वर्ष 2023 में छह लेन का करीब साढ़े पांच किलोमीटर लम्बे पुल का निर्माण गंगा नदी दीघा और सोनपुर के बीच शुरू होगा. केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मंगलवार को इपीसी मोड पर इसके निर्माण एजेंसी के चयन के लिए टेंडर जारी कर दिया है. वर्त्तमान जेपी सेतु के सामानांतर और लगभग 180 मीटर पश्चिम में एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रीज का निर्माण इसी वर्ष शुरू किया जाना है. उम्मीद है की साल 2025 तक इस पुल का निर्माण पूरा हो जाएगा. बता दें की पटना से बेतिया तक बनने वाली सड़क एनएच 139 डब्ल्यू से यह पुल गुजरेगा. पांच चरणों में फोरेलेन सड़क का निर्माण पटना से बेतिया तक लगभग 167 किलोमीटर की लम्बाई में किया जा रहा है. यह सड़क बेतिया के निकट NH 727 तक पटना एम्स के निकट से शुरू होकर बकरपुर, मानिकपुर और साहेबगंज तथा अरेराज को जोड़ते हुए जाएगी.
आइये अब अपने इस चर्चा के बीच हम आपको बताते हैं की इस पुल के बनने से बिहार के किन–किन जिलों को इससे फायेदा होगा. मुजफ्फरपुर, सारण, पूर्वी चंपारण, वैशाली, पटना और पश्चिमी चंपारण जिले को गंगा नदी के तट पर बनने वाले इस पुल से सीधा लाभ मिलेगा. राज्य में बुद्ध सर्किट का निर्माण भी सड़क के बनने से पूरा हो जाएगा. वैशाली, लौरिया, बोधगया और केसरिया तक भी लोग इस सर्किट के माध्यम से आसानी से जा सकेंगे. साथ हीं साथ वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व भी बेतिया से जाना आसान हो जाएगा. ऐसे में पर्यटन के विकास की भी उम्मीद लगाई जा सकती है.
आइये अब हम आपको बताते हैं की पुल के अनुमानित लागत में लगभग कितने रुपयों का खर्चा हो सकता है. मीडिया में चल रहीं ख़बरों के मुताबिक लगभग 2635.89 करोड़ रुपये इस पुल की अनुमानित टेंडर वैल्यू है. दरअसल बीते मंगलवार को दीघा–सोनपुर नए पुल का टेंडर केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने टेंडर जारी किया. बता दें की 17 मार्च तक कंपनियों से निविदा की मांग की गयी है. यह टेंडर 18 मार्च को शाम के समय 4 बजे तक खुल जाएगा. मालूम हो की बिहार में गंगा नदी पर सात पुल पहले से हीं हैं.
इन सात पुलों में एक पुल बक्सर–बलिया है. यह पुल गंगा नदी पर बनाई जा रही आठ लेन की पुल है और उम्मीद है की यह पुल साल 2025 तक बन कर तैयार हो जाएगा. इस पुल के निर्माण से दिल्ली जाना आसान हो जाएगा. दुसरे पुल में हम बात करते हैं आरा–छपरा सेतु के बारे में. आरा–छपरा सेतु यानी वीर कुंवर सिंह सेतु गंगा पर बनी पुल है. बता दें की यह पुल भोजपुर जिले के बाबुरा और सारण जिले के डोरीगंज को जोड़ता है. लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पुल के बन जाने के बाद आरा से छपरा के बीच कम हो गयी है. 676 करोड़ की लागत से साल 2010 में इस सेतु का निर्माण किया गया था. अब हम बात करते हैं दीघा–सोनपुर रेल–सह–सड़क पुल यानी जेपी सेतु पुल की. यह पुल पटना और सोनपुर को आपस में जोड़ती है. बता दें की इसकी लम्बाई 4,556 किलोमीटर तक की है. अब हम जानते हैं महात्मा गाँधी सेतु पुल के बारे में. यह पुल पटना से वैशाली जिला को जोड़ने के लिए गंगा नदी पर उत्तर–दक्षिण की दिशा में बना एक पुल है. मालूम हो की दुनिया के सबसे लम्बे सड़क पुल में इसका नाम शुमार है. वहीँ मोकामा–सिमरिया घाट पुल भी गंगा पर हीं बना पुल है. जिसे राजेंद्र सेतु के नाम से भी जानते हैं. अब देखते हैं मुंगेर गंगा सेतु पुल को. यह पुल भी रेल सह सड़क पुल है. अंतिम में आता है भागलपुर का पुल जिसे बिक्रमशिला सेतु के नाम से भी जानते हैं. यह पुल भी गंगा नदी पर हीं बनी पुल है.