बिहार के वैसे लोग जो दूसरे प्रदेशों में रोजगार के लिए गये हैं उन्हें सभी तरह की सुविधाओं का लाभ मिलेगा. खासकर वैसी योजना जो केंद्र सरकार की तरफ से दी गयी हैं. बता दें की बिहार राज्य के प्रवासी मजदूरों के लिए माइग्रेशन कम रजिस्ट्रेशन सेण्टर की स्थापना दूसरे राज्यों में संकल्प योजना के अंतर्गत की जाएगी. एजेंसी का चयन भी इसे लेकर अभी किया जा रहा है. बिहार के अन्दर दस जिलें जिनमें पटना, गया, पूर्णिया, सीतामढ़ी, भागलपुर, समस्तीपुर, मधुबनी, सीवान, मुजफ्फरपुर और दरभंगा शामिल है, वहां चयनित एजेंसीयों द्वारा माइग्रेशन कम रजिस्ट्रेशन सेण्टर की स्थापना की जाएगी. साथ हीं साथ बिहार से बाहर वाले राज्य जिनमे जयपुर, मुंबई, लुधियाना, दिल्ली, पुणे, सूरत, गुवाहटी, कोलकाता, बैंगलोर और हैदराबाद शामिल है वहां पर भी एजेंसी द्वारा माइग्रेंट कम रजिस्ट्रेशन सेण्टर की स्थापना जाएगी. उम्मीद है की चलने वाली यह प्रक्रिया अप्रैल के महीने तक पूरी हो जाएगी. दरअसल इस बात की सूचना सुरेन्द्र राम जो की श्रम संसाधन विभाग के मंत्री हैं उनके द्वारा अधिकारियो के समीक्षा बैठक के दौरान दी गयी है.

आइये अब हम जानते हैं की आखिर वे कौनकौन से लाभ हैं जो मजदूरों को दिए जायेंगे. इन सुविधाओं में गैस, बिजली कनेक्शन और राशन कार्ड, किसी भी तरह के पहचान पत्र बनाने में सहायता करना, इस बात की निगरानी रखना की किसी मजदुर को काम के बदले मजदूरी कम तो नहीं मिल रही, किसी भी आपदा में जरूरत की चीजों को मुहैया करवाना साथ हीं साथ परिवार से बातचीत और यदि कोई मजदुर किसी राज्य में फंस गया है तो उस मजदुर को घर तक पहुँचने में सेण्टर द्वारा मदद दिया जाना आदि शामिल है.

बताते चलें की NGO और इंडस्ट्री को श्रम संसाधन विभाग सेण्टर खोलने के लिए पहले पार्टनर बनाएगा. ताकि विभागीय अधिकारीयों द्वारा इसे शुरू करने में बस निगरानी रखी जा सके. सेण्टर में पहुंचे सभी मजदूरो का डेटाबेस तैयार रखने के साथसाथ उनकी पूरी जानकारी को भी रखी जाएगी. यदि सेण्टर खुलता है तो वहां के अधिकारी द्वारा श्रम संसाधन विभाग के अधिकारी समन्वय स्थापित करेंगे. साथ हीं साथ किसी भी राज्य के मजदूरों को सुविधा मिल सकें इसके लिए राज्य उन सभी सुविधाओं को भी मजदूरों को दिलाने में मदद करेगी. इसके अलावे केंद्र सरकार के तरफ से भी दी गयी योजनाओं का लाभ दिलाया जायेगा.

चलिए अब आगे के इस चर्चा में हम जानते हैं संकल्प योजना के बारे में. इस योजना के अंतर्गत आजीविका संवर्धन के लिए ज्ञान जागरूकता पहल और कौशल विकास अधिग्रहण को विश्व बैंक ऋण द्वारा वित्त पोषित किया जाता है. इस योजना के प्रमुख विशेषताओं की यदि हम बात करें तो वैसे छात्र जो गरीबी के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाए हैं उनके अन्दर के छिपे कौशल को विकसित करना, गरीब नौजवानों को संगठित कर के योजनाबद्ध तरीके के साथ उनके कौशल को प्रशिक्षित करना है, गरीब लोगों में आत्मविश्वास जगाना और उनमे नयी उर्जा लाने का प्रयास करना, देश के युवा जो ड्राइविंग, टेलरिंग, क्लीनिंग, कुकिंग, मैकेनिक और हेयर कटिंग परंपरागत रूप से जानते हैं उनके कौशल में और निखार लाकर प्रशिक्षित कर सरकार द्वारा मान्यता प्रदान करना आदि है.

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