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कौन हैं रिंकू सिंह, जिन्होंने अंतिम ओवर में लगातार 5 छक्के लगाकर चैंपियन टीम के जबड़े से जीत छीन ली ?

Bihari News

अंतिम ओवर में लगातार 5 छक्के लगाने वाले रिंकू सिंह कौन हैं ?

अंतिम ओवर में लगातार 5 छक्के लगाने वाला खिलाड़ी, जिसने चैंपियन गुजरात टाइटन्स के जबड़े से छीन ली जीत

पिता ढोते थे सिलिंडर, 5 लाख था कर्जा, बेटे ने कड़ी मेहनत से किया नाम, आज है KKR का सितारा

खतरनाक खिलाड़ी जो अनहोनी को कर देता है होनी, खिलाड़ियों ने दिया लॉर्डका तमगा

आईपीएल 2023- कोलकाता नाइट राइडर्स बनाम गुजरात टाइटंस– 9 गेंदों में कोलकाता को जीत के लिए 39 रन की दरकारऔर फिर कोलकाता नाइट राइडर्स के धमाकेदार बल्लेबाज रिंकू सिंह ने कुछ ऐसा किया जिससे पूरा क्रिकेट जगत हिल गया। अंतिम ओवर में कोलकाता को जीत के लिए 29 रन की दरकार थी और रिंकू सिंह ने 5 गेंदों में 5 छक्के लगाकर कोलकाता नाइट राइडर्स को ऐतिहासिक जीत दिला दी। यह आईपीएल इतिहास की सबसे सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक थी। तो आखिर कौन हैं रिंकू सिंह, जिनका नाम आज बच्चेबच्चे के जुबान पर है ? चक दे क्रिकेट की टीम अपनी खास पेशकश में आज इसी जाबाज खिलाड़ी की अनकही और अनसुनी दास्तां लेकर आया है. आज के लेख में हम रिंकू सिंह के जीवन और क्रिकेट करियर से जुड़ी कुछ जानीअनजानी और अनकही बातों को जानने की कोशिश करेंगे.

रिंकू सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1997 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। उनके पिता खानचंद्र सिंह गैस सिलेंडर की डिलीवरी का काम करते थे। रिंकू सिंह के मातापिता और पांच भाई बहन एक छोटे से घर में रहकर जैसे तैसे अपनी गुजरबसर करते थे। उस समय को याद करते हुए रिंकू सिंह कहते हैं, “मेरे पिता ने बहुत संघर्ष किया, मैं एक किसान परिवार से आता हूं. मैंने मैदान के बाहर जो भी गेंद भेजी, वह उन लोगों को समर्पित थी, जिन्होंने मेरे लिए इतना बलिदान दिया.” रिंकू सिंह ने यह बात आईपीएल 2023 में गुजरात के खिलाफ मुकाबले के बाद कही. उस समय रिंकू के परिवार पर 5 लाख का कर्ज था, तब रिंकू उत्तर प्रदेश की अंडर-19 टीम से खेलते हुए रोज पैसे बचाते थे, यहां तक कि वो घरघर जाकर झाड़ूपोछा भी करने लगे थे. रिंकू बचपन से ही क्रिकेट के शौकीन थे और अपने दोस्तों के साथ लेदर और टेनिस बॉल क्रिकेट खेलते थे। रिंकू की काबिलियत की बदौलत स्पोर्ट्स कोटा के तहत उनका एडमिशन दिल्ली पब्लिक स्कूल में हो गया लेकिन वह 9th क्लास में फेल हो गए। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी और क्रिकेट करियर को आगे बढ़ाना रिंकू को काफी कठिन लग रहा था। एक समय ऐसा आ गया जब रिंकू सिंह को झाड़ू मारने की नौकरी मिली। इससे रिंकू सिंह बुरी तरह टूट गए और उन्होंने नौकरी ना करने का मन बना कर ध्यान क्रिकेट की तरफ केंद्रित करने का फैसला किया। और यहीं से रिंकू सिंह की किस्मत बदल गई।

