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बिहार का यह जिला जो सिल्क की नगरी के नाम से पूरे विश्व में है प्रसिद्ध

Bihari News

आज हम बात करेंगे बिहार के उस जिले के बारे में जो तसर सिल्क उत्पादन के लिए केवल बिहार हीं नहीं पूरे विश्व में भी ख्याति प्राप्त कर चूका है. आज हम बात करेंगे बिहार के उस जिले के बारे में जहाँ पूरे विश्व में प्रसिद्ध विक्रमशिला विश्वविद्यालय जैसे शिक्षा केंद्र मौजूद थे. अब विक्रमशिला विश्वविद्यालय और तसर सिल्क का नाम लेते तो शायद आप में से कई लोग समझ हीं गये होंगे की आज हम बिहार के किस जिले की बात करने वाले हैं. जी हाँ आज हम बात करने वाले है बिहार के भागलपुर जिले के बारे में. यह जिला बिहार के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित है. प्राचीन समय में यह जिला चम्पावती के नाम से जाना जाता था. जिसका इतिहास में काफी महत्व देखने को मिला. इस जिले का मुख्यालय भागलपुर शहर में हीं स्थित है. पश्चिम बंगाल के अभिलेखागार में मौजूद दस्तावेजों के अनुसार इस जिले की स्थापना 4 मई वर्ष 1773 में हुई थी. यहाँ के लोग बोलचाल की भाषा में अंगिका भाषा का प्रयोग करते हैं.

  • क्षेत्रफल और चौहद्दी

आइये अब आगे के इस चर्चा में हम जानते हैं बिहार के क्षेत्रफल और चौहद्दी के बारे में. तो बता दें की इस जिले का क्षेत्रफल कुल 2569 वर्ग किलोमीटर तक में फैला हुआ है. यहाँ की आबादी 30,37,766 है. यहाँ कुल 3 अनुमंडल, 16 प्रखंड और 1515 गाँव मौजूद हैं.

इतिहास

आइये अब अपने आगे के इस चर्चा में हम बात करते हैं इस जिले के इतिहास के बारे में. एक समय था जब भागलपुर भारत के 10 बेहतरीन शहरों में शुमार था. 5वीं सदी ईसा पूर्व में इस जिले को लोग चम्पावती के नाम से जानते थे. उस वक्त भारतीय सम्राटों का वर्चस्व गंगा के मैदानी क्षेत्रों में देखने को मिल रहा था. चम्पावती अंग जनपद की राजधानी भी रही थी. अंग 16 महाजनपदों में से एक थे. एक समय था जब जामताड़ा, पाकुड़, दुमका, गोड्डा, देवघर, जो अभी वर्त्तमान में झारखण्ड राज्य में आते हैं और साहेबगंज ये सभी भागलपुर के सबडिवीज़न थे. इस जिले का पौराणिक नाम भगदतपुरम था. जिसकी चर्चा पुराणों में भी की गयी है. इसका अर्थ होता है वैसा स्थान जो भाग्यशाली हो.

प्रसिद्ध व्यक्ति

आइये अब अपनी इस चर्चा में हम जानते हैं इस जिले के प्रसिद्ध व्यक्ति के बारे में.

इस जिले के प्रसिद्ध व्यक्ति में हम बात करेंगे तिलका मांझी के बारे में. इनका जन्म 11 फरवरी वर्ष 1750 में भागलपुर जिले के तिलकपुर गाँव में हुआ था. तिलका मांझी संथाल की क्रांति में एक नायक के रूप में उभरे थे. ब्रिटिश सरकार के दमकारी व्यवस्था का इन्होने मात्र 18 साल की आयु में विरोध किया था. इन्होने ब्रिटिश फ़ौज तोपों और बंदूकों का सामना अपने साधारण सेना और तीर धनुष से किया था. तिलका मांझी जैसे क्रांतिकारी वीर की गाथा केवल राजकीय हीं नहीं राष्ट्रिय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी है.

कैसे पहुंचे

आइये अब जानते हैं इस जिले के यातायात की सुविधा के बारे में. भागलपुर के यातायात के साधनों में हम बात करेंगे सड़क, रेल और हवाईमार्ग के बारे में.

  • सड़क मार्ग

चलिए अब हम जानते हैं इस जिले के सड़क मार्ग के बारे में. इस जिले के सड़क मार्ग बिहार के कई प्रमुख सड़कों से जुड़ते हैं. आइये हम आपको बताते हैं की राजधानी पटना से भागलपुर जिला सड़क मार्ग के जरिये कैसे पहुँच सकते हैं. राजधानी पटना से भागलपुर सड़क मार्ग में हम सबसे पहले बात करते हैं वाया NH 31 की. इसकी दूरी 254 किलोमीटर तक में है. जिसे तय करने में लगभग 6 घंटे तक का समय लग सकता है. यदि इस रूट की बात विस्तार से करें तो भागलपुरपटना रोड NH 31 होते हुए बखित्यारपुर पहुचेंगे फिर इसी मार्ग के जरिये बाढ़ जिला, सुल्तानपुर, हथिदह बुजुर्ग फिर मोकामा ब्रिज होते हुए बरौनीपूर्णिया हाईवे पर आयेंगे. फिर बेगुसराय, साहेबपुर कमाल, खगड़िया, महेशखूंट फिर सतीश नगर से थोड़ी हीं दूरी पर NH 131 के जरिये विक्रमशिला सेतु ब्रिज होते हुए भागलपुर पहुँच जायेंगे.

आइये अब हम बात करते हैं वाया NH 31 NH33 के बारे में. इस सड़क की दूरी लगभग 234 किलोमीटर तक में है. जिसे तय करने में 6 घंटे और 10 मिनट तक का समय लग सकता है. यदि सड़क की विस्तार से बात करें तो पटना से NH 31 के जरिये बख्तियारपुर, बाढ़ जिला फिर आगे से NH 33 के जरिये बरहिया, मेदनी चौकी, गंगानिया, अकबरनगर होते हुए भागलपुर पहुँच जायेंगे.

चलिए अब हम बात करते हैं वाया NH322 और NH31 के बारे में. इस रूट की दूरी 256 किलोमीटर तक में है. जिसे तय करने में लगभग साढ़े 6 घंटे तक का समय लग सकता है. यदि इस रूट की चर्चा विस्तार से करें तो NH22 के जरिये पटना से हाजीपुर आयेंगे फिर यहाँ से NH 322 के जरिये जन्दाहा यहाँ से आगे बढ़ने पर स्टेट हाईवे 88 से नवादा फिर यहाँ से NH122 के जरिये बरौनीपूर्णिया हाईवे से NH31 के जरिये खगड़िया, महेशखूंट फिर भागलपुर पहुँच जायेंगे.

जानकारी के लिए बता दें की इस जिले में यदि आप सड़क मार्ग के जरिये जा रहे हैं और आपको रास्ते में BR10 के वाहन दिखने लगे तो समझ जाइये की आप भागलपुर जिले में प्रवेश कर चुके हैं.

  • रेल मार्ग

आइये अब हम जानते हैं इस जिले के रेल मार्ग के बारे में. इस जिले का रेल मार्ग दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद,बंगलौर, अजमेर, कानपूर, गुवाहटी और सूरत आदि कई भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है. बता दें की यह जिला भारतीय रेलवे के पूर्वी रेलवे क्षेत्र मालदा रेलवे डिवीज़न के अधिकार क्षेत्र में आता है. इस स्टेशन का स्टेशन कोड BGP है. वहीँ यदि आप राजधानी पटना से भागलपुर आना चाहे तो पटना जंक्शन से आपको कई ट्रेने मिल जाएँगी. जिनमे विक्रमशिला एक्सप्रेस जो की देर रात 2:40 मिनट पर पटना जंक्शन से खुलेगी और भागलपुर जंक्शन पर सुबह के समय 8:15 मिनट पर पहुंचा देगी. दूसरी ट्रेन साहेबगंज इंटरसिटी एक्सप्रेस है जो की सुबह के समय पटना जंक्शन से 5:15 मिनट पर है और यह ट्रेन आपको सुबह के समय 11:10 मिनट पर भागलपुर पहुंचा देगी. अब बात करते हैं भागलपुर SF एक्सप्रेस की. यह ट्रेन पटना जंक्शन से दोपहर के समय में 12:40 मिनट पर है. जो की भागलपुर शाम के समय 6 बजे तक पहुंचा देगी.

अब जानते हैं भागलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस के बारे में. यह ट्रेन पटना जंक्शन से शाम के समय 4:50 मिनट पर है. जो की रात के समय 10:15 मिनट पर भागलपुर पहुंचा देगी.

