बिहार में घुमने के लिए सबसे अच्छा समय नवम्बर से मार्च के बीच माना जाता है क्यूंकि इस समय बिहार में पर्यटकीय स्थलों के भ्रमण में कोई परेशानी नहीं होती है. मौसम घुमने के लिए बेहद ही अनुकूल होता है. सर्दियों का मौसम साल का ऐसा समय होता है कि इस दौरान आप घुमने का भरपूर मजा ले सकते हैं. बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो घुमने के लिए ख़ास तौर पर सर्दी के मौसम का इन्तजार करते हैं. आप भी उन्ही में से एक हैं और बिहार में ही ऐसे किसी पर्यटकीय स्थल की तलाश में हैं तो हम आपकी मदद कर सकते हैं. हम आपको बिहार के ऐसे 7 डेस्टिनेशन के बारे में बतायेंगे जो इस मौसम में पर्यटन के दृष्टिकोण से आपको आकर्षित करेगा. यह डेस्टिनेशन हमने सभी वर्ग के जैसे बच्चे, युवा, बुजुर्ग और उनकी पसंद को देखते हुए चयन किया है.

  • नंबर 7 पर है बांका जिले में स्थित ओढ़नी डैम, यह डैम आजकल पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. क्यूंकि पर्यटकों को यहाँ सस्ते में गोवा वाली फीलिंग आती है. डैम में सैर के लिए वाटर स्कूटर की व्यवस्था है. अगर आप न्यू मैरिड कपल हैं या फिर प्री वेडिंग शूट के लिए भी वहां जा सकते हैं. ओढनी डैम से सटे पहाड़ इसकी ख़ूबसूरती को और ज्यादा बढाने का काम करते है, महादेव और पार्वती का मंदिर क्षेत्र की सुन्दरता को और भी निखारता है, डैम के तीनो तरफ पहाड़ी जो हर पर्यटकों का मन मोह लेता है. वहीं गोवा की फीलिंग के लिए और वाटर बोट का लुफ्त उठाने के लिए प्रतिव्यक्ति 300 रूपए और हाफ राइड के लिए 100 रूपए प्रतिव्यक्ति का चार्ज है वहीँ जेट स्कीइंग के लिए फुल राइड के लिए 500 और हाफ राइड के लिए प्रति व्यक्ति 300 रूपए का चार्ज देना होगा

  • नंबर 6 पर हम बात करेंगे कैमूर हिल्स. इसे बिहार का स्वर्ग कहें तो गलत नहीं होगा. पहाड़ियों से घिरी वादियाँ, जिधर देखो बस उधर हरियाली ही हरियाली, उसके बीच में, सड़क से गुजरते आप. झरनों की गूंज, चट्टानों की शान्ति, लहराती हुई वनस्पतियाँ और वन्य जीवों के बीच जो आत्मिक आराम आप महसूस करेंगे वो जरा सोचिये ये सब कुछ कितना मनमोहक होगा. अक्सर आपलोग प्रकृति के इस सौन्दर्य को निहारने के लिए लेह लद्दाख के सफर पर निकलते हैं लेकिन ये मनोरम दृश्य का लुत्फ़ आप कैमूर की वादियों में उठा सकते हैं. इन पहाड़ियों पर पाए जाने वाले पौराणिक अवशेष , संरक्षित किले , हिन्दू देवी देवताओं के पौराणिक और रहस्यमय मंदिर जिनमें से एक है अतिप्राचीन माँ मुंडेश्वरी देवी का मंदिर इस घाटी की लोकप्रियता को और भी खूबसूरत बनाते है. प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह स्वर्ग से कम नहीं है

  • नंबर-5 पर हम बात करेंगे शेरशाह का मकबरा की. अफगानिस्तान स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना शेरशाह का मकबरा अपने ऐतिहासिक महत्व के साथसाथ खूबसूरती के लिए दुनिया भर में मशहूर है। अफगान वास्तुकला का शानदार नमूना होने के कारण संयुक्त राष्ट्र ने 1998 में इसे विश्व धरोहर की सूची में महत्वपूर्ण स्थान दिया था मकबरे के अंदर ऊंचाई पर बनी बड़ीबड़ी रोशनदाने इसे हवादार और रोशनी युक्त बनाते हैं सभी खिड़कियों पर की गई बारीक नक्काशी पर्यटकों को उस समय के कारीगरी को दाद देने को मजबूर कर देती है यह चीजें आपको बहुत आकर्षित करेंगी। अगर आप इतिहास को जानने के शौकीन हैं तो आप यहां जरूर विजिट करें.
Mahabodhi Temple
  • नंबर 4 पर हम बात करेंगे महाबोधि मंदिर की यह पावन स्थल दुनिया भर के बौद्ध तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।।महाबोधि मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है। इस मंदिर का परिसर इतना भव्य है की आप इसकी भव्यता को देखकर मंत्रमुग्ध हो जायेंगे. यह बिहार की वह पावन धरती है जहां तथागत भगवान बुद्ध ने मानव के दुःखों के कारणों की तलाश की और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति की. बोधि वृक्ष के नीचे बुद्ध के पौराणिक आध्यात्मिक ज्ञान स्थली पर महाबोधि मंदिर है. मंदिर के गर्भगृह में बुद्ध की सोने की चित्रित प्रतिमा, पाल राजाओं द्वारा निर्मित काले पत्थर कि प्रतिमा है। यहाँ भगवान बुद्ध को भूमिपुत्र मुद्रा या पृथ्वी को छूने वाले आसन में बैठा हुआ देखा जाता है। यहाँ देखने के लिए जानने के लिए समझने के लिए बहुत कुछ मिलेगा.

