आज हम एक ऐसे बिहारी पकवान की बात करने जा रहे हैं, जो पूरे देश भर में प्रसिद्ध हैं. ऐसी पकवान दुनिया में कहीं नही बनाई जाती. ग्लोबलाइजेशन के दौर में बिहार के लोग भी देश से निकल कर दुनिया भर में गए, और अपने साथ बिहारी संस्कृति की खुशबू भी साथ ले गयें. यह एक ऐसा पकवान है जो बिहार से निकल कर, अब यूरोप के देशों तक पहुँच चूका हैं. चलिए आपको बताते हैं की हम यहां किस पकवान की बात कर रहे हैं. इस व्यंजन का गोल सा आकर है, बिहारी संस्कृतियों में बेटियों के लिए माँ का प्यार हैं. छठ से है इसका रिश्ता पुराना, जिसे खा कर लोग हो जाये दीवाना. इसके बिना छठ भी अधुरा हैं, बच्चे– बूढ़े सब खाना चाहे इसे पूरा है. इसे तलना भी एक कला है, गरीबो सा इसका नाम पड़ा हैं. हम बात कर रहे हैं बिहार वासियों की शान, छठ और तीज जैसे पूजा की जान, ठेकुआ की. इसे दूसरी भाषा में खजुरी या फिर ठीकरी भी कहा जाता हैं. यह बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड और मध्य प्रदेश में भी मशहुर हैं. इस पकवान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह ‘छठ महापर्व‘ का मुख्य प्रसाद हैं. ठेकुआ के लिए ऐसा कहना गलत ना होगा कि इसके बिना ‘छठ’ का महापर्व पूर्ण ही नही हो सकता. जिस कारण यह पकवान सिर्फ एक साधारण पकवान नहीं रह जाता. ‘छठ’ में भगवान भास्कर को समर्पित अन्य सामग्री के साथ ‘ठेकुआ’ के प्रसाद का होना उतना ही ज़रूरी होती है जितना बांस से बने सूप और गन्ने का होना.
हालांकि, अगर इसके इतिहास की बात करें तो, ऐसा माना जाता हैं कि इसकी शुरुआत बिहार में सालो पहले ‘हथ्वा राजवंश’ की रसोई से निकला एक शाही पकवान हैं. जिसे प्राचीन काल में केवल ‘हथ्वा राजवंश’ की रसोई में ही बनाया जाता था. आपको बता दे कि यह खाने में जितना ही स्वादिष्ट हैं उतना ही इसका नाम अनोखा हैं. जानकार लोगों का कहना हैं कि इसका नाम ठेकुआ इसलिए रखा गया क्योंकि इसे बनाने से पहले सही एवं सुन्दर रूप दिया जाता हैं. ऐसा करने के लिए इसे पत्थर या लकड़ी के बने एक सांचे में रखकर हांथों से ठोका जाता हैं. जिस कारण इसका नाम ‘ ठेकुआ‘ रखा गया. गेंहू के आटे, चीनी या गुढ़, मेवे और ड्राई फ्रूट से बने इस पकवान के नाम को सुन कर लोगों के मुंह में पानी आ जाता हैं.
ठेकुआ को एक बार बना कर दस पंद्रह दिनों तक संरक्षित रखा जा सकता हैं. इसी खूबी के कारण लोग इसे एक स्थान से दुसरे स्थान तक बड़ी आसानी से ले जातें हैं . साथ ही यह लम्बी दुरी पर जाने वाले यात्रियों के लिए भी एक सहूलियत का भोज्य पदार्थ हैं. लोग यात्रा के दौरान अक्सर इसे आचार या सब्जी के साथ चट कर जातें हैं. हमारे बिहारी संस्कृति में ठेकुआ को बेटियों के लिए माँ का प्यार भी माना जाता हैं. दरअसल, हमारे बिहार में बेटियों की शादी के बाद दउरा भेजने का रिवाज हैं. इस दउरा में तमाम तरह के खाद्य पदार्थ होते हैं . जिनमें बतासा, खाझा, खजुली, बेलग्रामी, गाजा, मोतीचूर इत्यादि के साथ ठेकुआ जरुर शामिल होता हैं. आपको बताते चले की दउरा एक ख़ास तरह का सजाया हुआ टोकरी अर्थात डाली होता हैं. जिसे लोकल भाषा में विशेष अवसर पर सजे हुए इस टोकरी को दउरा कहा जाता हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जितना सादा इसका नाम है , उसे तलना उतना ही कठिन हैं. लोगों का यह भी कहना हैं कि इसे तलना भी एक कला हैं. कुछ लोग इसे कड़ा तलते हैं, कुछ झुर, तो वहीं किसी से इसका रंग डार्क हो जाता हैं. जिस वजह से इसका स्वाद भी अलग हो जाता हैं.
