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इस वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण देव दीपावली पर , जाने कहाँ-कहाँ दिखेगा चंद्रग्रहण और क्या होगा समय

Bihari News

इस साल यानी की 2022 का चन्द्रग्रहण देव दीपावली के दिन लगने वाला हैं. बता दे कि एक तरफ जहां इस साल का अंतिम सूर्यग्रहण दीपावली के ठीक एक दिन बाद यानी कि मंगलवार को लगा था. वहीं साल का अंतिम चंद्रग्रहण देव दीपावली यानी कि 8 नवम्बर को लग रहा हैं. चंद्रग्रहण लगने की वजह से ही इस वर्ष एक दिन पहले देव दीपावली मनायी जा रही हैं. जबकि हर साल देव दीपावली को कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं. ज्योतिषियों की माने तो, इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण भारत के कुछ हिस्सों में थोरे समय के लिए दिखाई देगा, जिनमें अजमेर, अहमदाबाद, अमृतसर, बेंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, देहरादून, गुवाहाटी, जयपुर समेत कई स्थान शामिल हैं. वहीं भारत के अलावा भी ये कई स्थानों पर दिखाई देगा जिनमें यूरोप, मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका, पश्चिम एशिया, अटलांटिक, हिन्द महासागर सहित कई देश शामिल हैं. वे सभी स्थान जहां चन्द्रग्रहण दिखाई देंगे उन सभी स्थानों पर सूतक काल भी मानी होगा.

बताते चले की ज्योतिषियों के कहे अनुसार चंद्रग्रहण के लगने का समय भारतीय समय के अनुसार 2 बजकर 41 मिनट से शुरू हो जायेगा. जो शाम 6 बजकर 20 मिनट पर खत्म होगा. चंद्रग्रहण के नियमों के अनुसार चन्द्रग्रहण का सूतक काल ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाता हैं. यानी कि इस चंद्रग्रहण का सूतक काल 8 नवम्बर को सुबह 5 बजे से शुरू हो जायेगा. अगर हम धार्मिक मान्यताओं की माने तो , सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ काम या पूजा पाठ नहीं करना चाहिए और न ही भगवान की मूर्तियों को छुना चाहिए. चलिए हम आपको विस्तार से बताते है कि चंद्रग्रहण के दौरान हमें क्याक्या नहीं करना चाहिए.सुतक काल के आरम्भ होने के बाद तुलसी के पौधे को नहीं छुना चाहिए और न ही उसके पत्ते को तोड़ना चाहिए. इसके साथ ही ग्रहण के दौरान भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए , वहीं कुछ महिलाओं का कहना है कि अगर ग्रहण के दौरान भोजन में तुलसी के पत्तों को डाल दिया जाए तो, उस भोजन पर ग्रहण का कोई असर नही पड़ेगा. बता दे कि ग्रहण के बाद ही लोग भोजन ग्रहण कर सकतें हैं. ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलों को खुद पर विशेष ध्यान देना चाहिए. बताते चले कि गर्भवती माहिलाओं को ग्रहण के दौरान काटने, छिलने, और सिलने की मनाही रहती हैं. साथ ही इस समय न तो वो घर से बाहर निकल सकती हैं और न ही सो सकती हैं. इसके अलावा गरभवती महिलाओं को चन्द्रग्रहण देखने की भी सख्त मनाही होती है. जानकारी के लिए बता दे कि ग्रहण काल के दिन जरुरतमंदों और गरीब लोगों को दान देना चाहिए . ये दान लोग अपने पितरों के नाम से भी कर सकते हैं. ग्रहण के खत्म होने के बाद अपने पूरे घर को गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए. वहीं वैसे लोग जो चाहते है कि उनपर ग्रहण का कोई कुप्रभाव न पड़े तो वे ग्रहण के दौरान शिवलिंग पर जल चढ़ा सकते हैं और उनके मन्त्रों का जाप करना चाहिए.

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