बिहार में शिक्षक नियुक्ति को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. इस अपडेट को लेकर एक तरफ जहां लोगों में उल्लास है तो वहीं दूसरी तरफ परीक्षार्थियों में इसको लेकर रोस भी देखने को मिल रहा है. आज हम इस वीडियो में यह जानेंगे कि आखिर सरकार की तरफ से जो शिक्षक भर्ती की नई नियमावली लागू की गई है उसमें किन किन बातों को जोड़ा गया है. बिहार सरकार की तरफ से जारी अपडेट के अनुसार यह बताया जा रहा है कि प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी तक के स्कूलों में शिक्षक का पद विद्यालय अध्यापक के रूप में जाना जाएगा. यानी कि अब जो नई भर्ती होगी उसमें अब शिक्षकों को नियोजित शिक्षक नहीं बोला जाएगा बल्कि विद्यालय अध्यापक के नाम से वे जाने जाएँगे. साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि यह परीक्षा BPSC के माध्यम से लिया जाएगा.
बता दें कि कोई भी परिक्षार्थी इस परीक्षा को तीन बार दे सकते हैं. बता दें कि साल 2006 से प्रदेश में ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति होती रही है. लेकिन अब इसमें बड़ा बदलाव किया गया है कैबिनेट की बैठक में बिहार राज्य अध्यापक नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त नियमावली 2023 को मंजूरी दे दी गई है. इस नियमावली में यह बता दिया गया है कि CTET और BTET पास अभ्यर्थी ही आयोग की इस परीक्षा में बैठ सकते हैं. साथ ही यह भी बताया गया है कि बिहार के स्थायी निवासी ही इसमें आवेदन कर सकते हैं. साथ ही साथ पहले से जो नियोजित शिक्षक कार्य कर रहे हैं उन्हें भी परीक्षा में बैठने की छूट दी गई है. इसके लिए आयु सीमा में अधिकतम 10 साल तक की सशर्त छूट मिलेगी. आपको बता दें कि पहले शिक्षकों की नियुक्ति ग्राम पंचायत और नगर निकायों के माध्यम से किया जाता रहा है. बता दें कि इस परीक्षा में बैठने के लिए साल 2012 से पूर्व नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षक, जो दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण होंगे, उनके लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णता अनिवार्य नहीं होगी.
शिक्षक बहाली की नई नियमावली में पहली से आठवीं तक के शिक्षकों की नियुक्ति में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाएगा. इसके बाद सामान्य प्रशासन की तरफ से जो आरक्षण का प्रावधान लागू होगा. बता दें कि कक्षा 9 से 12 तक में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा.नये नियम के अनुसार अब शिक्षकों का जिला संवर्ग होगा साथ ही शिक्षकों का अंतरजिला स्थानांतरण भी किया जाएगा. वहीं अगर हम आयु की बात करें तो प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के शिक्षक अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु 1 अगस्त को 18 वर्ष तथा माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में न्यूनतम आयु 21 साल होनी चाहिए. आयु सीमा को लेकर यह भी बताया गया है कि कोटि के हिसाब से अधिकतम आयु सीमा वही होगी जो राज्य सरकार द्वारा समय–समय पर प्रावधानिक किये जाएँगे. साथ ही यह भी बताया गया है कि पहले से पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों को 10 साल की छूट दिजाएगी. लेकिन, पंचायती राज संस्था एवं नगर निकाय संस्था द्वारा नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षकों के लिए अधिकतम आयु की सीमा शिथिल करने के लिए राज्य सरकार अलग से निर्णय लेगी.
शिक्षकों के नये नियमावली के तहत विद्यालय अध्यापकों के सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर आश्रितों की अनुकंपा पर नियुक्ति के संबंध में प्रावधान तय किया जाएगा. नियुक्ति प्रक्रिया के एक कदम आगे बढ़ते हुए शिक्षा विभाग अब भर्ती के लिए रिक्त पदों की गणना कर रोस्टर क्लीयरेंस के साथ सूची आयोग को भेजेगा. इसके बाद आयोग विज्ञापन निकालेगा. जिसमें अभ्यर्थियों की नियुक्ति होगी. मीडिया में चल रही खबरों की माने तो प्रदेश में लगभग 3 लाख शिक्षकों के लिए पद खाली हैं. ऐसे में अब आयोग के माध्यम से इन पदों को भरना है. आपको बता दें कि पहले जो शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया थी उसमें ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के माध्यम से नियुक्ति प्रक्रिया चल रही थी उसमें कई तरह से सवाल उठते रहे हैं. जिसमें कई बार बदलाव की बात कई गई है. एक बड़ी समस्या यह सामने आई जब अभ्यर्थी एक ही नियुक्ति प्रक्रिया में दर्जनों जगहों पर आवेदन जमा करते थे. और काउंसिलिंग के दिन अभ्यर्थी को यह समझ में नहीं आता था कि वह कौन सी ईकासी में उपस्थित हों. जिससे उनके चयन प्रक्रिया में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था. इस दौरान नियुक्ति करने वाई ईकाइयों पर कई तरह के आरोप भी लगते थे. ऐसे में अब सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है. ऐसे में अब देखना है कि सरकार की इस प्रक्रिया से अभ्यर्थियों को कितना राहत मिल पाता है.
इस परीक्षा से जुड़ी कुछ जरूरी बात
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अभ्यर्थी को बीएड या एमएड पास होना जरूरी होगी
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सीटीईटी या बीटीईटी पास होना जरूरी होगा
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नई नियम के अनुसार कोई भी अभ्यर्थी तीन बार परीक्षा दे सकता है
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जिस अभ्यर्थी का मेरिट में नंबर बेहतर होगा उन्हें पोस्टिंग में फायदा मिलेगा
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जब अभ्यर्थी शिक्षक बन जाएँगे तो उनका तबादला और पोस्टिंग आसानी से हो पाएगा
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शिक्षक बहाली का पैटर्न आयोग तय करेगा लेकिन शिक्षा विभाग से सलाह लेगा.