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39 सालों से अटूट है ये महारिकॉर्ड

Bihari News

 

कहा जाता है कि क्रिकेट अनिश्चितावों का खेल है, इस खेल में कब क्या हो जाए ये कोई नहीं जानता | इसमें कब कौनसी टीम किस टीम पर हावी हो जाए, ये कहा नहीं जा सकता | कभीकभी जितने की कगार पर पहुंची टीम हार जाती है, तो कभीकभी टीम हारतेहारते जीत भी जाती है | इस खेल के एक मैच में किसी खिलाड़ी को हीरो तो किसी खिलाड़ी को विल्लन बना देता है | क्रिकेट के मैदान पर अक्सर रिकॉर्ड बनते और टूटते हैं, लेकिन एक ऐसा भी महारिकॉर्ड है जो पिछले 39 सालों से बरकरार है, कोई भी खिलाड़ी इस रिकॉर्ड को तोड़ नहीं पाया है | क्रिकेट के दुनिया में वैसे तो कई महान खिलाड़ी आए और गये लेकिन इस रिकॉर्ड के कोई आसपास भी नहीं पंहुच सका |

आपको बता दे कि साल 1971 में जब इंटरनेशनल क्रिकेट में वनडे की शुरुआत हुई तो उस दशक में बड़ा स्कोर बना पाना हर खिलाड़ी के लिए कठिन होता था, लेकिन जैसे ही 80 का दशक आया तो फिर खिलाड़ी लंबीलंबी पारियां खेलने लगे | साल 1983 तक भारतीय कप्त्तान कपिल देव के नाम एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे बड़ा स्कोर बनाने का रिकॉर्ड दर्ज था, लेकिन साल 1984 में वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी सर विवियन रिचर्ड्स ने पहली बार वनडे क्रिकेट में 180 रन का आकड़ा पार किया था |

चलिए अब हम आपकों बताते हैं उस रिकॉर्ड के बारे में जो पिछले 39 सालों से अटूट है यह विश्व रिकॉर्ड कोई और नहीं बल्कि वेस्टइंडीज के दिग्गज और महान बल्लेबाज विवियन रिचर्ड्स ने बनाया है | यह रिकॉर्ड साल 1984 में इंग्लैंड के खिलाफ बनाया गया था | इस सीरीज से एक साल पहले विंडीज टीम को एक बड़ा घाव भारत ने दिया था उसे वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में हराकर | यह सीरीज वेस्ट इंडीज के लिए अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा पाने वाले था, और वर्ल्ड क्रिकेट में अपना दबदबा फिर से कायम करने का था |

साल 1984 में वेस्ट इंडीज टीम ने इंग्लैंड का दौरा किया, तब वेस्टइंडीज की कप्त्तानी दिग्गज क्लाइव लॅायड संभाल रहे थे, और इंग्लैंड की कमान डेविड गॉवर के पास थी | इस सीरीज से पहले वनडे में वेस्टइंडीज के दिग्गज विवियन रिचर्ड्स के बल्ले ने धमाल मचा रखा था | ये वो दौर था, जब गेंदबाज रिचर्ड्स के नाम से कांपते थे, उस समय रिचर्ड्स का जलवा था | और उन्होंने अपने नाम के अनुरूप क्रिकेट जगत में प्रदर्शन भी किया था |

इस मैच में वेस्टइंडीज के कप्त्तान क्लाइव लॅायड ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी थी, लेकिन टीम के दोनों ओपनर महज 11 के कुल स्कोर पर आउट हो गये थे | इसके बाद टीम के लिए बल्लेबाजी करने आए उस समय के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज विवियन रिचर्ड्स, इन्होंने अपना विकेट तो नहीं गंवाया, लेकिन दुसरे छोर के बल्लेबाज आउट होते चले गए | एक समय वेस्टइंडीज का स्कोर 102 रन पर 7 विकेट हो गया था, लेकिन अभी रिचर्ड्स का सर्वश्रेष्ठ आना बाकि था | रिचर्ड्स ने मैनचेस्टर में खेले गए इस मुकाबले में 170 गेंदों में नाबाद 189 रन की पारी खेली, इस पारी दौरान उन्होंने 21 चौके और 5 छक्के लगाये थे | और इस मुकाबले में आखिरी विकेट के लिए माइकल होल्डिंग के साथ 106 रन जोड़े जिसमें होल्डिंग के केवल 12 रन की भागीदारी थी | आखिरी विकेट के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी है, जो आज भी अटूट है, और चार नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए ये अब तक सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर भी है | इस पारी को विजडन की महान परियों में शामिल किया गया है | यह पारी उस समय आई थी जब टीम को रनों की जरुरत थी |

आपको क्या लगता है कोई भी बल्लेबाज विवियन रिचर्ड्स के इस रिकॉर्ड को तोड़ पायेगा |

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