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2 बार जड़ दिए 1 ओवर में 5 छक्के, दुनिया कहती है भविष्य का युवराज !

Bihari News

डूबते करियर को मिला CSK का सहारा, कहते हैं भविष्य का युवराज !

वो खिलाड़ी जिसके डूबते करियर को सीएसके का सहारा मिला

टीम इंडिया का वो खिलाड़ी जिसे दुनिया भविष्य का युवराज कहने लगी

पिता की मेहनत, बेटे की लगन ने उसे सफल क्रिकेटर बनाकर ही छोड़ा

पहले आरसीबी ने निकाला फिर राजस्थान रॉयल्स ने निकाला सीएसके में जाते ही मचाया धमाल

खिलाड़ी जिसने प्रवीण तांबे के एक ओवर में जड़े थे पांच छक्के

कहते है परिवर्तन ही संसार का नियम है। और इस परिवर्तन में समय का रोल बहुत अहम योगदान होता है। और इस समय की अच्छी और बुरी बात यही है कि ये कभी एक जैसा नहीं रहता। क्योंकि हमने दुनिया में राजा को रंक और रंक को राजा बनते देखा है और ये सब मुमकिन होता है समय की वजह से। दोस्तों समय की एक खासियत यह भी है कि क्या पता जिसे आज ठोकरें मिल रही है कल उसे बादशाहत मिल जाए। इसलिए कभी किसी को उसके बुरे वक्त में कोसना नहीं चाहिए। कौन जाने कब किसका समय बदल जाए। खास तौर पर क्रिकेट जैसे खेल में यह बात लागू होती है। जहां एक गेंद पूरे खेल का नक्शा बदल सकती है।और पलक झपकते ही जीत हार तय हो जाती है। हम यह बातें इसलिए कर रहे है क्योंकि भारतीय क्रिकेट का एक ऐसा ही खिलाड़ी है जिसके क्रिकेट करियर में कब वक्त और जज्बात पलट जाए वो खुद नही जानता। वो कहते है ना कि सफलता पाने के लिए इंसान को हद तक टूटना और जुड़ना पड़ता है। और सफलताओ की संभावना कम हो तो फिर क्या कहना। लेकिन टीम इंडिया के इस खिलाड़ी ने जीवन में आए तमाम संघर्षों के आगे कभी घुटने नहीं टेके। और अपने सपनो को पूरा करके ही दम लिया।

हम बात करने वाले है एक ऐसे खिलाड़ी की जिसने अपने सपने को पूरा करने के लिए गरीबी में पलकर शोहरत की ऊंचाइयों को अपने कदमों में खींच लिया। वो कोई और नहीं टीम इंडिया का दूसरा युवराज कहे जाने वाला खिलाड़ी शिवम दुबे है। गगनचुंबी छक्के लगाने वाले शिवम में जीवन में एक पल ऐसा भी आया कि जब उनका करियर शुरू होने से पहले ही समाप्त हो गया। जब पांच वर्षों तक उन्होंने बिल्कुल भी क्रिकेट नहीं खेला। आज हम अपनी इस लेख में शिवम दुबे की जिंदगी के बारे में जानेंगे कि कैसे शिवम को क्रिकेटर बनाने के लिए उनके पिता ने कैसे अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया।

शिवम दुबे का जन्म 26 जून 1993 को मुंबई एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। सभी बच्चों की तरह शिवम दुबे को क्रिकेट खेलने का शौक बचपन से ही था। वो अपना आइडल दक्षिण अफ्रीका के महान पूर्व ऑल राउंडर जैक कैलिस को मानते हैं। शिवम के पिता राजेश दुबे ने अपने बेटे का सपना पूरा करने के लिए बचपन से ही उनका साथ दिया। पिता राजेश दुबे ने शिवम का क्रिकेट के प्रति लगन और जुनून को देखा जिसके बाद उन्होंने शिवम का दाखिला अंधेरी स्थित चंद्रकांता पंडित क्रिकेट एकेडमी में कराया। जहां वे सतीश सामंत से क्रिकेट के गुण सीखा करते थे। उनके पिता डेयरी उत्पादों का व्यवसाय करते थे। कुछ समय बाद, उनके पिता ने जींस धोने का व्यवसाय शुरू किया और महाराष्ट्र के भिवंडी में एक कारखाना स्थापित किया। इस बीच शिवम की क्रिकेट के प्रति लगन को देख उनके पिता ने अपनी फैक्ट्री को किराए पर दे दिया। जिससे शिवम के क्रिकेटर बनने के लिए कुछ आर्थिक मदद हो सके। शिवम के पिता ने अपने घर के पीछे एक क्रिकेट पिच भी बनाई जहां वो शिवम को घंटों अभ्यास कराते और सैकड़ों थ्रो डाउन कराते। सबसे पहले उन्होंने ही शिवम के जुनून और काबिलियत को पहचाना। यह कहने में बिलकुल भी गुरेज नही होना चाहिए कि शिवम के पहले कोच उनके पिता ही है। शिवम ने आपकी पढ़ाई हंसराज मोरारजी पब्लिक स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने उच्च शिक्षा मुंबई के रिजवी कॉलेज से पूरी की।छोटी सी ही उम्र में शिवम ने क्रिकेटर बनने की जिद ठान ली थी। और वे तय कर चुके थे कि क्रिकेट में ही वो अपना करियर बनाना चाहते है। शिवम एक अच्छे ऑल राउंडर बनने की राह पर थे। स्कूल के दिनों में उन्होंने कई मुकाबलों में हरफनमौला प्रदर्शन कर अपना जलवा बिखेरा।

