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ऑलराउंडर जिसके दमदार प्रदर्शन को किया गया इग्नोर !

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हरफनमौला खिलाड़ी, जिसके दमदार प्रदर्शन को किया गया नजरअंदाज

दमदार हरफनमौला खिलाड़ी, जिसे शानदार प्रदर्शन के बावजूद मिले गिनेचुने मौके

वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में भारत की तरफ से सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन का रिकॉर्ड है जिसके नाम

गेंदबाज जिसने 4 रन देकर चटकाए थे 6 विकेट, रिकॉर्ड जो आज तक है अटूट

मुश्किल हालातों से टीम को निकालने वाला संकट मोचन खिलाड़ी

क्रिकेट, अनिश्चितताओं से भरा खेल और सिर्फ खेल ही नहीं इसमें खेलने वाले खिलाड़ियों का भविष्य भी अनिश्चित ही होता है. सिर्फ एक या दो मैचों में दमदार प्रदर्शन से टीम में जगह पक्की नहीं होती. या जगह पक्की हो भी जाए फिर भी अगले मैच में मौका मिलेगा या नहीं यह पक्का नहीं होता. चक दे क्रिकेट की टीम लाया है एक ऐसे खिलाड़ी की कहानी, जिसे दमदार प्रदर्शन के बावजूद गिनेचुने मौके ही मिले. इस हरफनमौला खिलाड़ी ने अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से मैच भी जीता और दिल भी लेकिन राष्ट्रीय टीम के दरवाजे उनके लिए कभी भी पूरी तरह से नहीं खुले. इस खिलाड़ी ने विपरीत परिस्थितियों में अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से विरोधी टीम के तोते उड़ाए और गेंद से विरोधी बल्लेबाजों के हौसलों को तोड़ा लेकिन फिर भी एक नाकामयाब खिलाड़ी की तरह ही माना गया. हम बात कर रहे हैं भारतीय क्रिकेट टीम के भूलेबिसरे सितारे स्टुअर्ट बिन्नी की. आज के लेख में हम टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर स्टुअर्ट बिन्नी के क्रिकेटिंग करियर और जीवन से जुड़ी कुछ जानीअनजानी और अनकही बातों को जानने की कोशिश करेंगे.

स्टुअर्ट बिन्नी का जन्म 3 जून, 1984 को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हुई थी. स्टुअर्ट बिन्नी के पिता रोजर बिन्नी खुद भारत के टेस्ट क्रिकेटर रह चुके थे इसलिए क्रिकेट तो स्टुअर्ट बिन्नी को विरासत में ही मिली थी. स्टुअर्ट बिन्नी के पहले कोच उनके पिता ही थे. जिसके खून में क्रिकेट था वो भला इससे कैसे दूर रह सकता था. घर का माहौल क्रिकेटमय होने की वजह से बचपन से ही स्टुअर्ट बिन्नी का झुकाव क्रिकेट की तरफ हो गया था. अपने पिता की ही तरह स्टुअर्ट बिन्नी भी भारत के लिए खेलने की चाह लेकर बड़े हो रहे थे.

स्टुअर्ट बिन्नी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई द फ्रैंक एंथोनी पब्लिक स्कूल, बैंगलोर से पूरी की और अपना हाई स्कूल सेंट जोसफ इंडियन हाई स्कूल से, जहां उनके पिता रोजर बिन्नी क्रिकेट कोच थे. उस दौरान बिन्नी ने इम्तियाज अहमद से IACA में भी क्रिकेट की कोचिंग ली थी.

स्टुअर्ट बिन्नी की सबसे खास बात ये थी कि वो गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों विधाओं में पारंगत थे, हालाँकि गेंदबाजी हमेशा से उनका मजबूत पक्ष रहा था. स्कूली दिनों में अपने ऑलराउंड खेल के कारण टीम के हीरो थे. और देखते ही देखते उन्होंने कर्नाटक की तरफ से 2003/04 सीजन में अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू कर लिया लेकिन टीम के नियमित सदस्य नहीं बन पाए. स्टुअर्ट बिन्नी ने खुद को हमेशा एक लिमिटेड ओवर स्पेशलिस्ट माना और जब 2007 में इंडियन क्रिकेट लीग यानी ICL की शुरुआत हुई, उन्होंने इस लीग में अपने ऑलराउंड खेल से सबका दिल जीत लिया. वो लीग के एक प्रीमियर ऑलराउंडर के रूप में उभरे. दो सफल सत्रों के बाद, उन्होंने बीसीसीआई के माफी प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और आईसीएल छोड़ दिया. इसके बाद स्टुअर्ट बिन्नी की एंट्री हुई इंडियन प्रीमियर लीग यानी IPL में. IPL के 2010 सीजन में स्टुअर्ट बिन्नी को मुंबई इंडियन्स ने खरीदकर अपने साथ जोड़ लिया इसके अगले सीजन यानी 2011 में उनको राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा. इसके बाद बिन्नी कर्नाटक की डोमेस्टिक टीम में वापसी करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन करने लगे. उन्होंने शिमोगा में 283 रन बनाए, जिससे उनका टूर्नामेंट 76.22 के औसत से 686 रन तक पहुंच गया, जिससे वह लीग चरण में तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए. यही नहीं बिन्नी ने 20.73 की औसत से 15 विकेट भी चटकाए, जिसमें ओडिशा के खिलाफ एक टेनविकेट हॉल भी शामिल था.

