गाँधी मैदान स्थित मोना सिनेमा हॉल के पीछे ट्रांस बिहार कैफ़े के शुरुआत होने वाली है. बिहार में पहली बार इस तरह का कैफ़े खुलने जा रहा है. मेनेजर, अकाउंटेंट, सर्विस देने वाले, क्लीनर, शेफ और असिस्टेंट सभी लोग ट्रांसजेंडर समुदाय से हीं होंगे और इस कैफ़े की यहीं सबसे खास बात होगी. अमेरिकन कांसुलेट जनरल के द्वारा इसका उद्घाटन 31 मार्च को किया जाना हैं. वैसे तो ट्रांसजेंडर समुदाय का भी समाज में बराबर हिस्सा है लेकिन कई बार उन्हें समाज द्वारा स्वीकार नहीं किये जाने पर कहीं ना कही वो पीछे छूटते चले गये थे. लेकिन अब परिस्थित पहले जैसी नहीं रही, ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग भी समाज में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे और आत्मनिर्भर बन रहे. देश में और भी कई जगहों पर ट्रांसजेंडर समुदाय की तरफ से कैफ़े चलाया जाता है. लेकिन बिहार में पहली बार इस तरह का कैफ़े खुलने जा रहा है. दरअसल इस तरह के कैफ़े खोलने का मकसद हीं यहीं हैं की इस समुदाय के लोग भी आगे बढ़ सकें रोजगार प्राप्त कर सके. मिली जानकरी के अनुसार इस कैफ़े में ट्रांसजेंडर और ट्रांसमेन मिलकर इस समुदाय से कुल 20 लोग काम करेंगे.
बता दें की पटना नगर निगम की तरफ से गाँधी मैदान स्थित मोना सिनेमा हॉल के पीछे उनके जीवकोपार्जन के लिए जमीन भी दिया गया है. जहाँ कैफ़े के लिए दो मंजिले ईमारत को तैयार किया जा रहा है. शहर में अक्सर लोगों का मिलना–जुलना किसी कैफ़े या रेस्तौरेंट्स में होते रहता है क्योंकि यहाँ विभिन्न तरह की गतिविधियाँ होते रहती हैं. आज के पीढ़ी के बीच कैफ़े कल्चर भी काफी चलन में है और इन्हीं ट्रेंड का ख्याल रखते हुए इस कैफ़े को खोलने का निर्णय लिया गया है. एक कैफ़े को खोलना आसान नहीं था इन समुदाय के लिए. समुदाय द्वारा क्राउड फंडिंग की मदद से इस कैफ़े की शुरुआत की गयी. अपने स्तर से जहाँ तक हो सका वहां तक इनलोगों ने आर्थिक मदद जमा किये.
मीडिया में चल रही ख़बरों के अनुसार इंटीरियर डिज़ाइनर अंकिता मोनेट इस कैफ़े का इंटीरियर डिजाइनिंग करने वाली हैं. इसके इंटीरियर में कैलीग्राफी के जरिये कम्युनिटी, जेंडर और सेक्सुअलिटी को लिखा जाना हीं जो की इस कैफ़े में अपने आप में सबसे खास होने वाला है. जिसमे इस समुदाय के वैसे लोग जो अलग–अलग क्षेत्रों में अपनी एक अलग पहचान बनाई है या कोर्ट के तरफ से इनके लिए किसी तरह के ऐतिहासिक फैसले लिए गये हैं तो वहीँ चीजे इंटीरियर डिजाइनिंग का हिस्सा होंगे. जहाँ उनके नाम, उनके द्वारा पाई गयी उपलब्धि, ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन राइट्स और कोर्ट के कुछ फैसले भी इसका हिस्सा होंगे.
आइये अपने इस चर्चा में हम जानते हैं की इस समुदाय के लिए सरकार क्या पहल कर रही है. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की तरफ से इस समुदाय के लिए गरिमा गृह यानि आश्रय गृह का उद्घाटन भी किया गया है. जहाँ इस समुदाय के लोगों को रहने के लिए जगह, भोजन, मोनोरंजन और चिकित्सा आदि की बुनियादी सुविधा दी जाती है. साथ हीं साथ इनके लिए पोर्टल को भी लांच किया गया है. साथ हीं साथ इनके कौशल विकास के लिए भी सहायता प्रदान की जाती है ताकि वे अपना जीवन चलाने के लिए सक्षम हो सकें और सम्मान के साथ अपना जीवन जिए. यह पोर्टल अधिकारों का संरक्षण नियम के तहत बनाया गया है. इस पोर्टल की मदद से पहचान पत्र या प्रमाण पत्र के लिए डिजिटल रूप से ट्रांसजेंडर व्यक्ति देश के किसी भी कोने से आवेदन कर सकेंगे. यह पोर्टल प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है साथ हीं साथ उन्हें आवेदन, शिकायत निवारण, अस्वीकृति आदि के स्थिति को ट्रैक करने में भी मदद करता है.