. आज हम ऐसे ही खिलाड़ी की बात करेंगे जिसके कारनामें से प्रभावित PM ने भी नाम के आगे सर लगाकर सम्मान किया. जिसने भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज खिलाडियों के बीच में अपने लिए जगह बनायी, जिनके लिए यह मुकाम हासिल करना आसान नहीं था. दर्दनाक सदमा झेलने के बावजूद भी जिसने अपने कारनामें से हजारों लाखों दिलों पर राज किया. जबजब टीम को जरुरत पड़ी अपनी शानदार पारी से टीम को सहारा दिया. जिसने क्रिकट के तीनों प्रारूपों में रिकॉर्ड का अम्बार लगा दिया. अनकही अनसुनी कहानियों की इस श्रीन्खला में आज हम उसी हरफनमौला खिलाड़ी रविन्द्र जडेजा की बात करेंगे जिसकी कहानी एक लॉ मिडल क्लास फॅमिली से शुरू होती है और क्रिकेट जगत के एक बेहतरीन ऑल राउंडर खिलाड़ी पर ख़त्म होती है. जिन्हें लोग सम्मान में, प्यार से सर जडेजा और जड्डू भी बुलाते हैं.

रविन्द्र जडेजा का जन्म गुजरात के जामनगर एक माध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. इनके पिता अनिरुद्ध सिंह जडेजा आर्मी में नौकरी करते थे. लेकिन एक हादसे के दौरान उन्हें गंभीर चोटें आई. जिसकी वजह से उन्हें आर्मी की नौकरी छोड़नी पड़ी. इसके बाद वे एक प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी में गार्ड की नौकरी करने को मजबूर थे. वहीं जडेजा की मां लता जडेजा बतौर नर्स काम करती थीं. जडेजा का बचपन तंगहाली के दौर से गुजरा. उनको क्रिकेट खेलने का बड़ा शौक था, वो क्रिकटर बनना चाहते थे. उनकी माँ लता देवी भी चाहती थी कि जडेजा भारतीय क्रिकेटर बने और भारत के लिए खेले. लेकिन पिता चाहते थे की जडेजा एक आर्मी ऑफिसर बने.

एक मिडल क्लास फॅमिली के लिए ऐसे शौक पालना साधारण नहीं होता है. और ना ही उसे आसान करना. यह सब एक सपने जैसा था. लेकिन उन्होंने इस सपने को साकार किया. उन्होंने सौराष्ट्र में ही एक क्रिकेट अकादमी ज्वाइन कर ली. वे क्रिकेट की बारीकियों को सीखने लगे. इस बीच जडेजा को कोच के रूप में महेंद्र सिंह चौहान का साथ मिला. फिर क्या था जडेजा ने मैदान में जमकर पसीना बहाया और इनकी मेहनत ने रंग दिखाया जडेजा का सौराष्ट्र की अंडर-14 टीम में सिलेक्शन हो गया. जहां जडेजा ने अपने शानदार प्रदर्शन से सिलेक्टरों का दिल जीत लिया. अपने पहले ही मैच में जडेजा ने 72 रन देकर 4 विकेट हासिल किए.

लेकिन अचानक से रविन्द्र जडेजा पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा. जब उनकी उम्र महज 17 साल थी तो उनकी माँ का एक हादसे के दौरान देहांत हो गया. मां के गुजरने का सदमा जडेजा बर्दाश्त नहीं कर सके और धीरे धीरे उन्होंने क्रिकेट से दूरियाँ बनानी शुरू कर दी. ऐसे मुश्किल हालात में जडेजा की बड़ी बहन नैना ने उन्हें संभाला उनको कोई समस्या ना हो इसलिए खुद एक नर्स का काम किया. जडेजा क्रिकेट में मन लगायें इसके लिए उन्हें समझाया, बुझाया और प्रोत्साहित किया. इसके बाद एकबार फिर जडेजा उठे और बस मेहनत की और उनके अच्छे प्रदर्शन के दम पर साल 2006 में अंडर-19 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह मिली.

2006 U19 विश्वकप में जडेजा ने अपनी क़ाबलियत का लोहा मनवाया. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 विकेट झटक कर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया. इसके बाद फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 3 विकेट चटकाए. इस मैच में भारत को भले ही सफलता नहीं मिली थी. लेकिन जडेजा की घातक गेंदबाजी के बदौलत पाकिस्तान 109 रन ही बना सकी थी. आगे जडेजा एक के बाद एक शानदार प्रदर्शन कर रहे थे. साल 2008 में जडेजा एक बार फिर अंडर-19 विश्व कप का हिस्सा बने. इस बार U19 में जडेजा भारतीय टीम के उपकप्तान थे और भारतीय टीम विराट कोहली की कप्तानी में खेल रही थी. यह वो टूर्नामेंट था जिसमें जडेजा ने 10 विकेट हासिल कर सेलेक्टरों का दिल जीत लिया और इस साल भारत ने भी वर्ल्ड कप अपने नाम किया था.