आइये अब आखिरी में हम आपको बताते हैं बांका इंटरसिटी एक्सप्रेस के बारे में. यह ट्रेन रात के समय 11:55 मिनट पर पटना जंक्शन से खुलती है और भागलपुर सुबह के समय 4:42 मिनट पर पहुंचा देगी.

जानकारी के लिए बता दें की इन ट्रेनों के अलावे और भी कई साप्ताहिक ट्रेने आपको मिल जाएँगी. जिसकी जानकारी आप रेलवे के आधिकारिक वेबसाइट या फिर स्टेशन पर जाकर ले सकते हैं.

  • हवाई मार्ग

आइये अब हम जानते हैं इस जिले के हवाई मार्ग के बारे में. बता दें की इस जिले का अपना हवाई अड्डा है. लेकिन अभी यह बंद पड़ा है. ऐसी जानकारी सामने आई है की यहाँ से घरेलु हवाई सेवा की शुरुआत जल्द हीं की जाएगी. यदि इसके अलावे नजदीकी हवाईअड्डे की बात करें तो इसका नजदीकी हवाईअड्डा पटना का हवाईअड्डा है. पटना हवाई अड्डे पर आप देश के कई प्रमुख शहरों से आ सकते हैं. और यहाँ आने के बाद आप रेल या सड़क मार्ग के जरिये आसानी से भागलपुर पहुँच सकते हैं.

पर्यटन स्थल

आइये अब हम जानते हैं इस जिले के पर्यटन स्थलों के बारे में.

इस जिले के पर्यटन स्थलों में हम सबसे पहले बात करेंगे विक्रमशिला विश्वविद्यालय के बारे में. यह विश्वविद्यालय एक समय में पूरे विश्व में प्रसिद्ध था. भागलपुर से 38 किलोमीटर की हीं दूरी पर स्थित यह विश्वविद्यालय अंतिचक गाँव के पास हीं स्थित है. पाल वंश के शासक धर्मपाल द्वारा इसकी स्थापना करवाई गयी थी.

आइये अब हम जानते हैं श्री चम्पापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र के बारे में. यह जगह एक मुक्ति स्थल के रूप में प्रसिद्ध है. यह ऐतिहासिक तीर्थ स्थलों में से एक है. यह जगह भागलपुर के पश्चिमी किनारे पर अवस्थित नाथनगर में है. जैन धर्मावलम्बियों के लिए यह क्षेत्र पूरे विश्व में एक मात्र पंच कल्याणक क्षेत्र है. इस क्षेत्र का सम्बन्ध पञ्च कल्याण से तात्पर्य 12 वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य के गर्भधारण, जन्म, तप, ज्ञान प्राप्ति और मोक्ष से है.

आइये अब अपनी चर्चा को आगे बढ़ाते हुए हम जानेंगे तिलका मांझी चौक के बारे में. दरअसल दमनकारी अंग्रेजों ने इन्हें यहीं पर फांसी के फंदे से लटका दिया था. उन्हीं के याद में इस स्थान पर तिलका मांझी की प्रतिमा को स्थापित की गयी. तिलका मांझी के सम्मान में हीं तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय को उनके नाम से जानते हैं.

आइये अब आखिरी में हम बात करते हैं महर्षि मेही आश्रम के बारे में. गंगा तट पर भागलपुर शहर के पूर्वी छोर पर यह आश्रम स्थित है. आश्रम के प्रांगन में हीं महाभारत काल के समय का माना जाने वाले एक मानव निर्मित गुफा भी है. पर्यटकों के लिए यह जगह आकर्षण का केंद्र बना रहता है.

कृषि और अर्थव्यवस्था

चलिए अब जानते हैं इस जिले के कृषि और अर्थव्यवस्था के बारे में. बता दें की यहाँ की कृषि अर्थव्यवस्था के रूप में मुख्य भूमिका अदा करती हैं. गंगा के किनारे बसे इस जिले की जमीन काफी उपजाऊ है. यहाँ के किसान खेती में मुख्य रूप से चावल, गेंहू, मक्का, जौ और तिलहन की खेती करते हैं. यह जिला रेशम उद्योग के कारण भी काफी प्रसिद्ध है. तसर रेशम और भागलपुरी साड़ी के लिए यह जिला केवल राष्ट्रिय हीं नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी जाना जाता है. बता दें की तसर रेशम का उत्पादन रेशम के कीड़े के द्वारा किया जाता है.

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