जिसकी एक जिद्द ने बना दिया रिस्कफ्री और बेखौफ बल्लेबाज !

वो खिलाड़ी जिसके जिद्द ने उसे रिस्क फ्री और बेखौफ बल्लेबाज बना दिया

टीवी पर ब्रैंडन मैक्कुलम को देखा, उन्हे बनाया आदर्श और फिर बन गया उनके जैसा बेखौफ बल्लेबाज

अपने आईपीएल के दूसरे ही सीजन में शतक ठोकने वाला जांबाज खिलाड़ी

डोमेस्टिक क्रिकेट में 6 छक्के जड़ने वाला खिलाडी

धोनी के साथ खेलने का सपना देखा और किस्मत ने मौका दे दिया

खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछेबता तेरी रजा क्या है। अल्लामा इकबाल की ये पंक्तियां तो आपने सुनी ही होंगी, कहते है व्यक्ति इन पंक्तियों के जैसे अपनी जिंदगी का मकसद बना लेते हैं, वह एक दिन अपनी मंजिल पा ही लेते हैं। लेकिन ये पंक्तियां एक भारतीय क्रिकेटर के जीवन में बिल्कुल भी फिट नहीं बैठती। भारत विश्व क्रिकेट के उन देशों में शुमार है जहां क्रिकेट को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता। सिर्फ पसंद ही नही बल्कि क्रिकेट को पूजा जाता है। बचपन से देश के लिए क्रिकेट खेलने का सपना उसे इस कदर खुद को मजबूत बनाता देता है। कि उसके लिए नेशनल टीम खुल सकें। लेकिन घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन और आईपीएल में एक के बाद एक मैच में बड़ी पारियां खेलना और टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाना फिर भी ऐसे जाबांज खिलाड़ी को बाहर बैठना पड़ जाए ऐसे में अल्लामा इकबाल की ये पंक्तियां महज एक कहावत बनकर रह जाती है असल जिंदगी में इसकी कोई अहमियत नही होती। टीम इंडिया का एक ऐसा खिलाड़ी जिसने अपनी बेजोड़ परफॉर्मेंस से ना जाने कितने रिकॉर्ड बना डाले। फिर भी उसके नाम को लेकर सेलेक्टरों के कान में जूं तक नहीं रेंगती।

आज हम बात करने वाले है एक ऐसे खिलाड़ी की जिसकी प्रतिभा पर शक करना बेइमानी होगी। जिसकी काबिलियत को वो पहचान नही मिली जिसके लिए उसने खुद को खपाया है। जिसे चेन्नई सुपर किंग्स सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी का दर्जा देती है। हम बात कर रहे है ऋतुराज गायकवाड कीआज हम इस लेख में ऋतुराज गायकवाड के जीवन के उन अनछुए पहलुओं के बारे में जिन्हे आपने इससे पहले कभी नही जाना होगा।

ऋतुराज गायकवाड का जन्म 31 जनवरी 1997 को महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था। ऋतुराज के पिता दशरथ गायकवाड डिफेंस टीचर डेवलपमेंट ऑफिसर थे। और मां सविता गायकवाड एक स्कूल में टीचर थी। ऋतुराज के परिवार में खेल को लेकर दूर दूर तक कोई चर्चा नहीं होती थी। ऋतुराज के परिवार में सिर्फ पढ़ाई को ही तवज्जो दिया जाता था। ऋतुराज भी ज्यादातर खिलाड़ियों की तरह बचपन से ही क्रिकेट में दिलचस्पी रखते थे। ऋतुराज क्रिकेट को लेकर जीतने उत्साहित थे पढ़ने लिखने में उतने ही कमजोर। ऋतुराज का पढ़ाई में मन बिल्कुल भी नहीं लगता था। ऋतुराज को टीवी पर क्रिकेट देखने का बहुत शौक था। जब भी टीम इंडिया का मैच आता ऋतुराज टीवी के सामने बैठ जाते थे। जबकि उनके पिता ऋतुराज को पढ़ने के लिए टोकते लेकिन ऋतुराज सिर्फ टीवी पर ही अड़े रहते थे। साल 2003 की बात है। ऋतुराज महज सात साल के होंगे। भारत में ट्राई सीरीज खेली जानी थी यह सीरीज भारत , ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेली जा रही थी। और इसके फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर ट्राई सीरीज कब्जा ली। लेकिन ब्रेंडन मैक्कुलम फॉर्म में थे। एक मैच में मैक्कुलम ने ताबड़तोड़ 50 रन बनाए थे। यह मैच ऋतुराज टीवी पर देख रहे थे। मैक्कुलम की इस पारी ने पता नही क्या जादू किया की ऋतुराज गायकवाड ब्रैंडन मैक्कुलम के दीवाने हो गए। और उन्हे यह खेल पसंद आ गया। ऋतुराज की ने जिद्द पकड़ ली थी कि वो बिल्कुल ब्रैंडन मैक्कुलम की तरह बनना चाहते है। इस बीच ऋतुराज का किसी ने साथ नही दिया और उन्होंने कुछ सालों तक अकेले ही क्रिकेट की प्रैक्टिस की। कभी कभी छुट्टी वाले दिन ऋतुराज अपने पिता के साथ पार्क जाते और मस्ती मस्ती में क्रिकेट खेलते थे।

