यह चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और गुजरात टाइटन्स (GT) के बीच इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के पहले प्लेऑफ़ मैच की रात थी जब क्रिकेट फैन्स ने स्कोरबोर्ड पर ट्री इमोटिकॉन्स यानी कि पेड़ के इमोजी प्रदर्शित होते देखा. ये ट्री इमोटिकॉन्स, हर बार मैच के दौरान डॉट बॉल होने पर दिखाई देता था. इसे देखकर फैन्स हैरान थे कि डॉट बॉल के बजाय ये क्यों दिखाया जा रहा है.
कमेंटेटर साइमन डोल और हर्षा भोगले ने एक दूसरे के साथ चर्चा करते हुए इन ट्री इमोटिकॉन्स के पीछे के कारण का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि पेड़ों का इस्तेमाल भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की नई पर्यावरण पहल के प्रतीक के रूप में किया है.
बीसीसीआई की पर्यावरण पहल
कमेंटेटर्स के अनुसार, बीसीसीआई ने अपनी पर्यावरणीय पहल के तहत प्लेऑफ मैचों के दौरान प्रत्येक डॉट बॉल के लिए 500 पेड़ लगाने की योजना बनाई है. सीएसके और जीटी के बीच क्वालीफायर 1 के साथ पहल का कार्यान्वयन शुरू हुआ और उम्मीद है कि बीसीसीआई स्वस्थ और टिकाऊ भविष्य को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की और भी पहल करेगा.पहले प्लेऑफ मैच में, मोहम्मद शमी इस पहल की शुरुआत के बाद डॉट बॉल डालने वाले पहले गेंदबाज बने, जबकि रुतुराज गायकवाड़ उस डॉट बॉल का सामना करने वाले बल्लेबाज थे.
इससे पहले 2020 में, बीसीसीआई ने आईपीएल के अन्य आयोजकों के साथ मिलकर लीग को दुनिया के सबसे हरे और पर्यावरण की दृष्टि से सबसे टिकाऊ टूर्नामेंट में बदल दिया था. 2020 में संयुक्त राष्ट्र के साथ बोर्ड की साझेदारी भी इसकी पर्यावरणीय पहलों के लिए एक विकल्प थी। यह समझौता टूर्नामेंट के लिए उपयोग किए जाने वाले विभिन्न स्थानों पर ‘ग्रीनिंग ऑपरेशंस‘ को लागू करने के लिए भारतीय बोर्ड को रुपया और संसाधन प्रदान करता है.
साझेदारी के बारे में बात करते हुए, बीसीसीआई के तत्कालीन कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने 2020 में कहा, “पर्यावरण संरक्षण के संदेश को फैलाने में यह एक बड़ा कदम है। हम क्रिकेट को हरा–भरा बनाने में मदद करेंगे. इस साल भी सभी फ्रेंचाइजियों को विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देते देखा गया। RCB ने पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक सीज़न में एक मैच लिए वर्षों से हरे रंग की जर्सी पहनी है।
साथ ही, गुजरात टाइटन्स ने कैंसर से सुरक्षा के लिए लैवेंडर रंग की जर्सी पहनी थी और दिल्ली कैपिटल्स ने इस सीजन में LGBTQIA+ अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक अलग जर्सी का इस्तेमाल किया था.