आप सभी जानते हैं भारत में अभी क्रिकेट का त्यौहार इंडियन प्रीमियर लीग(IPL) आईपीएल चल रहा है। आईपीएल भारत ही नहीं बल्कि विश्व की सर्वश्रेष्ठ T20 क्रिकेट लीग है। इस टूर्नामेंट में ना जाने कितने खिलाड़ियों का भविष्य सवार दिया है। यह एक ऐसा मंच है जहां विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी आकर खेलते हैं और हमें उभरते हुए सितारों को देखने का मौका मिलता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टीम में जगह बनाने का आईपीएल एक बहुत अच्छा जरिया है जिसे युवा खिलाड़ी भरपूर प्रयोग करना चाहते हैं। इसके अलावा इस क्रिकेट लीग में भरपूर पैसा खिलाड़ियों को मिलता है। आईपीएल ने क्रिकेट की दुनिया को ही बदल के रख दिया है।
2008 में शुरू हुए इस टूर्नामेंट का विश्व भर में क्रिकेट फैंस बेसब्री से इंतजार करते हैं। आप सब जानते हैं कि इस क्रिकेट लीग की बदौलत भारत ही नहीं बल्कि विदेशी खिलाड़ियों ने भी काफी नाम और पैसा कमाया है। यह सूची बहुत लंबी है जो शायद हम कुछ घंटों में खत्म ही ना कर पाए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आईपीएल में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी है जो अच्छा प्रदर्शन के बावजूद भी गुमनाम हो गए। हर सीजन कुछ ऐसे खिलाड़ी जरूर होते हैं जो कुछ मैचों या कुछ मौकों पर ऐसा कर देते हैं कि वह दुनिया का दिल जीतने में सफल हो जाते हैं और बुलंदियों पर पहुंच जाते हैं लेकिन उसके बाद वह कहां गए कुछ मालूम ही नहीं चला.
आज हम ऐसे ही कुछ 5 खिलाड़ियों के बारे में बात करेंगे जिन्होंने आईपीएल में तो नाम कमाया लेकिन उसके बाद वह कहीं खो गए।
इस सूची में पहला नाम आता है पॉल वल्थाटी का, आक्रमक बल्लेबाज और कामचलाऊ गेंदबाज वल्थाटी ने आईपीएल 2009 में राजस्थान रॉयल्स के लिए डेब्यू किया था। लेकिन इस खिलाड़ी ने आईपीएल 2011 में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ शतक लगाकर बहुत नाम कमाया था। मोहाली के मैदान पर चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से खेलते हुए इस बल्लेबाज ने मात्र 63 गेंदों में नाबाद 120 रन की पारी खेल कर सनसनी मचा दी थी। अगले मैच में 75 रन की पारी और उसके बाद 46 रन की ताबड़तोड़ पारी खेलकर यह खिलाड़ी रातों–रात पूरी दुनिया में छा गया। गेंद के साथ भी यह खिलाड़ी विकेट झटक रहा था और इससे इनके नाम पर सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर खिलाड़ी का टैग लग गया। इस खिलाड़ी का बल्ला जमकर आग उगल रहा था लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।आईपीएल 2012 में इस खिलाड़ी को 6 मैच खेलने का मौका मिला तो वहीं आईपीएल 2013 में मात्र एक मैच खेला। पॉल वल्थाटी इसके बाद कभी कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके और इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
इसके बाद नाम आता है कामरान खान का, जिन्होंने आईपीएल में असाधारण प्रदर्शन कर खूब दिल जीते थे लेकिन कुछ समय बाद इस खिलाड़ी को भी सब भूल गए। उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव नद्वासराय से निकले कामरान खान ने विश्व भर में अपने हुनर को दिखाया। 19 साल पर आईपीएल डेब्यू करने वाले कामरान खान को राजस्थान रॉयल्स की टीम में खेलने का मौका मिला। कामरान अपने पिता के साथ जंगल में लकड़ियां काटने का काम करते थे और साथ में टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते थे। लेकिन जब इस खिलाड़ी को आईपीएल में खेलने का मौका मिला तो अपनी रफ्तार से इस खिलाड़ी ने ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज शेन वॉर्न को काफी प्रभावित किया। अपनी दमदार गेंदबाजी की बदौलत यह खिलाड़ी विश्व भर में छा गया और आईपीएल 2009 में इस खिलाड़ी को बहुत प्रसिद्धि मिली। उस सीजन इस गेंदबाज ने विश्व के कई सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई थी और 5 मैच में 6 विकेट चटकाए थे. आईपीएल इतिहास के पहले सुपर ओवर में इस गेंदबाज पर शेन वॉर्न ने भरोसा जताया था और यह खिलाड़ी भरोसे पर खरा उतरा। इनकी बदौलत राजस्थान रॉयल्स ने कोलकाता नाइट राइडर्स को सुपर ओवर में हरा दिया। शेन वॉर्न को विश्वास था कि यह खिलाड़ी जल्द ही भारत के लिए खेलता हुआ दिखाई देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इनके गेंदबाजी एक्शन की वजह से इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और फिर इन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले। कभी 140 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद फेंकने वाले इस गेंदबाज को पूरा विश्व जान रहा था लेकिन कुछ ही समय में यह भी गुमनामी के अंधेरे में खो गए।