शिवम जब 14 के थे तो उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। उनके पिता काफी कर्जे में आ गए। संघर्ष के दिनों में एक गरीब व्यक्ति कर ही क्या सकता है जब जीवन की परिस्थितियां और समय के विपरीत हो तो। लेकिन ऐसी स्थिति में शिवम ने वो किया जो कोई और क्रिकेटर करने की सोच भी नही सकता। क्योंकि शिवम के पिता डिप्रेशन में चले गए थे। और खराब हालातों के बीच शिवम को दिल में पत्थर रख क्रिकेट को छोड़ना पड़ा। क्योंकि शिवम के परिवार की ऐसी स्थिति हो गई थी कि घर में दो वक्त की रोटी जुटा पाना मुश्किल हो गया था। ताजुब होता है कि जो शिवम दुबे आज मैदान पर आतिशी चौके छक्के लगाते हैं। उन्होंने पांच साल तक मैदान पर कुछ नहीं किया। क्योंकि वो क्रिकेट छोड़ चुके थे। जो समय किसी भी खिलाड़ी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है जिस दैरान एक खिलाड़ी का मानसिक और शारीरिक जीवन की प्रगति चरम पर होती है। बदकिस्मती से शिवम उस वक्त क्रिकेट नही खेल रहे थे। लेकिन वो कहते है ना कि समय कब अपना करवट बदल दे कोई नही जानता। उसके बाद पांच साल बाद उन्होंने अपने चाचा रमेश दुबे और चचेरे भाई राजीव दुबे के सहयोग से क्रिकेट खेलना शुरू किया। इस बीच उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार भी होने लगा । लेकिन एक चुनौती शिवम के दरवाजे दस्तक दे चुकी थी।

जैसा की आप जानते है कि एक क्रिकेटर बनने के लिए अच्छी फिटनेस का होना आवश्यक होता है। अब क्योंकि शिवम इतने लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रहे थे इस दौरान उनकी फिटनेस काफी खराब हो गई। जिसके चलते उनके शरीर का वजन बढ़ गया। और शिवम मैदान और क्रीज पर दौड़ने में असमर्थ से हो गए। लेकिन शिवम के इरादे बुलंद थे और उन्होंने एक बार फिर वापसी करने की ठान ली थी।इस दौरान उन्होंने अपनी फिटनेस पर काफी ध्यान दिया। इसका परिणाम ये हुआ की उन्होंने काफी वजन कम किया और अपनी फिटनेस को नई ऊंचाइयों तक ले गए। इसके बाद नए सिरे शिवम ने अपनी गेम पर काम करना शुरू किया। शिवम के घर की वो पिच दोबारा तैयार की गई जहां वो 8 घंटे कड़ी मेहनत किया करते थे। इस बीच शिवम के करियर का पहला पड़ाव तब आया जब उन्हें मुंबई की अंडर 13 टीम में जगह मिल गई। जहां शिवम ने अपना रुतबा इस कदर बनाया की सब देखते रह गए। शिवम दुबे जहां बल्लेबाजी में बड़े शॉट लगाने में माहिर है वहीं गेंदबाजी में मध्यम तेज गति से सटीक लाइन लेंथ से विरोधी बल्लेबाजों को खूब छकाते थे यहां किए गए उनके बढ़िया प्रदर्शन को देखते हुए वर्ष 2015 में, उन्होंने मुंबई में बड़ौदा के खिलाफ सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अपना टी20 डेब्यू किया। जहां दुबे ने अच्छा खेल दिखाया।

