राजधानी पटना में मेट्रो ट्रेन को शुरू करने का काम काफी तेजी से चल रहा है. इस चीज के लिए लगभग 1958 करोड़ का टेंडर जारी किया गया है. आपको बता दें की यह टेंडर 6 अंडरग्राउंड स्टेशनों के लिए जारी किया गया है. जिनमे PMCH, पटना यूनिवर्सिटी, राजेंद्रनगर, आकाशवाणी, गाँधी मैंदान और मोइनुल हक़ स्टेडियम शामिल है. साथ ही साथ आपको बताते चलें की राजेंद्रनगर में ट्विन टनल और अंडरग्राउंड से जमीन पर मेट्रो के आने वाले रैंप का भी निर्माण होना है. शहर के कोरिडोर 2 के अंतर्गत आने वाले स्टेशनों को अंडरग्राउंड किया जायेगा. मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार कॉरिडोर 1 में दानापुर, मीठापुर और खेमनीचक होगा. कॉरिडोर 1 की कुल लम्बाई लगभग 17.933 किलोमीटर होगी. इसमें 7.393 किलोमीटर एलीवेटेड और लगभग 10.54 किलोमीटर भूमिगत होगी. इसके अलावे पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन, गाँधी मैदान और पाटलिपुत्र आईएसबीटी कॉरिडोर 2 में शामिल है. आपको बता दें की इस कॉरिडोर की लम्बाई 14.564 किलोमीटर होगी जिसमे लगभग 6.638 किलोमीटर की दुरी एलीवेटेड और 7.926 भूमिगत होगी.

आइये अब हम जानते हैं पटना के इस मेट्रो परियोजना के बारे में. इस मेट्रो परियोजना के लिए लगभग 13365.77 करोड़ का अनुमोदन आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित किया गया था. आपको बता दें की इस परियोजना में लगने वाले लागत में 20 फीसदी राशी का आवंटन केंद्र सरकार और 20 फीसदी राशी का आवंटन राज्य सरकार तथा बचे 60 फीसदी राशी का ऋण जायका द्वारा लिया जाना है. मिली जानकारी के अनुसार पटना मेट्रो रेल परियोजना के अनुमोदन के बाद पटना मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड गठित किया गया. इस मेट्रो रेल निर्माण से सम्बंधित काम करने के लिए डिपोजीट टर्म पर दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरपोरेशन लिमिटेड को पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के गठन के बाद दिया गया.

आपको बता दें की पटना मेट्रो के अधिकारीयों ने एक अच्छी खबर दी है. उन्होंने कहा है की 76 एकड़ जमीन में से लगभग 47.4 एकड़ रेल डिपो के लिए प्रस्तावित किये गये हैं जबकि बचे क्षेत्रो को संपत्ति के विकास के लिए रखा गया है. पदाधिकारियों का कहना है की फतुहा कास्टिंग यार्ड और आइएसबीटी डिपो के बीच सामग्री परिवहन को आसान बनाने के लिए साईट की स्थापना के साथसाथ सड़क का भी निर्माण किया जा रहा है. फिलहाल इस कार्य के लिए मिट्टी भरी जा रही. जब यह कार्य समाप्त हो जायेगा तो कास्टिंग यार्ड में बैचिंग प्लांट का काम शुरू हो जायेगा. वैसे जगह जो कार्यालय समर्पित क्षेत्र हैं वहां वाशिंग प्लांट, कंट्रोलर रूम, रेल भण्डारण, सफाई शेड, पिट व्हील लेथ, स्क्रैप यार्ड, निरिक्षण बे शेड, समय व सुरक्षा कार्यालय तथा रेडियो टावर बनाये जायेंगे.

इस परियोजना के अनुसार मेट्रो रेल डिपो को आधुनिक तकनीकों से लैस किया जाना है. इन सुविधाओं में एक टेस्टिंग ट्रैक, दो वर्कशॉप बे, तीन इंस्पेक्शन बे और आठ स्टेबलिंग बे जहाँ 32 तीन कोच वाली ट्रेने और ऑटोकोच की धुलाई हो सकती है. इस परियोजना विकास क्षेत्र में ट्रेनिग स्कूल, कैंटीन, परिचालन नियंत्रण केंद्र और एक सभागार भी शामिल होंगे. साथ ही साथ डिपो की बिजली आपूर्ति के जरूरत को पूरा करने के लिए एक सब स्टेशन को भी स्थापित किया जायेगा. जिसकी क्षमता 2,500 केवीए होगी. आज के लिए इतना ही उम्मीद करते हैं आपको आज की यह खबर महत्वपूर्ण लगी होगी.

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