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पुरुष क्रिकेट इतिहास की कुछ महानतम वनडे पारियां

Bihari News

क्रिकेट एक बल्ले और गेंद का खेल है जिसकी शुरुआत 16 वीं शताब्दी के आसपास इंग्लैंड में हुई थी यह दो टीमों के बिच खेला जाता है | जिसमे से प्रतेक टीम अधिक से अधिक रन बनाने की कोशिश करता है इसमें हर एक टीम के खिलाडयों का बहुत बड़ा हाथ होता है हर एक खिलाड़ी अपना 100 प्रतिशत देने की कोशिश करता है |क्रिकेट के अस्तित्व के कई वर्षो में , कई खिलाडियों ने एक से बढकर एक पारियाँ खेली है | क्रिकेट अपने स्वाभाव से बड़ी संख्या में रिकॉर्ड और आकड़े बनाने में सछम है|

 

ऐशे तो कई रिकॉर्ड वनडे के इतिहास में बने और टूटे होंगे लेकिन हम आपको उन महान पारियों के बताते है जो वर्षो तक याद किये जाएगे यह पारी किसी को स्टार तो किसी को महान बना दिया |

इसमें सबसे पहला नाम है रोहित शर्मा का , जब रोहित शर्मा लंबे समय तक बल्लेवाजी करते है तो वे रिकॉर्ड बनाने के लिए बाध्य होते है और 13 नंबर 2014 को इडेन गार्डन में उन्होंने एक और असाधारण , कभी न टूटने वाला रिकॉर्ड अपने नाम किया है | इस मैच रोहित शर्मा ने 100 गेंदों में अपना शतक लगाया था लेकिन उसके बाद वे श्रीलंकाई गेंद्वाबाजो पर टूट पड़े | इस मैच में रोहित शर्मा ने 173 बॉल पे 264 रनों की एक नायब पारी खेली थी |

खास बात यह है की इस ऐतिहासिक पारी से पहले तीन महीने तक कोई इंटरनेशनल मैच मैच नही खेला था , क्योंकि उस साल अगस्त में उन्हें उंगली में चोट लग गई थी ,

रोहित शर्मा ने उस मुकाबले रहाने के साथ पारी की शुरुआत की , पारी की शुरुआत में ही रोहित को जीवनदान मिल गया , जब थिसारा परेरा ने एक आसान सा कैच छोड़ दिया था , उस समय रोहित शर्मा 16 गेंदों चार रन बना पाए थे , इसके बाद भारत ने पहले 13 ओवेरो के भीतर रहाने और अम्बाती रायडू का विकेट खो दिया था , फिर रोहित शर्मा और कप्तान विराट कोहली ने 154 गेंदों पर 201 रन की पार्टनरशिप की |

जब रोहित शर्मा आउट हो कर जा रहे थे तब तक उन्होंने अपनी पारी में 33 चौके और 9 गगनचुंबी छक्के लगा चुके थे | भारत ने इस मैच में 50 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 404 रन बनाया था फिर गेंदवाजो ने अपना काम किया और श्रीलंका की पूरी टीम को 43.1 ओवर में 251 रनों पर ढेर कर दिया |उस दिन रोहित शर्मा ने श्रीलंका की पूरी टीम से 13 रन अधिक बनाये थे |

यह पारी रोहित शर्मा और पूरी भारतीय टीम के लिए अभी भी खास बनी हुई है |

इस सूची में दूसरा नाम न्यूजीलैंड के ओपनर मार्टिन गुप्टिल का है | गुप्टिल ने विश्व कप नॉक आउट मुकाबले में वेस्ट इंडीज के खिलाफ 237 रनों की पारी खेली थी यह आसीसी क्रिकेट विश्व कप 2015 का चौथा क्वार्टर फाइनल का मैच था जो न्यूज़ीलैण्ड और वेस्ट इंडीज के बिच खेला गया था | वेलिगटन में न्यूजीलैंड पहले बल्लेवाजी कर रहा था कप्तान ब्रैंडन मैक्कुलम जल्दी आउट हो गये थे लेकिन गुप्टिल अच्छी फॉर्म में दिख रहे थे | उन्होंने इस मैच में अपनी फॉर्म जारी रखी और वेस्ट इंडीज के सभी गेंदवाजो पर जमकर प्रहार किया | केन विलियम्स और रोंस टेलर भी ज्यादा देर तक गुप्टिल का साथ नही दिया परन्तु गुप्टिल ने अपनी फॉर्म जारी रखी | वे देखते देखते शतक और फिर दोहरे शतक बना दिए | आखिरी ओवर ख़त्म होने तक गुप्टिल ने 163 गेंदों में नाबाद 237 रन बना लिए थे | गुप्टिल ने नॉक आउट मुकाबले में एक असाधारण पारी खेली उन्होंने अपनी पारी में 24 चौके और 11 छके लगाये थे | गुप्टिल की इस पारी के बदौलत न्यूज़ीलैण्ड 50 ओवर में 6 विकेट पर 393 का स्कोर खड़ा किया जवाब में वेस्ट इंडीज की टीम 30.3 ओवेरो में 250 के स्कोर पर ढेर हो गई जिससे न्यूज़ीलैण्ड को 143 रनों से जित मिली और सेमी फाइनल में जगह भी मिल गई |

 

क्रिकेट के उच्चतम पारियों में हमनें तीसरा नाम रखा है क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का जिन्होंने वनडे में सबसे पहले दोहरा शतक लगाया था , उन्होंने 24 फ़रवरी 2010 को कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम , ग्वालियर में साउथ अफ्रीका के खिलाफ नाबाद 200 रन बनाये थे | सचिन तेंदुलकर क्रिकेट इतिहास में सबसे महान बल्लेवाजो में से एक माना जाता है वे वनडे और टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी है | टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 18000 रन और वनडे में उनके नाम 15000 रन है , इंटरनेशनल क्रिकेट में सर्वाधिक मैन ऑफ़ द मैच का रिकॉर्ड भी सचिन तेंदुलकर के नाम है , तेंदुलकर ने ग्यारह साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था सोलह साल की उम्र में 15 नवंबर 1989 को करांची में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में पदार्पण किया था और 24 साल से अधिक तक वे भारत के लिए क्रिकेट खेले थे , इस दौरान उनके नाम कई अनगिनत रिकॉर्ड दर्ज हैं लेकिन वनडे में उनका दोहरा शतक उन्हें खास बनाती है | ये पहला मौका था जब किसी भी क्रिकेटर ने वनडे में दोहरा शतक लगाया हो |

24 फ़रवरी 2010 न केवल टीम इंडिया के लिए बल्कि पुरे क्रिकेट जगत के लिए एक रिकॉर्ड तोड़ने वाला दिन था यह भारत और साउथ अफ्रीका के बिच ग्वालिएर में दूसरा वनडे मैच था और उस दिन सचिन तेंदुलकर ने इतिहास रच दिया | पहले बल्लेवाजी करते हुए भारत ने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी , दिनेश कार्तिक , और युसुफ पठान के बहुमूल्य योगदान से 50 ओवेरों में तीन विकेट के नुकसान पर 401 रन बनाया था | इस मैच में सचिन ने अपनी पारी में 147 गेंदों में नाबाद 200 रन बनाये इस दौरान उन्होंने 25 चौके और तीन छके लगाये थे |

402 रनों का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका की टीम ए बी डी विल्लिएर्स के नाबाद 114 रनों की पारी के वाबजूद 42.5 ओवर में 248 रनों पर आल आउट हो गई और इस तरह टीम इंडिया 153 रनों की बड़ी जीत दर्ज कर ली इसके अलावा सचिन को उनके रिकॉर्ड 200 रन की पारी के लिए मैन ऑफ़ द मैच का पुरुस्कार मिला |

उचतम स्कोर की सूची में अगला नाम है कपिल देव का ,जिन्होंने 1983 के वर्ल्ड कप में जिम्बाबे के खिलाफ 175 रनों की एक अदभुत पारी खेली थी | टयूनब्रिज वेल में जिम्बाबे के खिलाफ एक मत्वपूर्ण मैच में , भारत ने खुद को 17 रन पर पांच विकेट खोकर बनाकर मुश्किल में डाल दिया था दोनों सलामी बल्लेवाज शून्य पर आउट हो गये और नंबर 3, 4,और 5 के बल्लेवाज मुश्किल से कुछ रन बना सके थे | कप्तान कपिल देव छठे नंबर पर बल्लेवाजी करने आते है और आतें ही ताबरतोड़ अंदाज में बैटिंग करना शुरू कर देते है , और ऐशा लग रहा था जैसे कपिल देव अलग हीं पिच पर बल्लेवाजी कर रहे हों | जब भारत 78 रन पर 7 विकेट खोकर मुश्किल में था तब मदन लाल ने कपिल देव का सछम समर्थन प्रदान किया जबकि कपिल देव आक्रामक मुड में थे | दोनों के बिच एक मुल्वान साझेदारी पनपी और मदन लाल के आउट होने के तक भारत का स्कोर 140 रन हो गया था | 10 वें नंबर पे बल्लेवाजी करने आए सैयद किरमानी ने कपिल देव का जबरदस्त साथ दिया इनदोनों के बिच 126 रन की बेहतरीन साझेदारी हुई , कपिल देव ने इस मैच में 138 गेंदों में 175 रनों की अविश्वसनीय पारी खेली | उनकी इस विशेष पारी में 16 चौके और 6 बड़े बड़े छके शामिल थे , जिससे भारत का स्कोर 60 ओवर में आठ विकेट के नुकसान पर 266 का एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुच गया था | बाद में जिम्बाबे ने भी अच्छी बल्लेवाजी की लेकिन वह 32 रनों से यह मैच हार जाता है | इस जीत ने भारत को यह बिश्वास दिलाया की वे टूर्नामेट में आगे तक जा सकते है और सात दिन बाद यह सपना सच हो गया और भारत 1983 का वर्ल्ड कप जीत जाता है

उचतम स्कोर की इस सूची में अगला नाम आता है , वेस्ट इंडीज के महान बल्लेवाज विवियन रिचर्डस का | इन्होंने इंग्लॅण्ड के खिलाफ मेनचेस्टर में नाबाद 189 रनों की धमाकेदार पारी खेलकर एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में एक पारी में सर्व्वोच स्कोर का नया रिकॉर्ड बनाया था जो लगभग 13 साल तक उनके नाम यह रिकॉर्ड कायम रहा, | विवियन रिचर्ड की इस पारी को जिसने भी देखा वह उनका दीवाना हो गया | रिचर्ड ने न सिर्फ एक छोर संभालकर रखा बल्कि अपने चिर परिचित अंदाज में ताबड़तोड़ बल्लेवाजी भी जारी रखी |

इस पारी को जिसने भी देखा वह वनडे इतिहास की सर्वकालिक महान पारी कहा | ओल्ड ट्राफर्ड के मैदान पर दुनिया के सबसे महान खिलाडियों में शामिल विवियन रिचर्ड ने वह कमाल किया जिसे आज भी याद किया जाता है | आज इस पारी को 37 साल हो गये है | जब विवियन रिचर्ड ने यह रिकॉर्ड बनाया था तब तो न दोनों छोर से गेंदवाजी होती थी और न ही आज की तरह भारी भरकम मोटे बल्ले और ना हीं बाउंड्री लाइन छोटी होती थीं इसके वाबजूद रिचर्ड का बल्ला कम्माल कर रहा था |

वेस्ट इंडीज की टीम इंग्लॅण्ड दौरे पर थी मेनचेस्टर के मैदान पर तीन वनडे इन्टरनेशनल मैचों की सीरीज का पहला मैच खेला जाना था | बीते साल हीं वेस्ट इंडीज ने अपना विश्व चैम्पियन का ख़िताब गवाया था ,लेकिन कोई भी टीम उसे हलके में लेने की भूल नहीं कर रही थी |

55 ओवर का यह मुकाबला शुरू हुआ और वेस्ट इंडीज के महान कप्तान क्लाइव लायड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेवाजी का फैसला करता है | डेसमंड हेंस और गार्डन ग्रीनिच की विश्व प्रख्यात जोड़ी मैदान पर उतरी लेकिन अभी पांच रन ही बने थे की हेंस रन आउट हो गए इसके बाद इयाम बायथम ने ग्रीनिच को 9 के निजी स्कोर पर आउट कर दिया । इंग्लैंड के गेंदबाज विंडीज के कप्तान के फैसले को गलत साबित करने में जुट गए, एक के बाथ एक वेस्ट इंडीज के बल्लेवाज पवेलिन जाते रहे लेकिन एक बल्लेवाज क्रिच पर खड़ा रहा न सिर्फ खड़ा रहा बल्कि इंग्लॅण्ड के गेंद्वाजो की धज्जिया उडाता रहा |

उच्तम स्कोर की श्रेणी में अगला नाम आता है साउथ अफ्रीका के जाने माने विकेट कीपर बल्लेवाज ए बी डी विलिअर्स का साल 2015 में वांनडरस के मैदान पर ए बी डी विल्लिअर्स ने इतिहास रचा था | ए बी ने वेस्ट इंडीज गेन्द्वाजो की जमकर कुटाई करते हुए सिर्फ 31 गेंदों में अपना शतक पूरा किया था जो की आज भी ये रिकॉर्ड इनके नाम दर्ज है | ए बी ने उस मैच में 44 गेंद का सामना करते हुए 149 रन की धमाकेदार पारी खेली थी , जिसमे 9 चौके और 16 छके लगाये थे, ए बी ने 31 बॉल में शतक ठोक कोरी एनडरशन के रिकॉर्ड को तोरा था , कोरी एन्डरसन ने भी वेस्ट इंडीज के खिलाफ ही 36 गेंद में शतक पूरा कर यह रिकॉर्ड अपने नाम किया था ,

पाच मैचों की उस वनडे सीरीज के दुसरे मुकाबले में वेस्ट इंडीज ने टास जीतकर पहले गेदवाजी का फैसला करता है जो उसकी एक बहुत बड़ी गलती साबित हुई | इस मैच में हासिम अमला और राल्ली रूसो में पहले विकेट के लिए 247 रनों की साझेदारी करता है जब पारी के 39 ओवर में रुस्सो आउट हुए तब वेस्ट इंडीज को थोरी राहत की उमीद थी पर्व ऐशा हो पाना मुमकिन नही था | नंबर तीन पर बल्लेवाजी करने आए ए बी डी विल्लर्स ने तुफ्फान ला दिया | बचे 10 ओवेरो में जो उन्होंने किया उसका वर्णन नही किया जा सकता ए बी उस मैच में सिर्फ 44 गेंद का ही सामना किया था और वेस्ट इंडीज के खेमे में हाहाकार मचा दिया था |

इस उचतम स्कोर की श्रेणी में अगला नाम भारतीय बल्लेवाज विराट कोहली का आता है 2012 में कॉमन वेल्थ बैक ट्राई सीरीज का यह अंतिम मुकाबला था यह मैच भारत के लिए करो या मरो का मैच था क्योंकि उसे फाइनल पहुचने की संभावना बनाये रखने के लिए एक बहोत बड़ी जित की जरुरत थी | यह एक महत्वपूर्ण मैच श्रीलंका के खिलाफ था श्रीलंका ने पहले बल्लेवाजी करते हुए तिलकरत्ने दिलशान के 160 और कुमार संगकारा के 105 रनों की पारी के बदौलत 50 ओवेरो में 320 रन का विशाल स्कोर भारत के सामने रखा था | भारतीय गेंद्वाजो ने तो भारत के फाइनल में जाने के राश्ते को लगभग बंद कर दिया था | भारत के सामने एक तो फाइनल में बने रहने का होड़ दूसरा इतना बड़ा स्कोर वो भी 40 ओवर में चेज करना | भारत की तरफ से बैटिंग करने आए विराट कोहली ने उस दिन 86 गेदों में नाबाद 133 रनों की धमाकेदार पारी खेली थी विराट ने अपनी पारी में 16 चौके और 2 छके लगाये थे यह उनके करिअर का 9 व शतक था यह पारी इस लिए भी खाश है क्योंकि उस वक्त क्रिकेट जगत के लिए अबुझ पहेली बन चुके लसिथ मलिंगा की जमकर कुटाई करते हैं उस मलिंगा ने केवल 7 . 4 ओवर ही गेंदवाजी करते है और 96 रन लुटा देते है |

यह दिन विराट कोहली के लिए बेहद खास दिन रहा है क्योंकि एक युवा विराट ने खुद को इंटरनेशनल स्तर पर साबित किया था इस शतक के से विराट की लोकप्रियता काफी ज्यादा बढ़ गयी थी उन्हें काफी सरहना मिल रही थी की श्रीलंका के प्रमुख गेंदवाज को कैसे खेलते है | वाकई में जिसने भी यह पारी देखि वह दंग रह गया सचमुच यह एक अविश्वसनीय पारी थी |

100 words

Every innings is unique in itself, no innings is less than the other, the situation in which this innings is played matters, whether it is Vivian Richards’s innings or Kapil Dev’s innings. When Vivian Richard played this innings, it was the highest score till that time, no batsman could score such a big score. When AB played an innings of 149, it is a masterpiece in itself, scoring 149 runs in only 44 balls is not possible all the time, that too in the last ten overs. Virat Kohli’s innings was an under pressure innings because that match was as much for India and Virat had to prove that he is the best batsman.

 

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