दिन रात मेहनत कर रिंकू अपने खेल में सुधार कर रहे थे और फिर दिल्ली में होने वाली एक क्रिकेट चैंपियनशिप में इस खिलाड़ी ने हिस्सा लिया। रिंकू इस टूर्नामेंट की अहमियत जानते थे और उन्होंने बहुत ही शानदार प्रदर्शन कर मैन ऑफ द सीरीज का खिताब जीत लिया। इनाम के तौर पर रिंकू को एक मोटरसाइकिल मिली जिसे उन्होंने अपने पिता को भेंट कर दी जिससे वह गैस सिलेंडर की डिलीवरी के लिए साइकिल का इस्तेमाल ना करें। उनके परिवार पर अभी भी कर्जा था और यही वजह थी कि रिंकू अच्छी कोचिंग नहीं ले पा रहे थे। रिंकू ने हार नहीं मानी और सरकारी स्टेडियम में जो भी सुविधाएं थी उन से काम चलाते हुए आगे बढ़ रहे थे.

शानदार प्रदर्शन की बदौलत साल 2012 में रिंकू सिंह को अंडर 16 में डेब्यू करने का मौका मिला और उन्होंने इस मौके को भुनाकर शानदार 154 रन की पारी खेली। इसके बाद साल 2014 में इस खिलाड़ी का चयन उत्तर प्रदेश की टीम में हो गया। विदर्भ के खिलाफ अपने डेब्यू मुकाबले में इस खिलाड़ी ने 83 रन की पारी भी खेली और 2 विकेट भी चटकाए कर अपनी चमक बिखेरी। इसके बाद साल 2016 में इनका चयन रणजी क्रिकेट के लिए हो गया।

लगातार बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत रिंकू सिंह की किस्मत आईपीएल 2017 में बदली। किंग्स इलेवन पंजाब की टीम ने इस खिलाड़ी को 10 लाख रुपए में खरीदा और पूरे सीजन में इस खिलाड़ी को एक मुकाबला खेलने को मिला जिसमें भी इनकी बल्लेबाजी नहीं आई। पहली बार आईपीएल में चयन होने के बाद रिंकू सिंह ने बताया था कि– ” वह बेहद गरीब परिवार से आते हैं और इस सब में उनके कोच ने उनकी काफी मदद की है। किंग्स इलेवन पंजाब में सिलेक्शन होना उनके लिए गर्व की बात थी और यह 10 लाख की राशि काफी बड़ी थी। कठिन समय ने उन्हें और मजबूत बनाया और 1 दिन में 14 घंटे मेहनत कर आज उन्होंने यह मुकाम पाया है।

इसके बाद रणजी 2018 सीजन में रिंकू सिंह का बल्ला जमकर बोला और 10 मुकाबलों में रिंकू ने 953 रन बटोर कर धमाल मचा दिया। यह उत्तर प्रदेश के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। इसके बाद 2018 आईपीएल नीलामी रिंकू सिंह की पूरी जिंदगी ही बदल गई। कोलकाता नाइट राइडर्स ने 20 लाख बेस प्राइस वाले रिंकू सिंह को 80 लाख की भारीभरकम रकम अदा कर अपनी टीम में जोड़ा। इन रुपयों से उन्होंने अपना कर्ज निपटाया और अपने घर के हालातों को सुधारा। आईपीएल 2018 में 4 मुकाबलों में यह सिर्फ 28 रन बना पाए तो वहीं आईपीएल 2019 में 5 मैचों में 37 रन बनाए। लेकिन कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम को उन पर विश्वास था।

रिंकू सिंह इस विश्वास पर खरे उतरे और आईपी एल2022 में इस खिलाड़ी ने धमाकेदार प्रदर्शन किया। 7 मैचों में रिंकू ने 34.80 की औसत से 174 रन बनाए। लखनऊ सुपरजाइंट्स के खिलाफ इस बल्लेबाज ने 15 गेंदों में 40 रन बनाए थे। अंतिम ओवर में जीत के लिए कोलकाता को 21 रन की दरकार थी और स्टोइनिस के खिलाफ इस बल्लेबाज ने पहली 4 गेंदों पर 18 रन बटोर लिए। हालांकि पांचवी गेंद पर यह आउट हो गए और अपनी टीम को जीत तक नहीं पहुंचा सके।

