सहारा इंडिया निवेशकों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह उत्पन्न हो गई है कि उनका पैसा उन्हें मिलेगा या नहीं मिलेगा. क्योंकि जब निवेशक सहारा के पास पैसा जमा किये थे तो यह सोच कर रखे थे कि भविष्य में उनको उनका पैसा मिल जाएगा लेकिन अब मैच्युरिटी पूरी हो जाने के बाद भी उन्हें पैसा नहीं मिल पा रहा है ऐसे में अब निवेशकों के मन में यह समस्या उत्पन्न हो रही है कि इन गरीब निवेशकों का क्या होगा. जिनका पैसा सहारा के पास फंसा हुआ है. बता दें कि गरीब निवेशकों के लिए वरदान बनकर आए हैं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल. इन्होंने सहारा से पीड़ित परिवारों को पैसा लौटा दिया है. बता दें कि पिछले दिनों छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने हजार 309 निवेशकों को 2 करोड़ 84 लाख 20 हजार 238 रुपये चेक के रूप में प्रदान किया है.

पिछले दिनों छत्रपति शिवाजी महाराज की स्मृति में उनकी मूर्ति का अनावरण किया जा रहा था इसी दौरान उन्होंने राशि का वितरण किया और कहा कि आज सहारा इंडिया के 4 हजार 309 निवेशकों को उनके गाढ़े कमाई के निवेश किए गए 2 करोड़ 84 लाख 20 हजार 238 रुपये की राशि चेक के माध्यम से लौटाई जा रही है. आपको जानकर हैरानी होगी कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य हैं जोकि इन चिटफंट कंपनियों पर कार्रवाई कर निवेशकों द्वारा जमा की गई राशि की वसूली इन कंपनियों से कर निवेशकों को लौटा रहा है. इससे पहले भी भूपेश बगेल ने 3 हजार 274 निवेशकों को 2 करोड़ 56 लाख रुपये की राशि लौटाई है, बता दें कि उस समय वर्चुअल माध्यम से दुर्ग जिले के चिटफंट कंपनी के निवेशकों को राशि लौटाई गई थी. बता दें कि छत्तीगढ़ शासन चिटफंड कंपनियों पर कठोर कार्रवाई कर रही है. जिसके तहत दुर्ग जिले में अकेले 126 डायरेक्टर और 8 पदाधिकारियों की गिरफ्तारी हुई है. इतना ही नहीं चिटफंट कंपनियों की संपत्तियों को कुर्क कर निवेशकों को राशि वापस की जा रही है.

ये तो बात हो गई गई छत्तीगढ़ की लेकिन देश के अन्य राज्यों में पैसे के निवेशकों को बस सहारा से पैसे का इंतजार हैं. क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार तो अपने निवेशकों के लिए खुद कंपनी से बात कर रह है लेकिन अन्य राज्यों की सरकारे इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. ऐसे में अब यह सवाल उठने लगा है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को भी निवेशकों के पैसे लौटाने में मदद करने की जरूरत है. क्योंकि यह पूरा मामला लंबे समय से कोर्ट में लंबित पड़ा है.ऐसे में अब कहा जा रहा है कि कोर्ट का फैसला कब आएगा यह किसी को पता नहीं है. तब तक निवेशक कितना इंतजार करेंगे. क्योंकि वे जो पैसा जमा किये थे वे अपने भविष्य को ध्यान में रखकर किये थे लेकिन अब जब समय पूरा हो गया है तो कंपनी पैसा भी नहीं दे रही है.

हालांकि सहारा इंडिया परिवार के खिलाफ देश के अलगअलग हिस्सों में मुकदमा दायर किया गया है. बिहार में तो पिछले दिनों पटना हाई कोर्ट ने सहारा के प्रमुख सुब्रत राय सहारा को गिरफ्तारी को लेकर वारंट भी जारी कर दिया था हालांकि बाद में इसपर रोक लग गया था. लेकिन देश के लगभग राज्यों में कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है. सभी निवेशक अपना लाखों रूपया कंपनी के पास जमा कर चुके हैं लेकिन उन्हें पैसा मिल नहीं रहा है. ऐसे में अब निवेशकों को बस इस बात की आस हैं कि जितनी जल्दी हो सके उन्हें उनका पैसा मिल जाए. बता दें कि कंपनी ने बहुत ही कम समय में पैसा दोगुना करने के नाम पर अपने काम की शुरुआत की थी. और देश के हर वर्ग के लोगों को इन्होंने इस काम में जोड़ा था. ताकि वे समाज के हर तबके तक अपनी पकड़ को मजबूत बना सके और कमजोर तबके का पैसा अगर इनके पास होगा तो वे अपनी आवाज को भी बुलंद नहीं कर पाएंगे ऐसे में गरीब तबके के लोगों ने अपने भविष्य को ध्यान में रखते हुए पैसा जमा किया था.

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