  • नंबर 3 पर हम बात करेंगे राजधानी पटना से 131 किलोमीटर दूर औरंगाबाद स्थित उमगा मंदिर की. यह वो मंदिर है जिसका प्रवेश द्वार रातों रात पूर्व की दिशा से पश्चिम हो गयी थी. ऊँचे पहाड़ और बड़े बड़े चट्टानों के बीच चौकोर आकार की ग्रेनाइट ब्लॉक से निर्मित यह मंदिर की भव्यता देखते बनती है. मंदिर के चारों तरफ ऊँचेऊँचे चट्टानों के बीच उगी हरीहरी छोटीछोटी झारियाँ पास में स्थित तालाब जिसे ऊँचे पहाड़ों से देखा जाए तो आँखों को सुकून मिलती है. अगर आप भी एडवेंचरस हैं पहाड़ों पर चढ़ना प्रकृति से मिलना और बड़े बड़े चट्टानों से गुजरना पसंद है. साथ ही अगर आप धर्म अध्यात्म से जुड़े तथ्य, रहस्य भरी कथाओं को पास से जानने, सुनने और समझने के शौक़ीन हैं तो यहाँ आपको इन सभी चीजों का समामेलन देखने को मिलेगा.

और आखिर में बचे वो दो स्थान हैं जिसके बारे में अगर इस विडियो में जिक्र नहीं करती तो इनके साथ ना इंसाफी होती.

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  • नंबर 2 पर हम बात करेंगे VTR की यानी की वाल्मीकि नगर टाइगर रिज़र्व. पर्यटकीय दृष्टिकोण से देखें तो यह बिहार का मोस्ट विजिट प्लेस में से एक है. यहाँ भारी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. यहाँ जंगलों के मनोरम दृश्य और जीव जन्तुओं की बोली आपका मन मोह लेगी. वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व बिहार का एकमात्र टाइगर रिज़र्व है, जो भारत में हिमालयी तराई जंगलों की सबसे पूर्वी सीमा बनाता है। गंगा के मैदान जैवभौगोलिक क्षेत्र में स्थित इस टाइगर रिज़र्व की वनस्पति भाबर और तराई क्षेत्रों का संयोजन है। भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट, 2021 के अनुसार इसके कुल क्षेत्रफल के 85.71% भूभाग पर वनावरण विद्यमान है। वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व के जंगलों में पाए जाने वाले जंगली स्तनधारियों में बाघ, सुस्त भालू, तेंदुआ, जंगली कुत्ता, बाइसन, जंगली सूअर आदि शामिल हैं। अगर आप अपने बच्चों के साथ ट्रिप प्लान कर रहें हैं तो यहाँ बेझिझक जा सकते हैं.

  • सबसे आखिर और नंबर एक पर हम बात करेंगे राजगीर की यह बिहार का वो पर्यटक स्थल है जहाँ सबसे अधिक पर्यटक पहुँचते हैं देसी ही नहीं बल्कि यहाँ विदेशी पर्यटक भी खूब आते हैं. राजगीर में घुमने के लिए बहुत कुछ है. रोपवे की सहायता से आप रत्नागिरी की पहाड़ियों पर चढ़कर वहां से हरे भरे और ऊँची ऊँची पहाड़ियों के विहंगम दृश्य का मजा ले सकते हैं. अगर आप प्रकृति के साथ तस्वीरें खिंचवाने के शौक़ीन हैं तो आप यहाँ जा सकते हैं. आप यहाँ से घोड़ा कटोरा जा सकते हैं यहाँ आप वोटिंग कर सकते हैं. फिलहाल ग्लास ब्रिज पर्यटकों के मुख्य आकर्षण ला केंद्र हैं यहाँ जा कर आप आनंद उठा सकते हैं.

आप हमें कमेंट कर जरुर बताएं की आपको इन पर्यटक स्थलों में कौन सा बेहद पसंद आया?

इनमें से कई ऐसे स्थलों के बारे में हमने अपने बिहारी विहार के सेगमेंट में विस्तार से बताया है अगर वो आप देखना चाहते हैं तो आप एक बार डिस्क्रिप्शन बॉक्स अवश्य चेक करें.

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