ऋतुराज जब 11 साल के हुए तो उन्होंने पुणे में वेंगेसकर क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन कर ली। जहां से उन्हें प्रोफेशनल क्रिकेट के गुण सीखने को मिला।ऋतुराज 15 साल की उम्र तक अपनी गेम को लेकर बिलकुल भी सीरियस नही थे। किसी बड़े लीग में उनको सेंचुरी मारने में कई साल लग गए। ऋतुराज में प्रतिभा तो पहले से ही थी। जूनियर टीम के चयनकर्ताओं की निगाहों में ऋतुराज बस गए थे और जल्द ही ये महाराष्ट्र की अंडर 14 और अंडर 16 टीम में चुन लिए गए। ऋतुराज अब एक परिपक्व खिलाड़ी बन गए थे। दिनों दिन अपनी प्रतिभा को निखारते हुए ऋतुराज को उनकी मेहनत का फल सबसे ज्यादा 2014 और 2015 के कूच बिहार ट्रॉफी में मिला । जब ऋतुराज ने तीन सेंचुरी , एक हाफ सेंचुरी और एक डबल सेंचुरी ठोक डाली। इस पूरे टूर्नामेंट में ऋतुराज के बल्ले से 6 मैच में 826 रन निकले। और यहां से ऋतुराज गायकवाड ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस शानदार प्रदर्शन के बलबूते ऋतुराज का सिलेक्शन महाराष्ट्र की रणजी ट्रॉफी में हो गया। ऋतुराज महेंद्र सिंह धोनी के बहुत बड़े फैन है। धोनी से मिलने और उनके साथ खेलने की इच्छा ऋतुराज ने एक बार एक इंटरव्यू में बताया था। वो वक्त आ गया जब उनकी धोनी से मिलने की इच्छा पूरी होने वाली थी। धोनी झारखंड टीम के मेंटोर थे झारखंड के खिलाफ महाराष्ट्र का रणजी मैच था। ऋतुराज अपनी बैटिंग को अपनी टीम से ज्यादा इंप्रेस धोनी को करना चाहते थे। लेकिन टूर्नामेंट के पहले ही मैच में वरुण एरोन की गेंद से ऋतुराज की उंगली में गंभीर चोट लग गई।और वो बहुत जल्द ही आउट हो गए। इस पूरे सीजन ऋतुराज चोट की वजह से बाहर बैठे रहे। और उन्हे दूसरा मौका ही नही मिला। ऋतुराज जब तक वापसी की सोचते चीजे बहुत बदल चुकी थी। मिडिल ऑर्डर में भी कोई स्लॉट खाली नहीं थी। जिससे उन्हें प्लेइंग इलेवन में रखा जाए। टीम में ऐसे खिलाड़ी थे जिनकी फॉर्म अच्छी थी लेकिन टीम के ओपनर की फॉर्म अच्छी नही थी। टीम मैनेजमेंट ऋतुराज के लिए सिर्फ ओपनिंग के बारे में ही सोच सकती थी। और उन्होंने ऐसा ही किया। ऋतुराज ने लिस्ट ए के डेब्यू मैच में 132 गेंदों का सामना कर 110 रनों की शानदार पारी खेली। ऋतुराज का बल्ला पूरे सीजन गरजा, उन्होंने साथ मैचों में 444 रन बनाए।