ठेकुआ की कहानी सिर्फ छठ से शुरू होकर कला तक ही खत्म नही होती. लोग ठेकुआ से जुड़ी खासियत को बताने और अपना प्यार दिखाने के लिए कई तरह के लाइनों का भी इस्तेमाल करते हैं. चलिए हम आपको ऐसे ही कुछ लाइनो को आज बताते हैं , जिसे सुन कर आपके मन में भी ठेकुआ खाने की इक्छा जग उठेगी. जिनमें कुछ लाइने ऐसी हैं– तुम चॉकलेट वाली उत्तम नारी, मैं ठेकुआ जैसे ठेठ प्रिय . परसादी वाला ठेकुआ के बतिये एकदम विशेष बा, काहे की घुलल बाटे एकरा में छठी माई के आशीष बा. इस तरह न जाने कितने लाइन ठेकुआ के लिए लिखे गए हैं. वहीं हेल्थ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना हैं की ठेकुआ खाने में टेस्टी होने के साथ–साथ हमारे सेहत को दुरुस्त रखने में भी काफी मद्दत करता हैं. चलिए हम अब आपको ठेकुआ के लाजवाब फायदे बताते हैं.
1.) दिल रखें स्वस्थ
इस हेल्दी डिश को बनाने में देसी घी का इस्तेमाल किया जाता है. घी में मोनोसैचुरेटेड ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है. इसका सेवन करने से दिल स्वस्थ रहने में मदद मिलती है. इसके अलावा इसमें मौजूद सूखा नारियल भी खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम करता है. ऐसे में दिल संबंधी बीमारियों की चपेट में आने का खतरा कम रहता है.
2.) शरीर में गर्माहट लाए
इसमें सूखा मेवा होता है जो सर्दियों में शरीर को गर्म रखने में मदद करता है. ऐसे में आप सर्दियों में इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
3.) वजन रहेगा कंट्रोल
आटे और घी से तैयार इस रेसिपी को खाने से लंबे समय तक पेट भरा रहता है. इससे वजन कंट्रोल रहने में मदद मिलती है. ऐसे में बढ़ते वजन से परेशान लोग ठेकुआ का सेवन कर सकते हैं.
4.) बढ़ेगी एनर्जी
ठेकुआ बनाने में गेंहू का आटा इस्तेमाल किया जाता है. इसमें टामिन बी 1,बी 3, ई, कैल्शियम, फास्फोरस, फाइबर जैसे कई पोषक तत्व होते हैं. इसका सेवन करने से शरीर में एनर्जी लेवल तेजी से बढ़ता है. ऐसे में जो लोग जल्दी ही थकान व कमजोरी महसूस करते हैं उन्हें अपनी डाइट में ठेकुआ जरूर शामिल करना चाहिए.
5.) इम्यूनिटी बढ़ाए
ठेकुआ में भी जरूरी तत्व, एंटी–ऑक्सीडेंट होते हैं. ऐसे में इसका सेवन करने से इम्यूनिटी तेजी से बढ़ने में मदद मिलती है. ऐसे में सर्दियों में सर्दी, जुकाम, मौसमी बीमारियों व संक्रमण की चपेट में आने का खतरा कम रहता है.