इसके बाद वो दिन भी आया जिसका सपना माँ और बेटे ने एकसाथ देखा था. साल 2009 में भारतीय क्रिकेट टीम में जडेजा बतौर ऑलराउंडर शामिल हुए. 8 फरवरी 2009 को उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ अपना टी20 डेब्यू मैच खेला.

देखते ही दखते जडेजा ने अपनी काबिलियत का लोहा दुनिया भर में मनवाया. 23 वर्ष के उम्र में उनके एक कारनामें ने सबको उनका फैन दिया. साल 2012 में जडेजा ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में तीन ट्रिपल शतक लगाया. ऐसा करने वाले वे दुनिया के आठवें और भारत के पहले खिलाड़ी बने. इसके बाद उन्हें ‘सर जडेजा’ की उपाधि मिल. एक खिलाड़ी के लिए इससे बड़ी बात क्या हो सकती है कि देश का PM उसकी खेल की सराहना करे. जडेजा के लिए भी वो लम्हा ख़ास था जब दोस्त रिश्तेदार और टीम मेट ही नहीं बल्कि देश के PM ने 12 फरवरी 2015 को ट्वीट कर लिखा “आपका फैन कौन नहीं है ‘सर जडेजा’.

टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 200 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी जडेजा के नाम है. उन्होंने महज 44 मैच में ही यह कारनामा कर दिखाया था. जडेजा ने 47 मैच में 200 विकेट लेने वाले श्रीलंका के पूर्व गेंदबाज रंगना हेराथ का रिकार्ड तोड़ा था और एक समय ऐसा भी आया जडेजा दुनिया के नंबर 1 गेंदबाज में शुमार हो गए. लेकिन क्रिकेट में खिलाड़ी का फॉर्म और किस्मत कभी एक जैसा साथ नहीं देता है. एक समय ऐसा भी आया की ख़राब फॉर्म की वजह से उन्हें टीम से बाहर निकाल दिया गया. साल 2015 में बांग्लादेश के खिलाफ हुए एक दिवसीय सीरिज में ख़राब प्रदर्शन के चलते उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया. लेकिन करीब एक साल 2 महीने के बाद उन्हें दोबारा टीम में शामिल किया गया था.

 

आईपीएल में वो चेन्नई सुपर किंग्स के स्टार खिलाडियों में से एक हैं. आईपीएल 2023 के फाइनल में गुजरात टाइटन्स के खिलाफ आखिरी ओवर के आखिरी दो गेंद की कहानी आईपीएल के इतिहास में अमिट दर्ज हो गयी है कि कैसे जब सभी ने चेन्नई की जीत की उम्मीद छोड़ दी थी और जडेजा ने आखिरी दो गेंदों पर छक्का और चौका लगाकर चेन्नई को आईपीएल 2023 का विजेता बना दिया.

रविन्द्र जडेजा की पर्सनल लाइफ में इनकी पत्नी का किरदार और भी दिल छू लेने वाला है. रविन्द्र जडेजा की पत्नी रीवा सोलंकी जिन्हें अब लोग रिवाबा जडेजा के नाम से जानते हैं वो बीजेपी से जामनगर उत्तर की विधायक हैं. एक ओर जहाँ पढ़ी लिखी सफल महिलाएं वर्षों पुराने भारतीय संस्कृति को नकारती हैं या परदे के पीछे ही रखना पसंद करती हैं वो रिवाबा जडेजा ही थी जिन्होंने खचाखच भरे स्टेडियम में पति के पैर छुए. यह देखकर सभी क्रिकेट प्रशंसक हैरान था. और ये क्रिकेट के इतिहास में पहली बार था जब किसी क्रिकेट खिलाड़ी की पत्नी ने मैदान में सबके सामने अपने पति के पैर छुए थे और इसकी सराहना हर कोई कर रहा था. क्यूंकि रिवाबा एक महज क्रिकेटर की पत्नी नहीं वरन एक सक्सेसफुल महिला हैं. उनका साड़ी में स्टेडियम में आना हर किसी का दिल जीत लिया.

जडेजा अपने परिवार के साथ गुजरात के जामनगर में अपने 4 मंजिला बंगले में रहते हैं. उनका घर किसी राजमहल से कम नहीं है. जिसमें विशाल दरवाजे और पुराने कीमती फर्नीचर और झूमर हैं.

आप हमें कमेन्ट कर जरुर बताएं रविन्द्र जडेजा आपको कैसे खिलाड़ी लगते हैं ?

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