ऋतुराज इस सीजन में अपनी टीम की तरफ से हाईयेस्ट स्कोरर थे। और टीम वो बतौर ओपनर सेट हो गए। वो कहते है ना कि काम करो ऐसा कि एक पहचान बन जाए, और अपना हर कदम ऐसा चलो की निशान बन जाए, यहां जिंदगी तो हर कोई काट लेता है जिंदगी जिओ इस कदर की मिसाल बन जाए। ऋतुराज गायकवाड अपने बेहतरीन परफोर्मेंस की वजह से सुर्खियों में थे। साल 2019 के आईपीएल के नीलामी चल रही थी। ऋतुराज तब घर पर नहीं थे। उन्हे टीवी चालू करने में देर हो गई। और वो अपनी औकशन मिस कर गए। उन्हे पता था कि हार बार की तरह उन्हें कोई भी टीम नही खरीदेगी। और उन्होंने चैनल बदल दिया। कुछ देर बाद उनके मोबाइल पर हजारों नोटिफिकेशन और मैसेज आने लगे। तब उन्होंने देखा तो वो यकीन नहीं कर पाए। क्योंकि चेन्नई सुपर किंग ने ऋतुराज को 20 लाख रुपए में खरीद लिया था। ये बात उन्होंने पिता और मां को बताई तो उनके चेहरे पर खुश काम आंखो में आंसू ज्यादा थे ये आंसू खुशी के ही थे। वैसे तो ऋतुराज काफी स्ट्रॉन्ग है। लेकिन कभी कभी अपने दिमाग को कैसे शांत रखे उन्हे नहीं पता होता था। लेकिन जब वे सीएसके के कैंप से जुड़े और धोनी से मिले जिससे मिलने के लिए और उनके साथ खेलने के लिए ऋतुराज ने इच्छा जताई थी। यहां ऋतुराज पूरी तरह से मेंटली ठीक हुए। ऋतुराज का पहला ओवरसीज टूर्नामेंट इंडिया ए के साथ वेस्ट इंडीज में था। शुरू में उन्हे दिक्कत का सामना करना पड़ा। ऋतुराज वहां अकेलापन महसूस कर रहे थे। सीएसके कैंप की बातें उन्हे हौंसला दे रही थी। ऋतुराज ने इस टूर्नामेंट जो किया उससे वो खुद हैरान थे। आखिर एक के बाद एक शानदार पारियां कैसे खेल गए। श्रीलंका के खिलाफ 187 रन, और बाकी मैचों में 124, 84,74,85,99 रन बनाए थे ऋतुराज ने कुल 6 मैचों मे 667 रन बनाए थे।

ऋतुराज आईपीएल 2019 के सीजन में बेंच पर ही थे। लेकिन उन्होंने रणजी ट्रॉफी में फिर धमाल मचाया। और अपनी काबिलियत का परिचय दिया। ऋतुराज ने रणजी ट्रॉफी के 11 इनिंग में 439 रन ठोक डाले थे। इसमें दो शतक और दो अर्द्ध शतक थे। इसके बाद उन्होंने सय्यद मुस्ताक अली ट्राफी में भी खूब धमाल मचाया और पूरे टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने। ऋतुराज ने 11 मैचों मे 419 रन बनाए । ऋतुराज एक ऐसे खिलाड़ी है जो खुद को सिंपल रखना पसंद करते हैं। उनका ना तो कोई यूनीक स्टाइल है और ना ही कोई नए तरीके का स्टांस है। ऋतुराज ने घरेलू क्रिकेट में खूब रन बनाए है उन्होंने सिर्फ ऐसे शॉट खेले है जो आमतौर पर एक साधारण बल्लेबाज खेलता है। वो दूसरे खिलाड़ी को देखकर अपने खेल के तरीके को नहीं बदलते है। हां वो अपने टीम मेट से सीखते जरूर है। ऋतुराज में वो कला है कि वो टीम की जरूरत के हिसाब से बल्लेबाजी करना पसंद करते हैं। राहुल द्रविड़ ने उन्हें एक बार कहा था कि तुम कैसे प्रॉपर डिफेंड से अपने विरोधियों को परेशान कर सकते हो। क्योंकि क्रिकेट का खेल 90% दिमाग में ही खेला जाता है। साल 2020 में उन्हे करोना हो गया। तो उन्हे लगा की इस बार वो आईपीएल नहीं खेल पाएंगे । लेकिन उन्होंने बहुत जल्दी खुद रिकवर कर लिया और आईपीएल में सीएसके की टीम का हिस्सा बन गए । और जिस लम्हे का इंतजार ऋतुराज कई सालों से कर रहे थे वो लम्हा नजर आने लगा। साल 2020 में उन्होंने सीएसके से आईपीएल में डेब्यू किया। शुरू के दो मैचों मे ऋतुराज ने निराश किया उन्होंने सिर्फ 5 रन बनाए और टीम से ड्रॉप हो गए। सीएसके जब प्ले ऑफ से बाहर हो गई तो उन्होंने बाकी चार मैचों में 200 रन बनाए। इस तरह उन्हें 6 मैच खेलने को मिले । जहां उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी और 51 की औसत से 204 रन बनाए। जिसमे उनका उच्चतम स्कोर 72 रन था। सीएसके के लिए अब एक यंग ओपनर की तलाश पूरी हो चुकी थी। आईपीएल और घरेलू क्रिकेट को देखते हुए ऋतुराज के लिए वो पल आने वाला था जिसका उन्हे बेसब्री से इंतजार था। उनका चयन टीम इंडिया में हो गया। 28 जुलाई 2021 को ऋतुराज गायकवाड को श्री लंका के खिलाफ प्रेमदासा स्टेडियम में टी 20 क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला। इसी साल यानी आईपीएल 2021 में ऋतुराज ने जो किया उससे हर कोई हैरान था।

