दुनिया भर में विभिन्न प्रजातियों के पशु–पक्षी एवं जीव–जंतु पाए जाते हैं इन सभी जीव–जंतुओं के अपने अलग–अलग महत्व हैं. उनमें से कुछ अपनी रंग कुछ अपनी मधुर आवाज वहीँ कुछ अपने आकार के लिए प्रसिद्ध है इसलिए वे विभिन्न विशेषताओं के साथ लोकप्रिय है. उन्ही में से एक है है टोकाय गेको छिपकली जो देखने में जितनी आकर्षक होती है उतनी ही मार्केट में इसकी डिमांड भी है. अगर इस छिपकली की कीमत की बात करें तो अन्तराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 1 करोड़ से कम नहीं होगी. और ये छिपकली बिहार में देखने को मिला है.
दरअसल यह छिपकली प्रतिबंधित है. अवैध तरीके से इसकी खरीद बिक्री पर रोक लगी है. जिसके साथ पूर्णिया पुलिस ने पांच लोगो को गिरफ्तार किया है. क्यूंकि इस छिपकली को तस्करी के लिए दिल्ली ले जाया जा रहा था. हालाँकि पुलिस ने गुप्त सुचना के आधार पर पूर्णिया के बायसी क्षेत्र के एक दवाई के दूकान में रेड डालकर इस छिपकली को बरामद किया है.
एसडीपीओ ने बताया कि पश्चिम बंगाल के करंडी से इस छिपकली को लाया गया था जिसके साथ पुलिस ने बायसी थाना क्षेत्र में एक दवा दुकान ताजा मेडिसिन हॉल में छापेमारी कर इसके साथ 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया है पुलिस इसकी छानबीन में जुटी हुई है और यह पता लगा रही है किस मामले में और कौन–कौन शामिल है एसडीपीओ ने बताया कि पकड़े गए लोगों से पूछताछ करने के बाद बहुत जल्दी इस गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा.
टोकाय गेको छिपकली का इस्तेमाल
बताते चलें कि इससे छिपकली का पूरा नाम टोकाय गेको है इस छिपकली की कीमत इस वजह से इतनी ज्यादा है क्योंकि इसका इस्तेमाल मर्दानगी बढ़ाने वाली दवाओं में की जाती है इसके साथ इस छिपकली की मांस से नपुंसकता, डायबटीज, एड्स और केंसर जैसे गंभीर बीमारी में इस्तेमाल होने वाली दवाएं बनाई जाती हैं. यही नहीं ऐसा माना जाता है कि यह किडनी और फेफड़ों को मजबूत बनाती है खासकर दक्षिण–पूर्व एशियाई देशों में इसकी बहुत मांग है. वहीँ दक्षिण–पूर्व एशिया में इसे अच्छी किस्मत और समृद्धि का भी प्रतीक माना जाता है.
कहाँ कहाँ पायी जाती है यह छिपकली
बता दें की यह एक दुर्लभ जीव है. यह छिपकली दक्षिण पूर्व एशिया के बिहार, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पूर्वोत्तर भारत, फिलीपिंस तथा नेपाल में पाई जाती है यह छिपकली जंगलों की लगातार कटाई होने की वजह से खत्म होती जा रही है और आए दिन इसकी तस्करी की जा रही है.
इसकी आकार और बनावट की बात करें तो इस छिपकली की लम्बाई करीब 30 से 35 सेंटीमीटर के आस पास होती है. इसका आकार सिलेंडर की तरह होता है. शरीर के नीचे का हिस्सा सपाट होता है. इसे और दुसरे छिपकली से अलग ये बनाती है की इसके पीठ पर लाल लाल स्पॉट यानी धब्बे होते हैं. और यह टॉक–के जैसी आवाज निकालती है इस वजह से इस छिपकली का नाम वैज्ञानिकों ने टोकाय गेको नाम रखा है. जानकारों की माने तो यह वातावरण के हिसाब से रंग भी बदलती है.