बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच में लालू यादव के बिहार आने की कबायत तेज हो गई है. लालू यादव पिछले दिनों सिंगापुर से दिल्ली पहुंचे हैं. ऐसे में राजद नेताओं को अब अपने नेता के बिहार आने का इंतजार है. राजद नेता और उनके कार्यकर्ता को इस बात का भान है कि नेता के बिहार आने के बाद सत्ता कि कुर्सी पर तेजस्वी यादव बैठेंगे. हालांकि नीतीश कुमार ने यह कह दिया है कि अगला विधानसभा का चुनाव तेजस्वी के नेतृत्व में लडा जाएगा. हालांकि राजद नेता इतने दिनों तक इंतजार करने के मुड में नहीं है और वे लगातार तेजस्वी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहते हैं. ऐसे में लालू यादव से अब पार्टी को यह उम्मीद है कि आने वाले दिनों में लालू यादव इस ओर कोई ठोक कदम उठाएंगे.

इसके साथ ही लालू यादव नीतीश कुमार के द्वारा किये गए नियुक्ति में भी इतने खुश नहीं है. बता दें कि पिछले दिनों जो सरकार में नियुक्तियां हुई है उससे राजद खुश नहीं है लालू यादव खुश नहीं है. चाहे वह बिहार के पुलिस प्रमुख हो या फिर बिहार के ने महाधिवक्ता हो इन दोनों की नियुक्ति से लालू यादव खुश नहीं है. राजनीतिक जानकारों की माने तो बिहार पुलिस प्रमुख की नियुक्ति में लालू यादव से सलाह नहीं ली गई है. ऐसे में यह कहा जा रहा है कि बिहार के प्रशासनिक तंत्र पर लालू यादव या फिर राजद की पकड़ कमजोर हैं यहां पर नीतीश कुमार अपने मन से नियुक्तियां कर रहे हैं. ऐसे में यह कहा जा रहा है कि लालू यादव नीतीश कुमार के इस कार्य से नाराज दिख रहे हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि बिहार डीजीपी की नियुक्ति और महाधिवक्ता की नियुक्ति को लेकर लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच में बातचीत नहीं हुई है. हालांकि राजद के नेता कई बार इस बात को कह चुके हैं कि प्रशासनिक तंत्र पर उनकी पकड़ कमजोर है या फिर उनकी कोई सुनता ही नहीं है.

एक बात जो हर कोई कह रहा है कि बिहार सरकार के मंत्रियों के बंटबारे में भी राजद कोटे के मंत्रियों को इंग्नोर किया गया है. कहा तो यह भी जा रहा है कि उनके पसंद के अधिकारी उन्हें नहीं दिए गये हैं. सियासी जानकार तो यह भी मान रहे हैं कि तेजस्वी यादव जोकि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री भी हैं उनके पास सड़क निर्माण विभाग की भी जिम्मेदारी है. लेकिन तेजस्वी को भी उनके पसंदीदा अधिकारी नहीं मिला है. बता दें कि इन दोनों विभागों कि जिम्मेदारी प्रत्यय अमृत के पास हैं. इनके बारे में यह भी कहा जाता है कि ये नीतीश कुमार के खास हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि नीतीश कुमार ही इस सरकार में सबकुछ हैं राजद के नेताओं की कही नहीं चल रही है. हर जगह जदयू के लोग ही अपना काम करवा रहे हैं. इस बात की चर्चा राजनीतिक गलियारों से लेकर आम कार्यकर्ता तक पहुंच गई है. ऐसे में कहा जा रहा है कि लालू यादव इन सभी मुद्दों पर कड़ा एक्शन ले सकते हैं.

राजनीतिक जानकार तो यह भी बता रहे है कि राजद आर एस भट्टी को पुलिस महानिदेशक नहीं बनाना चाह रही थी. वे वरिष्ठ अधिकारी आलोक राज को इस पद पर बैठाना चाहते थे. साथ ही पिछले दिनों बिहार में महाधिवक्ता की नियुक्ति हुई है इस नियुक्ति में भी राजद को नाराजगी है. नाराजगी क्यों हैं क्योंकि साल 2013 में लालू यादव ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि चारा घोटाला मामले में एक जज निष्पक्ष नहीं थे. क्योंकि वे नीतीश कुमार के करीबी पी के शाही के रिश्तेदार थे.

ये तो बाद हुई नीतीश कुमार और लालू यादव के सरकार के हिस्सेदारी को लेकर अब बता कर लेते हैं सामाधान यात्रा को लेकर. नीतीश कुमार इन दिनों सामाधान यात्रा कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि यह सामाधान यात्रा वन मैन शो है यानी कि सिर्फ नीतीश कुमार इस शो में दिख रहे हैं. बाकि किसी भी व्यक्ति की हिस्सेदारी नहीं है. ऐसे में यह राजद और लालू यादव को खटक रहा है.

लालू यादव बिहार आते ही सबसे पहला जो काम करेंगे वह यह कि विपक्ष को एकजुट करने कि कोशिश करेंगे. और 2025 की तैयारी में जुट जाएंगे. लालू यादव के सामने एक बड़ा सवाल है सुधाकर सिंह और उपेंद्र कुशवाहा का. तो कहा जा रहा है कि सुधाकर सिंह को बुलाकर समझाएंगे लालू यादव और उपेंद्र कुशवाहा जो लगातार जदयू और राजद के विलय और डिल की बात कह रहे हैं उसमें भी वे एक ऐसा जवाब देंगे जिससे की सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे. ऐसे में अब कहा जा रहा है कि लालू यादव बिहार आने से पहले अपनी पूरी प्लानिंग तैयार कर लिए हैं. बिहार आते ही वे एक्शन में आ जाएंगे. ऐसे में अब देखना है इन सब के बीच में नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया क्या होती है.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *