किसी भी राज्य के विकास के लिए यातायात के साधनों का मजबूत होना काफी जरुरी होता है. अब इसी चीज को ध्यान में रखते हुए बिहार में चार नए फोरलेन को मंजूरी केंद्र सरकार द्वारा मिल चुकी है. बता दें की बिहार राज्य में बनने वाले ये फोरलेन राज्य के कई हिस्सों से होकर गुजरेंगे. राज्य में 454 किलोमीटर का यह नया फोरलेन भारत–नेपाल सीमा से सटे वाल्मीकिनगर से झारखण्ड सीमा के हरिहरगंज तक होगा. 143 किलोमीटर नेशनल हाईवे 98 को केंद्र ने फोरलेन में कन्वर्ट करने की मंजूरी पटना के नौबतपुर से हरिहरगंज तक दे दी है. इस फोरलेन के बन जाने से झारखण्ड सहित छतीसगढ़ को जाने के लिए अच्छी सुविधा मिल जाएगी.
जिस नेशनल हाईवे 98 को केंद्र सरकार द्वारा फोरलेन में कन्वर्ट करने की मंजूरी मिली है वर्त्तमान में उसकी चौड़ाई दो लेन की है. गाड़ियों का दबाव अक्सर इस नेशनल हाईवे पर देखने को मिलता है. यह नेशनल हाईवे सोन नदी के पूर्वी छोर के काफी पास से होकर गुजरता है. जो की बिक्रम–अरवल–औरंगाबाद और अंबा होते हुए हरिहरगंज तक पहुँचता है.
मीडिया में चल रही ख़बरों के अनुसार इस नेशनल हाईवे को फोरलेन में कन्वर्ट करने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा डीपीआर तैयार करने की मंजूरी मिलने के साथ हीं एक करोड़ और 38 लाख रुपये की स्वीकृति भी मिल चुकी है. अभी वाल्मीकिनगर से नौबतपुर वाले हिस्से पर इस प्रोजेक्ट को लेकर काम किया जा रहा है. वहीँ 195 किलोमीटर लम्बा फोरलेन हाईवे का पांच हजार छह सौ करोड़ की लागत से पटना से बेतिया तक निर्माण शुरू किया जा चूका है. बता दें की बुद्ध सर्किट के मुख्य भाग के रूप में ये नेशनल हाईवे हैं. केसरिया का बौद्ध स्तूप भी इसी हाईवे के किनारे देखने को मिल जायेगा.
बताते चलें की दो हजार और 636 करोड़ की लागत से सवा तीन साल में बनने वाले 6 लेन ब्रिज का टेंडर जेपी सेतु के बगल में पटना के दीघा सोनपुर के बीच में किया जा चूका है. वहीँ 868 करोड़ रुपये का टेंडर सोनपुर मानिकपुर में गंडक नदी पर सारण के कोंहारा घाट से वैशाली के जलालपुर के बीच पुल बनाने के लिए किया जा चुका है. लेकिन मानिकपुर से साहेबगंज, साहेबगंज से अरेराज, अरेराज से बेतिया का टेंडर होना अभी बाकी है. लगभग 2 हजार 159 करोड़ इन तीनो हिस्सों की कुल लागत होने वाली है.
पहले वाल्मीकिनगर से हरिहरगंज तक का सफ़र तय करने में लगभग 11 घंटे तक समय लग जाता था. लेकिन इस फोरलेन के निर्माण से अब मात्र 6 घंटे तक का हीं सफ़र लगेगा. साथ हीं साथ सीधे तौर पर झारखण्ड के पश्चिमी इलाके पलामू, चपतरा से नेपाल पूरी तरह से जुड़ जायेंगे. बिहार और झारखण्ड के व्यापारी भी इसका लाभ उठा सकेंगे. बता दें की वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेसवे से भी यह लेन आगे जाकर सीधे तौर पर जुड़ेगी. साथ हीं साथ सिलीगुड़ी और असम जाना भी आसान होगा. इस फोरलेन का निर्माण सोनपुर से अरेराज तक गंडक नदी के पश्चिमी किनारे के तरफ भी किया जायेगा. ऐसे में सारण और गोपालगंज के दियारा इलाके यानी कमिश्नरी के ये दो जिले में भी आवागमन की सुविधा आसान हो जाएगी.