सहारा इंडिया का मामला देश में इन दिनों एक ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है. इंटरनेट पर सहारा से पैसे मिलने की बात सबसे ज्यादा सर्च की जा रही है. लोग इस बात की जानकारी चाहते हैं कि उनका पैसा उन्हें कब मिलेगा. ऐसे में अब सहारा को लेकर खासकर निवेशकों को लेकर अच्छी खबर सामने आने लगी है. आपको बता दें कि देश के कई ऐसे राज्य हैं जहां की सरकार सहारा से सीधे बात कर अपने जिले के प्रदेश के निवेशकों को पैसा लौटाने पर विचार कर रही है या फिर कर रही है. इसी कड़ी में देश के गृह मंत्री और वित्त मंत्री ने भी इस ओर विचार करना शुरू कर दिया है. मीडिया में चल रही खबरों की माने तो सहारा में गरीब निवेशकों का सबसे ज्यादा पैसा है. क्योंकि उन दिनों सहारा कम समय में ज्यादा पैसा देने की बात कहती थी ऐसे में अपने भविष्य को ध्यान में रखते हुए लोगों ने सहारा के पास पैसा जमा किया और आज स्थिति यह है कि सहारा ने उन्हें बेसहारा कर दिया.

खैर अब इस पूरे मामले पर केंद्र सरकार के साथ ही कई विभाग एक्टव हो गया है और निवेशकों का पैसा कैसे उन तक पहुंचाया जाए इसको लेकर विचार किया जा रहा है. इसी कड़ी में पिछले दिनों देश के गृह मंत्री वित्त मंत्री के साथ ही कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने मिलकर एक बैठक बुलाई थी. जिसमें इस बात पर विचार किया गया कि सेबी में जिन निवेशकों का पैसा अटका है उन्हें पैसे कैसे लौटाए जाएं. बता दें कि सहारा की तीन कोऑपरेटिव में भी निवेशकों के करीब 1 लाख करोड़ अटके हुए हैं. जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान का पैसा सबसे ज्यादा. इधर सेबी के पास जो 24 हजार करोड़ रुपये हैं उसमें सहारा ग्रुप की 523 कंपनियों के पैसे लगे हुए हैं लेकिन सेबी की तरफ से सिर्फ सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के निवेशकों का पैसा लौटाया जा रहा है.

पिछले दिनों जिस तरह से गृह मंत्री, वित्त मंत्री और अन्य संस्थानों की तरफ से बैठक हुई उसमें इस बात का जिक्र किया गया कि हम किस तरह से इस 24000 करोड़ रुपये को 523 कंपनियों में बांट सकते हैं. हालांकि बाद में यह भी कहा गया है कि इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि इस 24000 में से 5 हजार रुपये की मांग भारत सरकार की तरफ से की जाएगी जिससे की कंपनियों को धीरे धीरे कर के पैसे का भुगतान किया जा सके. हालांकि अब इसमें देखने वाली बात यह है कि इस पूरे मामले पर सहारा का रुख क्या होता है. क्योंकि अब केंद्र सरकार ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है ऐसे में अब देखना है कि सहारा किस तरह का रुख अख्तियार करती है. अगर सहारा की तरफ से किसा तरह की आपत्ति नहीं होती है तो उम्मीद करते हैं बहुत ही जल्द गरीब निवेशकों का पैसा उनके खाते में पहुंच पाएगा.

आपको बता दें कि सेबी ने अब तक निवेशकों को 138 करोड़ रुपये रिफंड किया है. जिसमें सेबी ने अपनी दलील में कहा है कि उसे 31 मार्च 2022 तक 19 हजार 650 आवेदन मिले थे जिसमें रिफंड के कुल 82.31 करोड़ रुपये के दावे शामिल हैं. सेबी ने यह भी कहा है कि 17 हजार 526 मामलों में 68 करोड़ रुपये ब्याज के साथ ही 138 करोड़ रुपये रिफंड जारी किया गया है.

ऐसे में अब यह उम्मीद की जा रही है कि गरीब निवेशकों का पैसा बहुत ही जल्द उन्हें मिल सकता है क्योंकि अब भारत सरकार सीधे तौर पर अब हस्तक्षेप करने जा रही है. ऐसे में एक उम्मीद की किरण जरूर दिख रही है.

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