Placeholder canvas

जिद और गुस्से की देन है एशिया कप

Bihari News

क्रिकेट सबसे पुराने खेलों में से एक है | क्रिकेट का क्रेज इस कदर है की इसे हर नौजवान, बच्चे बूढ़े देखना और खेलना पसंद करते हैं | जब क्रिकेट का प्रसारण डीडी नेशनल पर हुआ करता था तो सभी लोग टीवी से चिपके रहते थे और मैच का मजा उठाते थे, उस समय सभी गलियां सुनी पड़ जाती थी कोई भी आदमी बाहर दिखाई नहीं देता था और जब भारत और पाकिस्तान का मैच होता था तो उस समय मैच का रोमांच और भी बढ़ जाता था, लोग रेडियो और टीवी से ही चिपके रहते थे और हर एक बॉल का आनंद उठाते थे |

भारत में क्रिकेट एक ऐसा शब्द है जिससे लगभग हर नौजवान, बच्चे, बूढ़े इस खेल से परिचित हैं, भारत में क्रिकेट किसी पर्व या त्यौहार से कम नहीं है | भारत में क्रिकेट को लेकर दीवानगी इस कदर है की, लोग ऑफिस में हो या कोई काम में बीजी हो कम से कम क्रिकेट का लाइव स्कोर देखना तो कतई नहीं भूलते हैं | लेकिन क्या आपको पता है कि क्रिकेट में एशिया कप कि शुरुआत कैसे हुई थी, चलिए हम आपको बताते हैं की इस टूर्नामेंट की शुरुआत कैसे हुई थी | एशिया कप की शुरुआत बेहद ही आनोखे अंदाज में हुई थी, इसे जानने के बाद आप यही कहेंगे की इसकी शुरुआत गुस्से और बदला लेने के उद्देश्य से की गयी थी |

आपको बता दे कि एशिया कप को शुरू करने का पूरा श्रेय बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एनकेपी साल्वे को जाता है, इन्होंने हीं एशियन क्रिकेट कांफ्रेंस (ACC) की नींव रखी थी | दरअसल, एशिया कप की शुरुआत 1984 में हुई थी और हुआ ये था कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के उस समय अध्यक्ष एनकेपी साल्वे हुआ करते थे | और वे इंडिया बनाम वेस्टइंडीज 1983 वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला स्टैंड से देखना चाहते थे, मगर उन्हें टिकट नहीं मिला | यह बात उन्हें पसंद नहीं आई और वे गुस्से से भर गये , और जाहिर सी बात है बिसिसिआई के अध्यक्ष को टिकट न मिलना ये अपने आप में बड़ी बात है | मगर साल्वे ने टिकट न मिलने का अपना गुस्सा कुछ अलग अंदाज में जाहिर किया | साल्वे ने उसी समय ठान लिया की अब तो वर्ल्ड कप को इंग्लैंड से बाहर निकालकर ही रहेंगे, यह काम इतना आसान भी नहीं था, ये बात साल्वे अच्छी तरह जानते थे |

इसके बाद साल्वे ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के उस समय के अध्यक्ष नूर खान से बात की और उन्हें अपने साथ मना लिया | इसके बाद साल्वे ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड (SLC) के हेड को शामिल किया और 19 सितंबर को नई दिल्ली में एशियन क्रिकेट कांफ्रेंस (ACC) का गठन किया | जो की बाद में इसका नाम बदलकर एशियन क्रिकेट काउंसिल कर दिया गया |

आपको बता दे की 1983 तक एशिया में आसीसी के पूर्ण सदस्य भारत, श्रीलंका और पाकिस्तान हीं थे लेकिन साल्वे ने एशिया कप में बांग्लादेश, मलेशिया और सिंगापूर को शामिल किया | एसीसी बनने का नतीजा ये रहा कि एशिया में क्रिकेट की ताकत बढ़ गयी, पहले इसकी पूरी ताकत आसीसी के पास ही होती थी | एक तरह से आप कह सकते हैं की एसीसी ने क्रिकेट में आसीसी को चुनौती देना शुरू कर दिया |

एसीसी बनने के बाद उसने आसीसी को पहली चुनौती एशिया कप टूर्नामेंट शुरू करके दी | इस टूर्नामेंट में सिर्फ एशियाई टीमों को ही खेलने की अनुमति दी | एशिया कप का पहला सीजन 1984 में कराया गया, ये वनडे फ़ॉर्मेट में खेला गया था, जिसकी मेजबानी यूएई (UAE) ने की थी, और पहला सीजन भारत ने जीता था और तब से लेकर अब तक एशिया कप में भारत का ही दबदबा है, भारत अभी तक 7 बार एशिया कप जीत चूका है | दुसरे स्थान पर श्रीलंका है जिसने 6 बार इस ट्रॉफी पर कब्ज़ा किया है और पाकिस्तान ने केवल दो बार ही एशिया कप जीता है |

आपको एशिया कप की जानकारी कैसी लगी इस पर हमें अपनी राय जरुर दे |

 

Leave a Comment