रामनवमी शोभायात्रा के दौरान बिहार के सासाराम और बिहारशरीफ में पिछले दिनों हीं हिंसा देखने को मिली. हिंसा के बाद प्रशासन काफी अलर्ट मोड में आ गये. मुख्यमंत्री द्वारा इस मामले को लेकर हाई लेवल मीटिंग भी बुलाई गयी और उपद्रवियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात भी कही गयी. खैर मामला अब बहुत हद तक शांत हो चूका है. लेकिन जहाँ एक तरफ हिंसा अभी थमा ही है की इस मामले को लेकर बिहार के सियासत का तापमान ऊपर चढ़ गया है. दरअसल बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा एक ट्वीट किया गया. बता दें की इस ट्वीट में उन्होंने हिंसा को लेकर सरकार के तरफ से जो कार्यवाई की जा रही है उसका जिक्र किया था. तेजस्वी ने लिखा था की… बिहार में सद्भाव बिगाड़ने की संघी कोशिश पर बिहार सरकार की पैनी नजर है. जिन राज्यों में बीजेपी कमजोर है वहां बौखलाई हुई है. एक–एक उपद्रवी को चिन्हित कर कठोरतम करवाई की जा रही है. भाईचारे को तोड़ने के किसी भी भाजपाई प्रयोग का हमने हमेशा माकूल जवाब दिया है और देते रहेंगे. जय हिन्द
तेजस्वी यादव के इस ट्वीट को देख कर भाजपा भी पीछे नहीं. दरअसल बीजेपी बिहार के ऑफिसियल ट्वीटर हैंडल पर तेजस्वी यादव के इसी ट्वीट को रिट्वीट किया गया. और यह लिखा गया की.. भाजपाई दंगाई को “उल्टा लटका कर सीधे करने” की कला में महारथी है. वोटबैंक की बिलबिलाई नहीं करते. यकीन ना हो तो यूपी में बैठे अपने सरपरस्तों के विधवा विलाप को कभी कान लगा कर सुनिए.
फिर आगे यह लिखा गया की 30 मार्च से लेकर 2 अप्रैल तक मूक–बधिर बनें शहजादे, अमित शाह जी के आगाह पर अब जाकर फड़फड़ाना शुरू किये.
दरअसल दंगा करनेवालों को उल्टा लटका कर सीधा करने का काम भारतीय जनता पार्टी करेगी वाले बयान बिहार के नवादा में एक रैली के दौरान अमित शाह द्वारा दिया गया था. उन्होंने कहा था की 2025 में भाजपा की सरकार बनाइये, दंगा करने वालों को उल्टा लटका कर सीधा करने का काम भारतीय जनता पार्टी करेगी. अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा था की हम तुष्टिकरण को नहीं मानते, ना हीं हम वोटबैंक की राजनीती करते हैं. हमारे शासन में दंगे नहीं होते. अमित शाह अपने बयान में जिस तरह से शासन प्रशासन की बात कर रहें हैं उसे बीजेपी को मानने वाले लोग योगी मॉडल का नाम दे रहें हैं.
योगी मॉडल का साफ़ मतलब है हमारे पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. जिसके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं. दरअसल योगी मॉडल की चर्चा जो लोग कर रहें हैं वे उत्तर प्रदेश के शासन–प्रशासन से यहाँ की तुलना कर रहें हैं. योगी मॉडल के अनुयायियों का मानना है की यूपी में हिंसा को लेकर जीरो टोलेरेंस है. यदि ऐसा कुछ मसला सामने भी आता है तो झटपट क़ानूनी कार्यवाई की जाती है और दरवाजे पर बुलडोजर की दस्तक होती है. उपद्रवियों के सम्पति को तहस–नहस कर दिया जाता है और सम्पति के साथ–साथ उसकी प्रतिष्ठा भी मिट्टी में मिल जाती है. अमित शाह द्वारा भी दिए गये बयान में उन्होंने हमारे शासन में दंगे नहीं होते वाली बात कही है. साथ हीं साथ तेजस्वी यादव के ट्वीट को जब भाजपा द्वारा रिट्वीट किया गया तब भी अमित शाह के इसी बयान का प्रयोग किया गया जहाँ वे कहते नजर आ रहे थे दंगाइयों को उल्टा लटका कर सीधा कर देंगे. वहीँ अब अमित शाह के इस बयान पर जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी का भी बयान अब सामने आ गया है. अपने इस बयान में उन्होंने कहा है की गृहमंत्री ने दंगाइयों को उल्टा लटकाने की बात कर के लोगों की संकीर्ण भावना का शोषण करना चाहा है. भाजपा के लोग नीतीश कुमार के सुशासन मॉडल को अच्छी तरह से जानते हैं. साथ हीं साथ उन्होंने यह भी कहा की उन्होंने सरकार में साथ रह कर यह महसूस किया होगा की दंगाइयों को उल्टा लटकाए बगैर भी राज्य में कैसे शांति रहती है. विजय चौधरी ने नीतीश मॉडल की बात करते हुए कहा की नीतीश मॉडल सबको विश्वास में तथा साथ लेकर चलना है, जिसमे सामाजिक सौहाद्र का वातावरण बनाकर दंगा होने ही नहीं दिया जाता. खैर राजनितिक पार्टियों द्वारा वार–पलटवार तो चलता हीं रहेगा. लेकिन इस वक्त सबसे अच्छी बात यह है की प्रशासन द्वारा हुए इस हिंसा के मामले पर काबू पा लिया गया है.