कुछ सवाल प्रत्येक इंसान के जहन में होता है , जिसका जवाब जानने के लिए वे काफी उत्सुक होते हैं. इन्हीं में एक सवाल यह भी आता कि , जबी किसी इंसान को फांसी दिया जाता है तो, उसके साथ क्या क्या होता , आखिरी समय में जल्लाद कैदी के कानों में क्या बोलता है, फांसी के फंदे पर चढ़ाए जाने के बाद कैदी को कैसा महसूस होता. न जाने कितने सवाल हमारे मन में आते रहते . आज हम आपको इस विडियो में ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब देने वाले है. जिसे जान कर आप अपनी जिज्ञासा को कम कर सकते है. बता दे कि फांसी देने से अफ्ले कुछ नियमों का पालन करना होता है, इसमें फ़ासी का फंदा, फांसी देने का समय, फांसी देने का स्थान, फांसी की प्रक्रिया आदि शामिल है.आपकी जानकारी के लिए बता दे कि किसी कैदी को फांसी पर लटकाने से पहले कैदी के वजन का ही पुतले को लटकाया जाता है और ट्रायल किया जाता है और फांसी देने वाले रस्सी का आर्डर दिया जाता है. इसके साथ ही कैदी के परिजन को इस बात की जानकारी फांसी देने से 15 दिन पहले दे दी जाती अहि ताकि वे कैदी से मिल सके. वहीं जिस दिन कैदी को फांसी दिया जाता है , उस दिन उन्हें नहलाया जाता और नए कपड़े दिए जाते. और फिर उन्हें सुबहसुबह जेल सुप्रिटेनडेंट की निगरानी में गार्ड कैदी को फांसी कक्ष में लाते है. इस दौरान फांसी कक्ष में कैदी के साथ तिन लोग मौजूद होते है. इन तिन लोगों में जेल अधीक्षक, एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट और जल्लाद शामिल होते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इन तीनों के बिना कैदी को फांसी नही दी जा सकती. लेकिन क्या आप जानते है कि किसी भी कैदी को हमेशा सूर्योदय से पहले ही फांसी दी जाती है. अगर नही जानते तो, हम आपको बता दे कि कैदी को सूर्योदय के समय फांसी इसलिए दी जाती है क्योंकि जेल मैन्युअल के तहत जेल के सभी कार्य सूर्योदय के बाद शुरू किये जाते है. फांसी के कारण जेल में बाकी सभी कोई काम प्रभावित न हो इसलिए ऐसा समय चुना जाता है.

आपको बता दे कि फांसी लगने के बाद 5 मिनट से 25 मिनट के भीतर कैदी की मौत हो जाती है , उसके बाद उस कैदी की जांच की जाती और उसे मृत घोषित कर उसके शव को उसके परिवार वालों को शौप दिया जाता है. किसी भी कैदी को फांसी पर चढ़ाने से पहले कैदी उससे उसकी अंतिम इच्छा पूछी जाती है, लेकिन कैदी की वही अंतिम इच्छा को पूरा किया जाता अहि जो जेल के मैन्युअल में मौजूद हो. इसमें कैदी अपने परिजन से मिलने, अपना मन पसंदीदा डिश खाने या फिर कोई धर्म ग्रन्थ पढने की इच्छा जाहिर करता है.फांसी देने के दौरान जल्लाद कैदी के कानों में कुछ बोलता है , लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर कैदी के कानों में जल्लाद क्या बोलता है जिसके बाद उसे फांसी दे दी जाती हैं. हम आपको बता दे कि किसी भी कैदी को फांसी देने से पहले जल्लाद उनके कानों के पास जाता है और बोलता है, मुझे माफ़ कर दो. हिन्दू भाई को रामराम, मुस्लिम भाई को सलाम, हम क्या कर सकते है हम तो है हुकुम के गुलाम . इतना बोलकर जल्लाद कैदी का फांसी का फंदा खिंच देता है. जिसके बाद फांसी के तख्ते पर खड़ा शख्स नीचे लटक जाता है और उसली मौत हो जाती हैं.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *