खेल कोई भी हो लेकिन हर खिलाड़ी का सपना मैन ऑफ द मैच अवार्ड जीतने का होता है। यह अवार्ड मैच के दौरान सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को दिया जाता है। क्रिकेट में आपने अक्सर मैच के बाद होने वाली मैच प्रेजेंटेशन के दौरान दोनों टीमों में से किसी एक खिलाड़ी को प्लेयर ऑफ द मैच अवार्ड के लिए बुलाए जाते हुए देखा होगा। आमतौर पर मैच जीतने वाली टीम के खिलाड़ी को यह अवार्ड मिलता है।
लेकिन कभी-कभार हमने ऐसा भी देता है कि मैच हारने वाली टीम की तरफ से भी खिलाड़ी को यह पुरस्कार दे दिया जाता है। आज हम चक दे क्रिकेट की इस खास पेशकश में उन पांच क्रिकेटरों के बारे में जानेंगे जिन्होंने अपना मैन ऑफ द मैच पुरस्कार निस्वार्थ भाव से साथी खिलाड़ी को दे दिया और उन्हें ही इसका हक़दार बताया। इस लिस्ट में भारत के 4 खिलाड़ी हैं, चलिए देखते हैं-
1) गौतम गंभीर-
भारत के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी गौतम गंभीर आईसीसी वनडे विश्व कप 2011 में भारत को विजेता बनाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। लेकिन आपको यह जानकर आज बेहद हैरानी होगी कि साल 2009 में भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए एक वनडे अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले में गौतम गंभीर ने अपना मैन ऑफ द मैच पुरस्कार विराट कोहली को सौंप दिया था। विराट कोहली का नाम सुनकर आपको थोड़ा अटपटा लगा होगा क्योंकि आईपीएल 2013 के दौरान आपने इन दोनों खिलाड़ियों को आपस में लड़ते देखा था.
गौतम गंभीर ने खेल भावना दिखाते हुए विराट कोहली को अपना मैन ऑफ द मैच पुरस्कार दिया था। तब विराट कोहली मात्र 21 वर्ष के थे। दरअसल कोलकाता के मैदान में भारतीय टीम 316 रन के स्कोर का पीछा कर रही थी और वीरेंद्र सहवाग सचिन तेंदुलकर दोनों 4 ओवर के भीतर ही पवेलियन की तरफ लौट गए थे। गौतम गंभीर और विराट कोहली ने 224 रन की रिकॉर्ड पार्टनरशिप का भारतीय टीम को मैच में जीत दिला दी। गौतम गंभीर ने नाबाद 150 रन की पारी खेली तो वही विराट कोहली ने 114 गेंद में 107 रन बनाए। विराट कोहली की पहली वनडे अंतरराष्ट्रीय सेंचुरी थी।
गौतम गंभीर ने बताया कि पहली अंतरराष्ट्रीय सेंचुरी एक खिलाड़ी के लिए बहुत खास होती है और इसी वजह से उन्होंने विराट कोहली के इस पल को और खास बनाने की कोशिश की। अपने इस खास अंदाज की वजह से गौतम गंभीर ने करोड़ों लोगों का दिल जीत लिया था।
2) कुलदीप यादव-
आईपीएल 2022 के दौरान कुलदीप यादव ने भी कुछ ऐसा किया जिसकी बदौलत उन्होंने विश्व भर में जमकर वाहवाही लूटी। दरअसल कुलदीप यादव ने दिल्ली कैपिटल्स की तरफ से खेलते हुए पंजाब किंग्स के खिलाफ यह खेल भावना प्रकट की। दिल्ली कैपिटल्स के 6 खिलाड़ी इस मुकाबले से पहले कोविड-19 टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे। लेकिन ऋषभ पंत की कप्तानी वाली इस टीम ने हार नहीं मानी और मैदान पर लाजवाब प्रदर्शन कर जीत हासिल की।