उनके अधिकांश रन लड़ते हुए आए यानी विपरीत परिस्थितियों में, जब टीम को उसकी जरुरत थी, फिर भी वे 83.55 की स्ट्राइकरेट से बनाए गए हैं, और सीजन में एक खिलाड़ी द्वारा सबसे अधिक 14 छक्के शामिल थे. आईपीएल में स्टुअर्ट बिन्नी ने पुणे वारियर्स इंडिया के खिलाफ 13 गेंदों में नाबाद 32 रन बनाए थे, जिसके दम पर राजस्थान रॉयल्स ने 5 विकेट रहते 179 के लक्ष्य को हासिल किया था.

चेन्नई सुपरकिंग्स के विरुद्ध उनकी नाबाद 41 रनों की पारी, जिसमें उन्होंने शेन वाटसन की अंत में कुटाई की थी और अपनी टीम राजस्थान रॉयल्स को प्लेऑफ्स में पहुंचाया था. अगले मुकाबले में मुंबई इंडियन्स के खिलाफ स्टुअर्ट ने एक और तूफानी पारी खेली. रॉयल्स ने 28 रन पर 4 विकेट खो दिए था, तब क्रीज पर उतरे बिन्नी ने 37 रनों की धमाकेदार पारी खेली थी.

मुश्किल वक्त में टीम के लिए प्रदर्शन करना और बड़ी साझेदारियों के चलते उन्हें 2013 में दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए भारतीय ए टीम में चुना गया था और यहां पर शानदार प्रदर्शन का इनाम उन्हें अगले साल भारत के लिए वनडे मैच में डेब्यू करने के मौके के रूप में मिला. भारतीय टीम साल 2014 में न्यूजीलैंड दौरे पर जा रही थी, जिसके लिए स्टुअर्ट बिन्नी को भारतीय स्क्वाड में शामिल किया गया था. 28 जनवरी, 2014 को स्टुअर्ट बिन्नी ने अपना पहला अंतराष्ट्रीय वनडे मुकाबला खेला था, इस मैच में बिन्नी ने 1 ओवर गेंदबाजी की थी, जिसमें उन्होंने 8 रन खर्च किए थे और उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला था. वो 2014 एराइज एशिया कप में भी खेले लेकिन शून्य पर आउट हो गए. 17 जून, 2014 को बांग्लादेश के खिलाफ स्टुअर्ट बिन्नी ने सिर्फ 4 रन देते हुए 6 विकेट चटका लिए और रिकॉर्ड बना दिया. अनिल कुंबले को पछाड़ते हुए बिन्नी ने भारतीय गेंदबाजों में बेस्ट बॉलिंग रिकॉर्ड बना दिया. उसी सीरीज के तीसरे वनडे मैच में बिन्नी ने नाबाद 25 रन बनाए थे, बाद में बारिश की वजह से वह मैच स्थगित हुआ था.

वनडे में प्रभावशाली प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने उन्हें टेस्ट डेब्यू का भी मौका दिया. साल 2014 में इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली भारतीय टीम में स्टुअर्ट बिन्नी को शामिल किया गया और सीरीज के पहले ही टेस्ट मैच में बिन्नी ने अपना टेस्ट अंतराष्ट्रीय डेब्यू कर लिया. अपने डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में तो बिन्नी सिर्फ 1 रन ही बना पाए लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने 78 रनों की पारी खेली. इसके बाद 2015 वर्ल्ड कप के लिए भारत की 15-सदस्यीय टीम में स्टुअर्ट बिन्नी को चुना गया लेकिन टूर्नामेंट के एक भी मैच में उन्हें प्लेइंग-11 में शामिल नहीं किया गया.

बाद में श्रीलंका के खिलाफ दूसरे और तीसरे टेस्ट मैच में बिन्नी को मौका मिला. बिन्नी का चयन चौंकाने वाला था और यह इसलिए हुआ था क्योंकि टीम इंडिया श्रीलंका से पहला टेस्ट हार गई थी. इसलिए दूसरे टेस्ट में उनको हरभजन सिंह की जगह चुना गया था. बिन्नी ने मैच में 3 विकेट चटकाए थे और पहली पारी में 15 और दूसरी पारी में 8 रन बनाए थे.

स्टुअर्ट बिन्नी ने जिम्बाब्वे के खिलाफ भारत के लिए अपना टी20 अंतराष्ट्रीय डेब्यू किया था. 27 अगस्त, 2016 को वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 मैच खेलने के बाद स्टुअर्ट बिन्नी भारतीय टीम से पूरी तरह साइडलाइन हो गए. इसके बाद जो वो ड्राप हुए तो फिर कभी वापसी नहीं कर पाए.