उन्हें साल 2016 में फिर एक घरेलू टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला। ये विजय हजारे ट्राफी थी। जहां इस अवसर को भुनाने के लिए बेताब थे। इसके बाद शिवम ने विजय हजारे ट्रॉफी के अपने पहले ही मैच में शतक जड़ दिया । शिवम के इस शानदार खेल को देखते हुए उन्हें साल 2017 ,2018 के रणजी ट्रॉफी सीजन में मौका मिला। और उन्होंने अपने डेब्यू सीजन में पांच विकेट लेकर भारतीय टीम में एक ऑल राउंडर खिलाड़ी की दावेदारी पेश की। जिसे सीजन के अंत शिवम ने 662 रन और 23 विकेट लेकर तहलका मचा दिया था और अपनी दावेदारी को फिर से मजबूत किया । 2018 रणजी ट्रॉफी सीजन में शिवम दुबे ने सर्वाधिक 24 विकेट चटकाए। उन्होंने रेलवे के खिलाफ अपना पहला शतक जड़ा । और कर्नाटक के खिलाफ उन्होंने 7 विकेट लेकर कर्नाटक के बल्लेबाजों को घटने पर लाने को मजबूर कर दिया। इस बीच एक मैच में बड़ौदा के खिलाफ शिवम ने स्वप्निल सिंह के एक ओवर में पांच छक्के जड़ दिए। ठीक उसी साल शिवम ने प्रवीण तांबे के गेंद पर एक टी 20 मैच में यही करनामा किया। लेकिन इस बार इन पांच छक्कों के पीछे का किस्सा काफी रोचक है विजय बताते हैं 2019 आईपीएल सीजन के अक्शन को एक दिन बचा था।हार्दिक पंड्या बड़ौदा के लिए खेल रहे थे। हार्दिक शिवम के पास आए और उन्होंने शिवम को आश्वासन दिया कि वो आईपीएल में बिक जायेंगे । वहीं चायकाल में श्रेयस अय्यर ने कुछ अलग करने को प्रेरित किया जिससे सभी टीमों का ध्यान उनकी ओर आकर्षित हो और उनके इस कारनामे की बदौलत 2019 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने शिवम को पांच करोड़ में खरीदकर टीम में शामिल कर लिया। लेकिन विश्व की सबसे बड़ी लीग का दबाव उनके शुरुआती मैचों मे साफ झलका। और वे उम्मीदों के मुताबिक नहीं खेल पाए ।

शिवम ने चार मुकाबलों में सिर्फ 40 रन बनाए जिसमें उनकी औसत सिर्फ 13 की थी। इसके बाद शिवम दुबे ने घरेलू क्रिकेट का रुख किया और लिस्ट ए मैचों की कुछ शानदार पारियां खेलकर शिवम ने चयन कर्ताओं ध्यान अपनी ओर खींचा। और आखिरकार नवंबर 2019 को शिवम दुबे का नाम चोटिल हार्दिक पंड्या के स्थान पर बांग्लादेश खिलाफ भारतीय टीम में उनका नाम आया। और इसी दौरे में उन्होंने अपना टी 20 पदार्पण किया। शिवम ने 3 नवंबर 2019 को बांग्लादेश के खिलाफ पहले टी 20 मैच में 82 नंबर की कैप पहनकर मैदान पर उतरे। इसके बाद शिवम ने घरेलू सीरीज में अपने करियर का पहला इंटरनेशनल अर्द्ध शतक वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ बनाया। उस पारी में शिवम ने धांसू बैटिंग का नमूना दिखाकर 54 रन बनाए और अपने फैंस के दिलो में जगह बना ली। क्रिकेट पंडितो की माने तो उनका खेलने का अंदाज हू ब हू पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह जैसा है।