इस जीत में कुलदीप यादव और अक्षर पटेल का बड़ा योगदान रहा था। कुलदीप ने निर्धारित 4 ओवर में 24 रन खर्च कर दो विकेट चटकाए थे। वही अक्षर पटेल ने चार ओवर में 10 रन खर्च कर दो विकेट चटकाए थे और टीम के सबसे इकोनॉमिकल गेंदबाज रहे थे।
मैच प्रेजेंटेशन में कुलदीप यादव ने कहा कि वह अपना मैन ऑफ द मैच पुरस्कार अक्षर पटेल के साथ साझा करना चाहेंगे। अक्षर ने बेहतरीन गेंदबाजी की और महत्वपूर्ण विकेट चटकाए।
3) आशीष नेहरा-
गुजरात की टीम के कोच आशीष नेहरा की निस्वार्थ खेल भावना को दर्शा चुके हैं। आईपीएल 2015 के दौरान चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलते हुए आशीष नेहरा ने यह खूबसूरत कारनामा करके दिखाया। यह बात चेन्नई और बेंगलुरु के बीच आईपीएल 2015 में खेलेगा 2nd क्वालीफायर मुकाबले की है। आशीष नेहरा जबरदस्त फॉर्म में चल रहे थे और चेन्नई की टीम के गेंदबाज के महत्वपूर्ण गेंदबाज थे।
आशीष नेहरा की शानदार गेंदबाजी की बदौलत चेन्नई ने आरसीबी को मात्र 139 रनों पर रोक दिया। नेहरा में 3 विकेट चटकाए। जवाब में बल्लेबाजी करने को तो जीत चेन्नई सुपर किंग्स की टीम के लिए ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज माइक हसी ने शानदार 46 गेंदों में 56 रन की मैच विनिंग पारी खेली। उस समय वो 40 वर्ष के थे।
मैच के बाद प्रेजेंटेशन के दौरान आशीष नेहरा को मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया लेकिन आशीष नेहरा को माइक हसी का योगदान अपने बराबर लगा और इसी वजह से उन्होंने इस खिताब को उनके साथ साझा किया।
4) स्मृति मंधाना- खेल भावना का प्रदर्शन करने में महिलाएं भी कुछ पीछे नहीं हैं और स्मृति मंधाना जो कि भारतीय बल्लेबाजी क्रम की जबरदस्त खिलाड़ी हैं, उन्होंने विश्वकप के दौरान यह कारनामा करके दिखाया।
यह बात महिलाओं के आईसीसी वनडे क्रिकेट विश्व कप 2022 की है। न्यूजीलैंड के खिलाफ मुकाबला हारने के बाद भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ जबरदस्त वापसी की और 155 रन की जीत दर्ज की। स्मृति और हरमनप्रीत कौर ने बेहतरीन शतक लगाकर भारतीय टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाया। आपको बता दें इस मुकाबले में हरमनप्रीत कौर ने नंबर पांच पर बल्लेबाजी करते हुए 107 गेंदों में 109 रन बनाए तो वही स्मृति मंधाना ने ओपनिंग करते हुए 119 गेंदों में 123 रन की पारी खेली।
मैच के बाद स्मृति को प्लेयर ऑफ द मैच खिताब के लिए बुलाया गया। उन्होंने यह पुरस्कार अपने साथी खिलाड़ी हरमनप्रीत कौर के साथ साझा करने का निर्णय लिया और कहा कि वह बल्लेबाजी क्रम में एक महत्वपूर्ण रोल अदा करती हैं और उनकी वापसी पर मैं बहुत खुश हूं।
यह कुछ ऐसा फल है जो क्रिकेट के खेल को और खूबसूरती देते हैं। कुछ ऐसे पल हैं जो क्रिकेट के खेल को और खूबसूरती देते हैं। कमेंट करके बताइए आपको इन खिलाड़ियों के अलावा कोई ऐसा खिलाड़ी पता है क्या जिसने अपना मैन ऑफ द मैच पुरस्कार किसी दूसरे खिलाड़ी के साथ साझा किया?