मुख्य सचिवालय के मंत्रिमंडल कक्ष में माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सात एजेंडों पर मुहर लगी है. इस बैठक में राज्य सरकार द्वारा महत्त्वपूर्ण फैसले लिए गये जिनमे उच्चस्तरीय कमिटी के गठन ने सिविल विमान निदेशालय के लिए एक नए हेलीकौप्टर और एक जेट विमान को अपनी स्वीकृति दे दी है. इस उच्चस्तरीय कमिटी का गठन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में किया जायेगा और यहाँ कई विभागों के अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी भी सदस्य के तौर पर शामिल होंगे.
आपको बताते चलें की राज्य सरकार के पास मौजूद हेलिकॉप्टर ख़राब पड़ी है इस स्थिति में राज्य सरकार द्वारा किराये का हेलिकॉप्टर इस्तेमाल में लाया जा रहा. मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव सिद्धार्थ ने मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी दी है. उन्होंने बताया है की 10 से 12 सिटर वाले हेलीकॉप्टर और विमान खरीदने का फैसला लिया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कैबिनेट द्वारा हेलिकॉप्टर खरीदने वाले फैसले पर मंजूरी मिलने के बाद बीजेपी ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा है की आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रहें हैं और चुनाव में वह देश का भ्रमण करना चाहते हैं. इसलिए वह सरकारी खर्चे पर विमान और हेलिकॉप्टर खरीदने वाले हैं.
हेलिकॉप्टर और विमान के अलावे कैबिनेट द्वारा शिक्षा विभाग को क्षेत्रीय कार्यालय के लिपिक संवर्ग के लिए 1674 पदों के सृजन की भी अनुमति मिल चुकी है. आगे हम बात करें तो उद्योग विभाग के तीन महत्वपूर्ण एजेंड़ो को भी मंत्रिमंडल की सहमती मिल चुकी है. जिसके तहत भगवानपुर में टेक्निकल टेक्सटाइल की कंपनी स्थापित की जानी है. आपको बता दें की इसके लिए लगभग 44 करोड़ और 28 लाख की राशी को कैबिनेट द्वारा स्वीकृति मिली है. इसके अलावे मुजफ्फरपुर और नालंदा जिले में एथनॉल इकाई को भी स्थापित किया जाना है. इस इकाई के स्थापना के लिए मुजफ्फरपुर जिले में 135 करोड़ और 62 लाख की राशी और नालंदा के लिए 96 करोड़ 92 लाख की राशी को कैबिनेट द्वारा स्वीकृति मिली है.
साथ ही साथ आपको बताते चलें की नीतीश कुमार के कैबिनेट ने भवन निर्माण विभाग के मुख्य वास्तुविद अनिल कुमार के इस सेवा के समय को 1 वर्ष के लिए बढ़ा दिया है. मिली जानकारी के अनुसार इनकी सेवानिवृती इस साल के आखिरी दिन यानि 31 दिसम्बर को होनी थी. लेकिन अब 1 साल तक इनकी सेवा अवधि होगी. भवन निर्माण विभाग और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र अर्थात एनआईसी पटना के बीच नीतीश कैबिनेट द्वारा एक एमओयू करने का फैसला किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसका मकसद भवन निर्माण विभाग के अंतर्गत होने वाली परियोजना प्रबन्धन सूचना प्रणाली ऑनलाइन इन निवास और ऑनलाइन आवास कर देना है. साथ ही संग्रहण प्रणाली जैसे– तकनीकी उन्नयन व सेवा विस्तारीकरण, विभिन्न उद्योगों से इस्तेमाल किये जा रहें सूचना प्रबंधन प्रणाली के रख–रखाव और उनमे परिवर्त्तन को मूर्त रूप देना है.
आगे की जानकारी देते हुए आपको बता दें की शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय में कार्यरत लिपिकों को संवर्ग बनावट के अनुरूप पूर्व में ही स्वीकृत पदों में से 670 पदों को संपरिवर्तित करते हुए उच्च वर्गीय लिपिक 462 पदों के सृजन को भी मंजूरी दे दी गयी है. आपको बता दें की प्रधान लिपिक 161 और कार्यालय अधीक्षक 40 पदों को चिन्हित करने के साथ ही स्वीकृति दिए जाने से कार्यालय में कार्यरत लिपिकों को भी आगे बढ़ने का मौका मिल सकेगा. ऐसे में क्षेत्रीय कार्यालय की कार्य करने की शैली और भी बेहतर हो सकेगी. साथ ही कार्यों का निष्पादन प्रभावी तरीके से किया जा सकेगा.