बिहार में पटनाआरासासाराम 119A फोरलेन सड़क का निर्माण होना है. इसकी लम्बाई करीब 118 किलोमीटर तक में है. वहीँ सोन नदी पर अरवल और भोजपुर के सहार के बीच करीब तीन किलोमीटर लम्बा फोरलेन पुल का भी निर्माण किया जाएगा. बता दें की करीब 3500 करोड़ रुपये इस सड़क की अनुमानित लागत है. फोरलेन सड़क के निर्माण के लिए जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू की जा चूकी है. मिली जानकारी के अनुसार इसके निर्माण के लिए एजेंसी के चयन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी. बताया जा रहा है की साल 2025 तक इस परियोजना के पूरी होने की संभावना है. पटना से भोजपुर, अरवल, रोहतास, सासाराम होकर वाराणसी तक इस सड़क और पुल के निर्माण से आनेजाने में समय की भी बचत होगी.

बताते चलें की आरा शहर के बाहर से होकर पटनाआरासासाराम फोरलेन सड़क गुजरेगी. ऐसे में पटना जाने के लिए वाहन आरा शहर से गुजरे बिना हीं जिले के दक्षिण की ओर से पटना की तरफ गाड़ियाँ चली जाएँगी. वहीँ सासाराम से पटना जाने वाले लोगों के लिए यह सुविधाजनक हो जाएगा. क्योंकि पटना पहुँचने के लिए समय और दूरी दोनों की हीं बचत होगी. यदि वर्त्तमान की बात करें तो करीब पांच से छह घंटे का समय पटना से सासाराम पहुँचने में लग जाते हैं. यदि इस सड़क और पुल का निर्माण हो जाता है तो यह समय घट कर सीधे आधे हो जाएंगे और पटना से सासाराम पहुँचने में करीब ढाई से तीन घंटे के समय लगेंगे. बिहार के व्यापारियों को भी इस सड़क और पुल के बन जाने से माल लाने और ले जाने में सहायता मिलेगी और वहीँ दूसरी तरफ पटना से आरा और सासाराम तक का सफ़र भी आसान हो जाएगा.

बताते चलें की सदिसोपुरनौबतपुर के बीच से पटनासासाराम फोरलेन शुरू होगी. इसके बाद यह भोजपुर के सहार में अरवल होते हुए सोन नदी के पार पहुंचेगी. सहार पहुँचते हीं यह सड़क बागड़गडहनी सड़क से होते हुए गुजरेगी. उसके बाद NH 2 यानी वाराणसी जाने वाली सड़क से जुड़ने के लिए पिरो, हसन बाज़ार, विक्रमगंज, नोखा, संझौली होते हुए सासाराम से आगे सुअरा में जाकर NH 2 से जुड़ेगी.

बता दें की सासाराम तक पटना से आरा होते हुए यह एक नए एलाइनमेंट पर नया एक्सप्रेसवे बन रहा है. भारतीय राष्ट्रिय राजमार्ग प्राधिकरण को एक नए संरेखन पर ग्रीनफ़ील्ड एक्सप्रेसवे बनाने के लिए केन्द्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने सौंप दिया है. जैसा की हमने पहले भी चर्चा की कि इस नए एक्सप्रेसवे को NH 119A के नाम से जाना जाएगा. इसके लिए नोटिफिकेशन को भी केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की तरफ से जारी कर दिया गया है. भारतमाला-1 प्रोजेक्ट के तहत इस प्रोजेक्ट को चुना गया है. इस एक्सप्रेसवे के निर्माण का रास्ता साफ़ हो गया है साथ हीं बिहार में सबसे तेज गति से दिया जाने वाला यह पहला एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट है.

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