हालांकि शिवम ने अभी तक एक ही वनडे मैच खेला हुआ है। वो भी वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ। शिवम ने 15 दिसंबर 2019 वेस्टइंडीज़ के खिलाफ अपने ओडीआई करियर की शुरुआत की थी शिवम का अंतर्राष्ट्रीय करियर ठीक चल रहा था।लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ साल 2020 एक टी 20 मुकाबले में उन्होंने चार ओवर गेंदबाजी कर 34 रन लुटा दिए। और ना चाहते हुए भी शिवम के गले दूसरे सबसे महंगे ओवर का शर्मनाक रिकॉर्ड बन गया। वक्त शिवम दुबे के करियर का सबसे नाजुक और बुरा समय था। इसके बाद शिवम को टीम से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया यही नहीं रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने शिवम दुबे को रिलीज कर दिया। वजह थी उनका खराब प्रदर्शन , दुबे ने 2020 आईपीएल में 11 मैच में सिर्फ 18 की औसत से 129 रन बनाए थे और चार विकेट लिए थे। फिर वो साल 2021 में राजस्थान रॉयल्स का हिस्सा बने। राजस्थान ने शिवम को 4.40 करोड़ में खरीदकर टीम में शामिल कर लिया। यहां भी शिवम के खेल में प्रदर्शन की निरंतरता ना होने के कारण राजस्थान रॉयल्स ने भी उन्हें रिलीज कर दिया। शिवम ने 2021 के आईपीएल में राजस्थान की तरफ से खेलते हुए 9 मैचों मे 28 की साधारण औसत से 230 रन बनाए थे। जिसमे 64 रन उनका उच्चतम स्कोर था। वहीं गेंदबाजी में उन्हे कोई विकेट नही मिला था। इसके बाद 2022 के आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग ने शिवम दुबे को चार करोड़ में खरीदा। इसके बाद मानो शिवम के करियर को एक नई उड़ान मिली।

जहां एक तरफ उनका करियर दम तोड रहा था वहीं चेन्नई द्वारा दी गई आजादी, स्थिरता और धोनी जडेजा जैसे दिग्गजो के मार्गदर्शन से उनके खेल में एक अलग सा आत्म विश्वास , आत्मविश्वास नजर आया। शिवम ने सीएसके से खेलते हुए 2022 के आईपीएल में कुल 11 मैचों में 28 की औसत से 289 रन बनाए। जिसमें उन्होंने बैंगलोर के खिलाफ एक मैच में तो आरसीबी के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते हुए ताबड़तोड़ 95 रनों की पारी खेली थी। हां इस सीजन में उन्हे कोई विकेट नहीं मिला था। शिवम दुबे आईपीएल 2023 का सीजन सीएसके से ही खेल रहे है। अगर शिवम दुबे के निजी जीवन के बारे में बात करें तो शिवम दुबे एक मुस्लिम लड़की के प्यार में क्लीन बोल्ड हो गए। उन्होंने दिसंबर 2022 में अपनी प्रेमिका अंजुम खान से शादी कर ली। शिवम के शादी एक दूसरी वजह से सुर्खियों में आ गई। दरअसल शिवम ने शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया में डाली तो उन्होंने कैप्शन में लिखा था कि हमने प्यार से प्यार किया जो मोहब्बत से ज्यादा था. साथ ही उन्होंने लिखा था कि अब हमेशा के लिए हमारी जिंदगी शुरू होती है। इसके बाद कुछ ट्रोलरस ने उन्हें ना जाने क्यों ट्रोल करना शुरू कर दिया और वे शादी के बाद भी कई दिनों तक मीडिया की सुर्खी बने रहे। शिवम की पत्नी उत्तर प्रदेश से है और वे मॉडलिंग में दिलचस्पी रखती है।

शिवम दुबे के छोटे से करियर की बात की जाए तो उन्होंने एक ओडीआई और 13 टी 20 मैच खेले है जिसमे उन्होंने 105 रन बनाए है और पांच विकेट अपने नाम किए है। वहीं 16 प्रथम श्रेणी क्रिकेट और 78 घरेलू टी 20 करियर में शिवम ने लगभग 1300 रन बनाए है और करीब 75 विकेट हासिल किए है। शिवम दुबे के आईपीएल करियर पर नजर डाले तो उन्होंने आरसीबी, राजस्थान रॉयल्स और सीएसके जैसी टीमों का प्रतिनिधित्व किया है। दुबे ने कुल 36 मैच खेले है जहां उन्होंने 24 की औसत से 707 रन बनाए है और कुल चार विकेट ही अपने नाम कर पाए हैं।

दोस्तों, शिवम दुबे एक प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी है। क्या आपको वाकई में शिवम दुबे में भविष्य का युवराज सिंह नजर आता है। साथ ही आप इनके करियर को कैसे देखते है आप हमें अपनी राय कमेंट करके बता सकते है . 

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