आईपीएल 2021 के 16 मैचों मे 136 की स्ट्राइक और 45 की शानदार औसत से ऋतुराज ने 635 रन बनाए। और औरेंज कैप अपने नाम की। इतना ही नहीं उन्हे इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड से भी नवाजा गया। इस आईपीएल में ऋतुराज ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ उन्होंने आईपीएल का पहला शतक भी ठोक दिया। ऋतुराज ने 101 रनों की नाबाद पारी खेली थी। ऋतुराज अब ओडीआई क्रिकेट के लिए तैयार थे। साउथ अफ्रीका की टीम तेंबा बावुमा की अगुवाई में भारत दौरे पर आई। जहां उसे तीन मैचों की ओडीआई सीरीज खेलनी थी। 6 अक्टूबर 2022 को ऋतुराज गायकवाड को अंतर्राष्ट्रीय वनडे क्रिकेट में भी डेब्यू करने का मौका मिल गया। ऋतुराज ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ लखनऊ के इकाना स्टेडियम में अपना पहला वनडे मैच खेला। ऋतुराज टीम इंडिया की रंगीन जर्सी में नजर आ चुके थे। इससे पहले साल 2022 के आईपीएल सीजन में ऋतुराज ने 14 मैचों मे 368 रन ठोक डाले। इस सीजन में ऋतुराज एक और शतक जड़ने से चूक गए। सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ उन्होंने धमाकेदार 99 रनों की पारी खेली थी। और आईपीएल में अपने दूसरे शतक से महज एक रन से चूक गए । इसी साल ऋतुराज ने उत्तर प्रदेश के खिलाफ विजय हजारे ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में महाराष्ट्र के लिए खेले। उन्होंने यूपी के गेंदबाज शिव सिंह के पारी के अंतिम ओवर में 43 रन ठोक दिए। ऋतुराज ने लगातार 6 छक्के मारे थे। ऋतुराज गायकवाड को चेन्नई सुपर किंग ने 6 करोड़ में रिटेन किया है। और वो आईपीएल 2023 में फिर से धमाल मचाने को तैयार है।

अपने छोटे से करियर में ऋतुराज गायकवाड ने एक एकदिवसीय और 9 टी 20 मैच खेले है जिसमे उन्होंने लगभग 150 रन बनाए है। वहीं आईपीएल की बात करें तो ऋतुराज ने 2020 से 2022 तक के आईपीएल करियर में कुल 37 मैचों में1299 रन बनाए है। जिसमे एक शतक भी शामिल है।

दोस्तों, क्या आपको नही लगता कि ऋतुराज गायकवाड जिस तरह का प्रदर्शन आईपीएल और डोमेस्टिक क्रिकेट में कर रहे है उन्हे भारतीय टीम में लगातार मौके मिलने चाहिए? आपको क्या लगता है? आप हमें अपनी राय कमेंट करके बता सकते है 

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *