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नगर निकाय चुनाव में आए चौकाने वाले परिणाम, हार गए मंत्री, विधायक के रिश्तेदार

Bihari News

नगर निकाय चुनाव के पहले चरण के परिणाम आ गए हैं. चुनाव परिणाम सामने आने के बाद से जीते हुए उम्मीदवारों के चेहरे पर तो खुशी दिख ही रही है तो वहीं मतदाताओं में भी एक उल्लास देखने को मिल रहा है. इस बार का चुनाव कई मामलों में अहम रहा है. चुनाव से ठीक पहले कई तरह के बवाल देखने को मिले थे जिसमें जातिगत आरक्षण का मामला सामने आया था. हालांकि इसके बाद पहले चरण का चुनाव हुआ और अब परिणाम की भी घोषणा कर दी गई है. आपको बता दें कि पहले चरण में 156 नगर निकायों में मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद और वार्ड पार्षदों के लिए मतदान किया गया. जिसमें जो आंकड़ें सामने आये हैं वे चौकाने वाले है. दरअसर इस बार पंचायत चुनाव की तरह नगर निगम चुनाव में भी करीब 85 से 90 प्रतिशत नये चेहरे जीतकर सामने आए हैं.

नगर निकाय चुनाव के पहले चरण में कई दिग्गज नेताओं के परिवार के लोग यह चुनाव हार गए. जिसमें हाजीपुर नगर परिषद क्षेत्र से मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद की पत्नी रमा निषाद वार्ड का चुनाव हार गई है. बता दें कि रमा निषाद को उनके चचेरे भैंसूर विजय सहनी की बहू ज्योत्सना कुमारी ने 53 वोटों से हार का सामना करना पड़ा. इधर बगहा के जदयू MLC सह जिलाध्यक्ष भीष्म सहनी की पत्नी गोदावरी देवी और पुत्रवधू रिंकी देवी नगर निकाय चुनाव में बुरी तरह पराजित हुई है. तो वहीं उनकी पत्नी गोदावरी देवी वार्ड नंबर 35 की उम्मीदवार थी इस चुनाव में सास पुतोह दोनों का हार का सामना करना पड़ा है. इस हार के बाद से इलाके में कई तरह की बातें कही जा रही है. बगहा के ही तुर्की नगर पंचायत चुनाव में जदयू को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए धर्मेंद्र कुमार अबोध की पत्नी रीता देवी मुख्य पार्षद का चुनाव हार गी. उन्हें पूर्व मुखिया शंभू पासवान की पत्नी भावज मनीषा रानी के हाथों 643 वोट से हार का सामना करना पड़ा है. बताया जा रहा है कि धर्मेंद्र कुमार अबोध कुढ़नी विधानसा उपचुनाव के समय जदयू छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे.

इधर हाजीपुर में सभापति पद के लिए दावेदारी कर रही पूर्व केंद्रीय मंत्री दशई चौधरी की पत्नी गणपति देवी को भी हार का सामना करना पड़ा है. इस चुनाव में संगीता कुमारी-1 जीतने में कामयाव रही है. जवकि गणपति देवी को मात्र 3292 वोट मिले हैं. ऐसे में यह कहा जा रहा है कि गणपति देवी को करारी हार का सामना करना पड़ रहा है. इस चुनाव में प्रदेश के श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम की माता कलावती देवी सारण के दिघवारा नगर पंचायत से वार्ड का चुनाव हार गई. वह वार्ड नंबर 7 से चुनाव मैदान में थी और इन्हें मुनेश्वर पासवान से 139 वोट से हार का सामना करना पड़ा है. इतना ही नहीं इसी सीट से श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम के भाई लक्ष्मण राम की पुत्रवधू राजनंदनी भी मुख्य पार्षद का चुनाव हार गई.

इधर मोहनिया से राजद विधायक संगीता देवी की मां कुंती देवी को भभुआ नगर पंचायत में 29 वोटो से हार का सामना करना पड़ा है. इधर त्रिवेणीगंज से पूर्व विधायक अमला देवी मुख्य पार्षद का चुनाव हार गई. रोहतास जिला के पांच नगर निकायों में मुख्य और उप मुख्य पार्षद के 10 पदों में नौ पर नये चेहरे को जीत मिली है. जिसमें 7 महिलाएं जीतने में सफल रही है. इधर कैमूर जिले के पांच और नवादा के तीन नगर निकायों में मुख्य व उपमुख्य पार्षद की सीटों पर नए उम्मीदवारों को जीतने में सफलता मिली है. इधर दरभंगा के बेनीपुर नगर परिषद में 29 वार्डों में दो को छोड़ दें तो सभी पर नए उम्मीदवार जीतने में सफल रहे हैं. जबकि नरकटियागंज में मतदाताओं ने पुराने मतदाताओं पर भरोसा जताया है और उन्हें एक बार फिर से जीत दिलाई है. इस तरह दलसिंहसराय में 14 पार्षद में से सिर्फ दो ही पुराने वाले जीतने में सफल रहे हैं सुपौल में भी मुख्य पार्षद के पद पर पिछले दो बार जीतती रही अर्चना कुमारी को इस बार हार का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं अगर हम बेगूसराय के बरौनी, बीहट और तेघड़ा के साथ ही बलिया नगर परिषद की बात करें तो यहां भी नए उम्मीदवारों की जीतने में सफलता मिली है. बता दें कि बीहट नगर परिषद में कुल 37 वार्डों में चार उम्मदीवारों की जीतने में सफलता मिली है. जबकि बलिया के कुल 28 वार्डों में सात पुराने उम्मीदवार जीतने में सफल रहे तेघटा में नगर परिषद के 28 वार्डों में छः उम्मीदवारों को जीत मिली है. इधर सीवान जिले के नगर पंचायत मैरवा के कुल 13 वार्डों में 6 पुराने उम्मीदवारों को जीतने में सफलता मिली है जबकि महाराजगंज के कुल 14 वार्ड में दो पुराने चेहरे जीतने मे सफल रहे हैं. ऐसे में इस बार के चुनाव में यह देखा जा रहा है कि नए उम्मीवारो को मतदातोँ ने तरहजीह दी है. बता दें कि पंचायत चुनाव की ही तरह इस बार भी मतदाताओं ने नए उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है.

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