बिहार में राजनीतिक पार्टियों की तरफ से लगातार बयान सामने आ रहा है. बता दें कि महागठबंधन की तरफ से लगातार बयान सामने आ रहे हैं. जिसके बाद महागठबंधन में आपसी विवाद बढ़ता जा रहा है. बता दें कि नीतीश कुमार के लिए इन दिनों अपने ही साथी के द्वारा आ रहे बयान उन्हें परेशानी में डाल रहा है. पहले उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी और नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हुए हैं. तो वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन के उनके साथी जीतन राम मांझी अपने बयानों से नीतीश कुमार को परेशानी में डालते रहे हैं. बता दें कि मांझी बिहार में शराब चालू करने की वकालत करते रहे हैं. जब नीतीश सरकार के द्वार ही बिहार में शराबंदी कानून को लागू किया गया है. लेकिन जीतन राम मांझी शराब वाले बयान से अपने आप को दूर नहीं कर पाते हैं लेकिन अब जीतन राम मांझी ने एक नया बयान दिया है. जिसके बाद से बिहार की सियासत के कई मायने मतलब निकाले जा रहे हैं. जीतन राम मांझी अपने बेटे संतोष मांझी को लेकर बयान दिया है.
बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इन दिनों बिहार में गरीब संपर्क यात्रा पर निकले हुए हैं. इस यात्रा की शुरुआत उन्होंने नवादा जिले की है. पिछले दिनों वे अरवल में जन सभा को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि जब तक हमारे समाज के लोगों को प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिलेगा तब तक समाज का उत्थान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इतने सालों में कई सरकारें आई और गई लेकिन हमारे समाज के लोगों को एक भी मौका नहीं मिला. हमलोग बस 9 महीने तक सत्ता में रहे हैं. लेकिन यह भी कुछ लोगों को बर्दाश्त नहीं हुआ. इसी दौरान उन्होंने कह दिया कि मैं अपने बेटे संतोष का नाम प्रस्तावित करता हूं. वो औरों से ज्यादा पढ़ा लिखा है. वैसे लोगों को पढ़ा सकता है. जिनके नाम सामने आते हैं. संतोष प्रोफेसर है. वह सीएम क्यों नहीं बन सकता है. क्योंकि वह भुइयां समाज से आता है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि जब तक बिहार का सीएम दलित समाज से नहीं होगा गरीब तबके के लोगों का विकास नहीं होगा.
जीतन राम मांझी यह कोई पहली बार नहीं है जो सरकार के खिलाफ मुखर होकर बोल रहे हैं. इससे पहले भी उन्होंने कई बार अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. बता दें कि जदयू के ही वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा इन दिनों जदयू और नीतीश कुमार के खिलाफ मुखर होकर बोल रहे हैं. इधर राजद के नेता सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. हालांकि नीतीश कुमार सीधे तौर पर किसी को जवाब तो नहीं दे रहे हैं लेकिन इशारों इशारों में हर राजनेताओं की भावनाओं को समझ रहे हैं. ऐसे में बिहार जारी सियासी उठापटक के बीच में नीतीश कुमार विपक्ष से ज्यादा अपनों से परेशान है. ऐसे में कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार क्या करेंगे. हालाकि लालू यादव सिंगापुर से लौटकर दिल्ली आ गए हैं. ऐसे में यह कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार की कई मुश्किलों को लालू यादव सेटल कर सकते हैं लेकिन आने वाले समय में ही यह तय हो पाएगा कि नीतीश कुमार का क्या रवैया रहता है.