बिहार की सियासत में पिछले कुछ दिनों कुशवाहा समाज के नेता सबसे ज्यादा एक्टिव हो गए हैं. दरअसल कुशवाहा समाज के वोट बैंक पर सभी राजनीतिक पार्टियों की नजर बनी हुई है. इसका नतीजा है कि बीजेपी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष कुशवाहा को बना दिया तो जदयू पहले से ही कुशवाहा को अपना प्रदेश अध्यक्ष बना कर रखी है. तो वहीं पिछले दिनों उपेंद्र कुशवाहा के जदयू छोड़ने के बाद जदयू ने कुशवाहा सामज के कई नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल भी करवाया है. ऐसे में कहा जा रहा है कि बिहार में जदयू लवकुश की थ्योरी पर काम कर रही है. जिसका नतीजा है कि हर कोई कुशवाहा पर अपनी नजर गड़ाए हुए हैं.

इन दिनों सम्राट चौधरी के साथ ही उपेंद्र कुशवाहा बिहार की सियासात में सबसे ज्यादा एक्टिव हैं. कुशवाहा लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर हैं. नीतीश सरकार की नीतियों को लेकर वे मुखालफत करते रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा इन दिनों RLJD के तीन दिवसीय चिंतन शिविर में नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. इस दौरान बोलते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि नीतीश कुमार जिस भैंस रूपी आरजेडी पर सवारी कर रहे हैं, वह अपने साथसाथ नीतीश को भी पानी में डूबो देगी. कुशावाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता के हित को कभी भी ध्यान में नहीं रखा और जब इतने सालों तक जनता के हितों का ध्यान नहीं रखा तो अब तोगईल भैंसिया पानी में. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जिस भैंस पर बैठ गए हैं उन्हें भी पानी में लेकर चली जाएगी.

हालांकि उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता उपेंद्र कुशवाहा के इन बातों से इत्तेफाक नहीं रखती है. कुशवाहा की पत्नी ने RLJD के कार्यकर्ताों को सलाह देते हुए कहा है कि शराबंदी कानून को आपलोग सफल बनाएं. इस दौरान बोलते हुए उन्होंने कहा कि शराबबंदी से महिलाओं पर होने वाले घेरलू हिंसा में काफी कमी आई है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर एक दूसरे पर आरोप या दोष लगाने के बजाय गांवगांव जाकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि दोष लगाने के बजाय लोगों को बताना चाहिए कि क्या गलत है. गांवदेहात में जाकर लोगों को समझाने की जरूरत है.

आपको बता दें कि इसी चिंतन शिविर में उपेंद्र कुशवाहा बिहार सरकार की शराबबंदी कानून का विरोध कर रहे थे. इस कानून को लेकर फिर से विचार करने पर जोर दे रहे थे कि मुख्यमंत्री को एक बार फिर से इसपर विचार करने की जरूरत है. हालांकि इसी शिविर में उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी ने इस कानून का समर्थन करते हुए कहा है कि ये नीतीश कुमार के लिए बड़ी उपलब्धि है. आपको बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार के इस फैसले का महिलाओं ने खुलकर समर्थन किया है. अब तो स्थिति यह है कि घर में ही पुरुष और महिलाओं के बीच में वोट देने को लेकर विवाद देखने को मिलता था. इसीलिए कहा जाता है कि बिहार कि महिलाएं नीतीश कुमार की साइलेंट वोटर है. इसीलिए कहा जाता है कि नीतीश कुमार का बिहार में महिलाओं में खासकर एक बड़ा जनाधार है.

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