क्रिकेट के सबसे बड़े महाकुंभ वनडे वर्ल्ड कप दो हजार तेइस की शुरुआत पांच अक्टूबर से भारत में होने जा रही है और इसका अंत उन्नीस नवंबर अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होगा, इस विश्व कप के लिए सभी टीमें भारत आ चुकी हैं और सभी टीमें फ़िलहाल वार्म–अप मैच के जरिए अपने तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी हुई है, इस बार का विश्व कप पूरी तरह से भारत के मेजबानी में खेला जाना है, इससे पहले दो हजार ग्यारह में टूर्नामेंट भारत में हुआ था लेकिन संयुक्त के तौर पर श्रीलंका और बांग्लादेश भी थे, ऐसे में भारतीय फैंस के जोश के सामने इस महाकुंभ का आयोजन देखना काफी दिलचस्प होगा, इस बार के विश्व कप में दर्शकों को काफी कुछ खास और अलग देखने को मिल सकता है, इस विश्व कप में कई नियम भी बदले नजर आएंगे. पिछले विश्व कप दो हजार उन्नीस में ऐसे कई नियम थे जो इस बार बदले हुए दिखेंगे, इसमें से सबसे खास वो नियम है जिससे पिछले विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड को चैम्पियन बनाया गया था और न्यूजीलैंड खिताब जितने से चुक गई थी पर अब वो नियम भी बदला जा चूका है, आइए देखते हैं उन नियमों को जो इस बार के वर्ल्ड कप में बदले नजर आएंगे.
इसमें सबसे पहला जो नियम बदला गया है वो है सुपर ओवर के बाद बाउंड्री काउंट का नियम, दरअसल यह नियम कुछ ऐसा था की सुपर ओवर के बाद भी अगर मुकाबला टाई होता था तो जिस टीम ने सबसे ज्यादा बाउंड्री लगाई होती थी उसे विजेता घोषित कर दिया जाता था, ऐसा ही पिछले विश्व कप के फाइनल में देखने को मिला था, इसी आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया था, हालांकि अब यह नियम बदल चूका है, नए नियम के मुताबिक अगर सुपर ओवर टाई होता है, तो उसे तब तक आगे बढ़ाया जाता रहेगा, जब तक उस मुकाबले का नतीजा नहीं निकल जाता.
इस विश्व कप में दूसरा जो नियम बदला गया है वो है सॉफ्ट सिगनल का, आईसीसी ने हाल ही में इसी साल जून में सॉफ्ट सिग्नल के नियम को बदल दिया था, इसके मुताबिक सॉफ्ट सिग्नल को पूरी तरह खत्म कर दिया गया था, इस नियम के हिसाब से होता ऐसा था कि, अगर कोई फैसला फील्ड अंपायर नहीं ले पा रहा है और उसके मन में संशय होता है तो वो थर्ड अंपायर के पास जाता है, लेकिन अपनी राय रखने के लिए फील्ड अंपायर एक सिग्नल देता था कि उसे आउट लग रहा है या नहीं इसे सॉफ्ट सिग्नल कहते थे, इसमें अक्सर थर्ड अंपायर सॉफ्ट सिग्नल के कारण निष्पक्ष तौर पर अपना फैसला नहीं ले पाते थे, इसलिए अब यह नियम फिलहाल क्रिकेट में खत्म हो चुका है और वर्ल्ड कप में इससे प्लेयर्स राहत महसूस करेंगे.
इस विश्व कप में बदले गए जो सबसे खास नियम है वो है बाउंड्री कि सीमित दुरी, बाउंड्री छोटी होने के वजह से गेंदबाजी टीम पर ज्यादा दबाव आता है उनके पास कुछ करने के लिए खास नहीं बचता है, ऐसे मैदानों पर ज्यादा–से–ज्यादा रन बनते हैं, दो हजार पंद्रह विश्व कप जो आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की मेजबानी में हुआ था, वहां न्यूजीलैंड के स्टेडियमों हुए मैचों में गेंदबाजों को इसका नुकसान हुआ था, इस बार के विश्व कप के मैच भारत के अहमदाबाद, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, पुणे और धर्मशाला में होना है, इनमें कुछ मैदानों की लम्बाई बड़ी है तो कुछ मैदानों की लम्बाई ज्यादा ही छोटी है, ऐसे में इस बार आईसीसी ने नियम बनाया है की सभी मैदानों की कम से कम दुरी सतर मीटर की होगी.
आपको क्या लगता है इन नियमों के बदलाव से विश्व कप का रोमांच बढ़ेगा या नहीं.