आईपीएल 2023 में तीसरे ही मुकाबले में इस बल्लेबाज ने धमाका कर दिया। कोलकाता नाइट राइडर्स मुकाबला लगभग हार ही गई थी लेकिन रिंकू ने हार नहीं मानी। मैच के बाद रिंकू ने बताया कि उन्हें पिछले वर्ष लखनऊ सुपरजाइंट्स के खिलाफ मुकाबला याद था और इसी वजह से उन्हें विश्वास था कि वह अंतिम ओवर में 29 रन बना सकते हैं। यश दयाल के इस ओवर में 5 छक्के लगाकर रिंकू ने अपनी टीम को यादगार जीत दिला दी और अनहोनी को होनी कर दिया।

क्या आपको पता है कि रिंकू सिंह पिछले सीजन में भी ऐसा कारनामा करतेकरते रह गए थे. जब लखनऊ सुपरजायंट्स के खिलाफ मुकाबले में कोलकाता को जीत के लिए आखिरी ओवर में 21 रनों की दरकार थी. रिंकू ने भरसक कोशिश की थी लेकिन अपनी टीम को जीत दिलाने से चूक गए थे. रिंकू ने उस मुकाबले में 15 गेंदों पर 40 रन बनाए थे. लेकिन इस बार रिंकू ने कर ही दिया. गुजारत के खिलाफ करिश्माई जीत दिलाने के बाद रिंकू उस मैच को भी याद करते हैं और कहते हैं, मुझे विश्वास था कि मैं यह कर सकता हूँ. पिछले साल मैं लखनऊ में ऐसी ही स्थिति में था. विश्वास तब भी था. वहां ज्यादा नहीं सोचा. वो शॉट एक के बाद एक हुए. वह आखिरी वाला हाथ के पीछे था, और मैंने उसे पिछले पैर से मार दिया.”

KKR के कप्तान नितीश राणा रिंकू के मुरीद हो गए और उन्होंने रिंकू सिंह को लॉर्ड रिंकूका तमगा दे दिया. मैच के बाद नितीश राणा कहते हैं, रिंकू ने पिछले साल ऐसा कुछ किया था, हालांकि हम उस मैच को नहीं जीत पाए थे. जब दूसरा छक्का मारा गया था, तो हम अधिक विश्वास करने लगे थे क्योंकि यश दयाल अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे थे. इसका श्रेय रिंकू सिंह को जाता है.”

वो आगे कहते हैं,इस मैच से हमें जो दो अंक मिले हैं, वे उन्हीं की बदौलत हैं. लोगों ने मुझसे पूछा कि रिंकू सिंह को बड़ा रोल क्यों नहीं मिलता और वह हमेशा छोटा ही रोल करता है. मैं उन पत्रकारों से कहना चाहता हूं कि अगर यह दूसरा रोल है तो सोचिए कि वह पहले रोल के साथ क्या कर सकते हैं. पिछले मैच में उन्होंने एक अलग भूमिका निभाई थी और उन्होंने इसे बखूबी निभाया. मेरे पास उसके लिए शब्द नहीं हैं.”

KKR के वेंकटेश अय्यर, जिन्होंने 40 गेंदों पर 83 रन बनाकर रन चेज की नींव रखी थी, कहते हैं,यह मैच लॉर्ड रिंकू शो के लिए याद किया जाएगा. सभी ने (होगा) हमें आखिरी दो ओवरों के लिए बाहर कर दिया होगा, लेकिन वहां से वापसी करना और जीतना कुछ ऐसा है जो मुझे पता है कि यह हर रोज नहीं होगा. हम इस खेल को संजोने जा रहे हैं. काफी लंबे समय के लिए.”

मुश्किलों से निकलकर रिंकू सिंह ने विश्व क्रिकेट में अपना नाम चमकाया और आने वाले वर्ष में यह खिलाड़ी हमें भारतीय टीम की तरफ से खेलता हुआ भी दिखाई देगा, क्योंकि आज बच्चेबच्चे के जुबान पर रिंकू का नाम है। गर्व है तुम पर रिंकू। आपके अनुसार रिंकू सिंह को भारतीय टीम में मौका मिलना चाहिए या नहीं ? कमेंट में जरुर बताएं.

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