बिहार में इन दिनों खरमास के बाद सरकार में बड़े उठा पटक की खबरें चल ही रही थी कि अचानक से बिहार के शिक्षा मंत्री का बयान सामने आ गया जिसमें प्रो. चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर एक विवादित बयान दिया जिसके बाद से बिहार की सियासत के साथ ही पूरे देश से प्रतिक्रिया सामने आने लगी है. लेकिन चंद्रशेखर ने अपने बयान पर अभी भी अड़े हुए हैं. देश से जो प्रतिक्रिया सामने आई है. उसके बाद उन्होंने कहा है कि हमारे पुरखे जीभ कटवाते रहे हैं. इसीलिए हम अपने बयान पर कायम है. तो चलिए हम समझते हैं आखिर बिहार के शिक्षा मंत्री का बयान क्या था और उसके मायने मतलब क्या निकल रहे हैं.
दरअसर पिछले दिनों बिहार के शिक्षा मंत्री नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पहुंचे थे जहां मंत्री जी ने मनुस्मृति व रामचरित मानस के सुंदर कांड पर सवाल उठाया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि मनुस्मृति में जहां नारियों को शिक्षा से अलग रखने की बात कही गई है. इस दौरान उनके बयान से रामचरितमानस को लेकर कहा कि यह अभिशाप दिया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सुंदर कांड की कई बातें निंदनीय है. उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा है कि 195 देशों में से 6 या 7 देशों के लोग ही हैं जोकि जातियों के बारे में जानते हैं. उन्होंने कहा कि मैं खुद अपने नाम के आगे और पीछे कुछ नहीं रखा. मैं सिर्फ चंद्रशेखर लिखता हूं. नाम के आगे और पीछे जानने की जरूरत ना पड़े तभी हमारा देश ताकतवर बनेगा. उन्होंने कहा कि मनुस्मृति, रामचरित मानस और आरएसएस के दूसरे प्रमुख एमएस गोलवरकर की बंच ऑफ थॉट्स ग्रंथ ने समाज में नफरत फैलाई है.
शिक्षा मंत्री के बयान सामने के बाद सांधु संत समाज के साथ ही कुमार विश्वास की भी प्रतिक्रिया सामने आ गई. जिसमें उन्होने ट्विट करते हुए लिखा है कि आदरणीय नीतीश कुमार जी. भगवान शंकर के नाम को निरर्थक कर रहे आपके अशिक्षित शिक्षामंत्री जी को शिक्षा की अतंय्त-अविलंब आवश्यकता है. आपका मेरे मन में अतीव आदर है. इसलीए इस दुष्कर कार्य के लिए स्वयं को प्रस्तुत कर रहा हूं. इन्हें अपने-अपने राम सत्र में भेजें ताकि इनका मनस्ताप शांत हो. हालांकि इसके बाद सियासी बयान भी सामने आने लगे और बिहार विधानपरिषद के नेता सम्राट चौधरी ने चंद्रशेखर के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने कहा कि हम लालू यादव और राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से अपील करेंगे कि कोइलवर स्थित मानसिक रोगी अस्पताल में इनका बेहतर तरीके से इलाज करवाए. अगर वो लोग इनका इलाज नहीं करवाएंगे तो हम उनके पुराने मित्र होने के नाते अपने खर्च पर चंद्रशेखर का इलाज करवाएंगे. बीजेपी नेता हरिभूषण बचोल ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये लोग देश के गद्दार हैं. वोट बैंक के लिए देश का विभाजन करते आ रहे हैं. इन्हें यह जानना चाहिए कि विश्व के 50 यूनिवर्सिटी में रामचरित मानस की पढ़ाई करवाई जा रही है. ऐसे लोगों का अंत बेहद बुरा होगा.
चंद्रशेखर के बयान सामने आने के बाद साधु समाज के लोगों में एक आक्रोश देखने को मिला. जिन्होंने चंद्रशेखर के बयान को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. हालंकि जदयू ने शिक्षा मंत्री के बयान से अपने आप को अलग रखा है जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि धर्म आस्था का विषय है कोई किसी भी धर्म में आस्था रख सकता है. लेकिन, लोगों को ऐसे बयानबाजी से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में सभी धर्म जाति के लोगों को सम्मान किया जा रहा है.
हालांकि चंद्रशेखर ने अपनी सफाई में कहा है कि रामचरितमानस में मेरे बयान को लेकर मेरी जीफ काटने पर फतवा दिया गया है. हमारे पुरखे जीभ कटवाते रहे हैं. इसीलिए हम अपने बायन पर कायम हैं. मैंने कुछ गलत नहीं कहा तो मैं पीछे क्यों हंटू? उन्होंने कहा कि मैंने जो कहा है वह सही कहा है रामचरितमानस में जाति के नाम पर अपमानित किया गया है कि नहीं. रामचरितमानस के उस छंद जिसमें वंचितों को अपमानित किया गया उसके खिलाफ हैं. उन्होंने कहा है कि रामचरितमानस के कई छंद अच्छे हैं. जो नमन योग्य हैं. हम हे राम वाले हैं. मैंने पूरी रामचरितमानस के लिए नहीं कहा है, जो जाति के नाम पर अपमान परोसता है उसके बारे में कहा है…