हालांकि आईपीएल के दौरान उनको एक्शन में देखा गया. 2016 आईपीएल में बिन्नी को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने 2 करोड़ की बोली लगाकर टीम में शामिल किया था. लेकिन बिन्नी फ्रेंचाइजियों की उम्मीद पर खरे उतरने में नाकाम रहे. आईपीएल और भारतीय टीम से साइडलाइन होने के बाद सितंबर, 2019 में स्टुअर्ट बिन्नी ने अपनी घरेलु टीम भी बदल लिया. वो कर्नाटक की टीम से नागालैंड क्रिकेट टीम में शिफ्ट हो गए. 2019-20 रणजी सीजन में स्टुअर्ट बिन्नी नागालैंड की तरफ से खेले. 2020 आईपीएल ऑक्शन से पहले राजस्थान रॉयल्स ने बिन्नी को रिलीज़ कर दिया.

बिन्नी अब समझ गए थे कि अंतराष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल के दरवाजे उनके लिए बंद हो गए हैं और बढ़ते उम्र को देखते हुए उन्होंने 30 अगस्त, 2021 को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी. 2014 में इंटरनेशनल क्रिकेट में पदार्पण करने वाले स्टुअर्ट बिन्नी को 2016 के बाद से एक भी सीरीज के लिए टीम में नहीं चुना गया था, वजह खराब प्रदर्शन थी या फिर खराब किस्मत कोई नहीं जानता. दिगज भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(BCCI) अध्यक्ष रोजर बिन्नी के बेटे स्टुअर्ट बिन्नी ने भारत के लिए 6 टेस्ट, 14 वनडे और 3 टी20 मैच खेले. उनके नाम वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में भारत की तरफ से सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन का रिकॉर्ड है. उनके इस रिकॉर्ड को आज तक कोई भारतीय गेंदबाज नहीं तोड़ पाया.

स्टुअर्ट बिन्नी के नाम टेस्ट क्रिकेट में 194 रन और 3 विकेट, वनडे में 230 रन और 20 विकेट, टी20 में 35 रन और 1 विकेट दर्ज है. स्टुअर्ट बिन्नी ने 95 फर्स्ट क्लास मैचों में 4,796 रन बनाए और 148 विकेट लिए हैं. वहीं 100 लिस्ट ए मैचों में उन्होंने 1788 रन बनाने के साथ 99 विकेट भी लिए. बिन्नी ने मार्च, 2021 में अपना आखिरी लिस्टए मैच खेला था, उनके 100वां लिस्टए मैच करियर का आखिरी मैच था. अपने अंतिम मैच में बिन्नी ने नागालैंड की तरफ से अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ नाबाद 55 रनों की पारी खेली थी.

स्टुअर्ट बिन्नी भी अपने पिता की ही तरह लोअर मिडिल ऑर्डर में हार्ड हिटिंग बल्लेबाज रहे और एक मीडियम पेस स्विंग और सीम वाले गेंदबाज. इंडियन क्रिकेट लीग यानी आईसीएल में वो हैदराबाद हीरोज और इंडिया एलेवेन के लिए खेले. चूंकि आईसीएल को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं थी इसलिए इसमें खेलने वालों को बागी समझा जाता था. अस्वीकृत टूर्नामेंट में 2 सीजन खेलने के बाद बिन्नी ने बीसीसीआई का माफ़ी प्रस्ताव स्वीकार किया और इस लीग को छोड़ दिया. इसके बाद कर्नाटक की टीम में वापसी की और खुद को टीम के अहम सदस्य के रूप में स्थापित किया. कर्नाटक और आईपीएल में दमदार प्रदर्शन करने के बाद भारत की राष्ट्रीय टीम में उनकी एंट्री हुई लेकिन वो कभी टीम के नियमित सदस्य नहीं बन पाए. आईपीएल में वो मुंबई इंडियन्स, राजस्थान रॉयल्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेले.

स्टुअर्ट बिन्नी के निजी जीवन की बात करें तो उन्होंने मशहूर स्पोर्ट्स एंकर मयंती लैंगर से साल 2012 में शादी रचाई थी. संन्यास के बाद भी स्टुअर्ट बिन्नी क्रिकेट से दूर नहीं हैं. लीजेंड्स क्रिकेट लीग, जिसमें भारत समेत विश्व भर के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी खेलते हैं, बिन्नी भी इंडिया महाराजा टीम का हिस्सा हैं. यहां अपने ऑलराउंड खेल से वो टीम को जीत दिलाते हैं. बिन्नी के पिता रोजर बिन्नी को अक्टूबर, 2022 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था.

स्टुअर्ट बिन्नी, एक प्रतिभाशाली ऑलराउंडर, लेकिन भारत के लिए गिनेचुने मौके ही मिले. चक दे क्रिकेट की पूरी टीम स्टुअर्ट बिन्नी के उज्जवल भविष्य की कामना करती है. आप स्टुअर्ट बिनी के छोटे इंटरनेशनल करियर को किस तरह देखते हैं ? कमेंट करके जरुर बताएं.

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