बिहार में BSSC पेपर लिक मामले में मामला गरमाता जा रहा है. बतादें कि बीएसएससी की परीक्षा रद्द होने के बाद पटना में सड़कों पर उतरे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया है. इस दौरान पुलिस ने अभ्यर्थिोयों को दौड़ा-दौड़ा कर पिटा है. इस दौरान आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों ने पटना कॉलेज गेट से प्रर्दशन की शुरुआत किया था. हालांकि छात्रों की मांग है कि BSSC CGL-3 सचिवालय सहायक की सभी शिफ्ट में होने वाली परीक्षा को रद्द कर दिया जाए.

बता दें कि BSSC परीक्षा की पहली शिप्ट में ही परीक्षा लीक होने की खबरें सामने आई थी. बता दें कि इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. हालांकि छात्रों का यह भी मानना है कि सभी तीनों शिफ्ट में परीक्षा को रद्द कर दिया जाए. इधर छात्रों का कहना है कि तीनों शिफ्टों में परीक्षाओं में धांधली हुई है. बता दें कि छात्रों का यह आंदोलन पटना कॉलेज से शुरू होकर गांधी चौक, मुसल्लहपुर हाट, भिखना पहाड़ी, नया टोला, हथुआ मार्केट, गांधी मैदान जेपी गोलंबर होतो हुए डाकबंगला चौरहा पर पहुंचा. इसी दौरान प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज की गई है. छात्रों का यह आंदोलन जब पटना डाकबंगाल पहुंचा तो वहां पर पहले से ही पुलिस जवानों की तैनाती की गई थी. इस दौरान बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने छात्रों से मुलाकात की इस दौरन उन्होंने परीक्षा रद्द करने की बात कही. साथ ही उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच की भी बात कह दी है.

इस पूरे मामले पर टाउन एसपी अशोक कुमार ने बताया है कि छात्रों के द्वारा शांतिपूर्वक मार्च नहीं चल रहा था. छात्रों ने पुलिस को चकमा देकर अपान रूट बदल दिया है. एक्जीविशन रोड से होते हुए छात्र डाकबंगला चौराहा पहुंच गये छात्रों का प्लान आगे की तरफ जाना था. बिना अनुमति के छात्रों को पुलिस ने आगे बढ़ने नहीं दिया. पुलिस ने छात्रों को रोकने की काम किया. लेकिन छात्रों ने रुट को बदलते हुए एक्जिविशन रोड से डाकबंगला पहुंचे. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि इस घटना में एक छात्र का सिर फट गया है इस पूरे मामले पर टाउन एसपी ने कहा कि इस तरह की घटना नहीं हुई है.

पिछले दिनों हुई सचिवालय सहायक की परीक्षा में पहले सत्र का पेपर वायरल हो गया था. जिसके बाद इस वायरल पत्र की जांच की गई जिसमें यह पाया गया कि परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्न पत्र वायरल हो गया था. हालांकि इसके जांच की जिम्मेदारी बिहार कर्मचारी आयोग ने आर्थिक पअपराध इकाई को सौंपा था. जिसके बाद यह पता चला कि मोतिहारी के एक स्कूल में प्रश्नपत्र बाहर निकला है जिसमें कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है. बता दें कि इस पूरे मामले में एक दरोगा के बेटा को मास्टर माइंड होने की बात कही जा रही है. ऐसे में अब देखना है कि छात्रों का जीवन कब तक इसी तरह अधर में लटका रहेगा.

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