इस सूची में तीसरे स्थान पर उन्मुक्त चंद आते हैं। 2012 अंडर-19 विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान उन्मुक्त के साथ भी कुछ ऐसा हुआ। यह खिलाड़ी अपने करियर की शुरुआत में ही शिखर पर पहुंच गया था लेकिन वहां ज्यादा दिन तक टिक ना सका। विश्व कप जीतने के बाद यह खिलाड़ी पूरी तरह से आईपीएल में विफल हुआ। उन्मुक्त दिल्ली डेयरडेविल्स, राजस्थान रॉयल्स और मुंबई इंडियन जैसी टीमों का हिस्सा बने लेकिन इनका आईपीएल करियर किसी बुरे सपने जैसा रहा। 6 सीजन में इस खिलाड़ी को मात्र 23 मुकाबले खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने सिर्फ 300 रन ही बनाए। इनके विफल होने का सबसे बड़ा कारण मीडिया और बाहरी दुनिया में सुर्खियां बटोरना रहा। वक्त से पहले स्टार बनने के चक्कर में इस खिलाड़ी का ध्यान क्रिकेट से भटक गया और यह अपनी बल्लेबाजी पर फोकस नहीं कर सके। एक बार कुछ ऐसा वाकया हुआ था कि दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से खेलते हुए यह खिलाड़ी तीन पारियों में 2 बार पहली ही गेंद पर पवेलियन की तरफ लौट गया लेकिन इसके बावजूद अभ्यास सत्र की जगह यह एक विज्ञापन शूट करने चले गए। यही वजह रही कि इनका करियर पूरी तरह से फ्लॉप हो गया।
दोस्तों, चौथे स्थान पर स्वप्निल असनोदकर का नाम आता है। गोवा के काफी अनुभवी टॉप ऑर्डर के स्टार बल्लेबाज स्वप्निल ने आईपीएल 2008 सीजन में राजस्थान रॉयल्स को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। यह गेंदबाजों की जमकर पिटाई कर रहे थे और इनका नाम पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो गया था। क्रिकेट प्रशंसक ऐसा समझने लगे थे कि जल्द ही यह खिलाड़ी विश्व क्रिकेट में राज करेगा। डेब्यू सीजन में स्वप्निल का बल्ला जमकर बोला और मात्र 9 मुकाबलों में 133.48 की बेहतरीन स्ट्राइक रेट से इस बल्लेबाज ने 311 रन बटोरे। गेंद से भी स्वप्निल विकेट चटका रहे थे और जमकर सुर्खियां बटोर रहे थे। इधर राजस्थान की टीम चैंपियन बन गई थी और स्वप्निल असनोदकर रातों–रात स्टार। 2008 में राजस्थान रॉयल्स के कप्तान महान खिलाड़ी शेन वॉर्न इस खिलाड़ी को गोवा का तोप बुलाते थे। लेकिन यह खिलाड़ी अपनी फॉर्म को जारी नहीं रख पाया। घरेलू क्रिकेट के बाद आईपीएल 2009 में यह बुरी तरह से फेल हो गए और इन्होंने 8 मुकाबलों में 12 की खराब औसत से 98 रन ही बनाए। इसके बाद इस खिलाड़ी ने अपनी चमक खो दी और धीरे–धीरे लोगों की आंखों से ओझल हो गए।
इस सूची में पांचवा नाम मनविंदर बिसला का आता है। 2009 में अपने आईपीएल करियर की शुरुआत करने वाले मनविंदर बिसला को डेक्कन चार्जर्स ने उनके पहले संस्करण में एक भी मैच नहीं खिलाया। इसके बाद यह खिलाड़ी आईपीएल 2010 में किंग्स इलेवन पंजाब के साथ जुड़ा लेकिन इन्हें असली पहचान आईपीएल 2012 में मिली। कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से इस खिलाड़ी ने जमकर रन बटोरे और यह सभी की जुबां पर छा गए। आईपीएल 2012 का फाइनल मुकाबला और भिड़ंत चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच थी। फाइनल मुकाबले से पहले कोलकाता नाइट राइडर्स के ओपनर बल्लेबाज ब्रैंडन मैकुलम चोटिल हो गए और टीम को परेशानी में डाल दिया। उनकी जगह पर मनविंदर बिसला को फाइनल मुकाबला खेलने को मिला और इस खिलाड़ी ने मौके का भरपूर फायदा उठाया। मात्र 48 गेंदों में 89 रन की पारी खेलकर इस खिलाड़ी ने कोलकाता नाइट राइडर्स को आईपीएल 2012 का चैंपियन बना दिया। विश्व भर में प्रसिद्ध होने के बाद यह खिलाड़ी आईपीएल 2014 तक कोलकाता नाइट राइडर्स का हिस्सा रहा लेकिन इसके बाद इन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले। आईपीएल 2015 में इन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की तरफ से दो मुकाबले खेले लेकिन इसके बाद किसी भी फ्रेंचाइजी ने इन्हें खरीदने मे उत्सुकता नहीं जताई और यह खिलाड़ी भी कहीं अंधेरे में खो गया।
दोस्तों, आपको इन 5 खिलाड़ियों में से कौन सा खिलाड़ी याद है ? कमेंट में बताएं.