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विश्व का सर्वकालिक महान तेज गेंदबाज, जिनके नाम है सबसे ज्यादा गेंद फेंकने का वर्ल्ड रिकॉर्ड

Bihari News

179 टेस्ट – 48,299 गेंदें – 972 विकेट, विश्व क्रिकेट में ऐसा तेज गेंदबाज कोई दूसरा नहीं !

इंग्लैंड का ही नहीं विश्व का सर्वकालिक महान तेज गेंदबाज, जिनको मिली है किंग ऑफ स्विंगकी उपाधि

सबसे अधिक टेस्ट मुकाबले खेलने वाले दूसरे खिलाड़ी, सबसे अधिक टेस्ट विकेट चटकाने वाला तेज गेंदबाज

विश्व क्रिकेट में सबसे ज्यादा गेंद फेंकने वाले तेज गेंदबाज

टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी

दोस्तों, एक कहावत है ना कि शेर कितना भी बूढा हो जाए वो शिकार करना नहीं भूलता और यह शेर तो उम्र बढ़ने के साथ और भी खतरनाक होता जा रहा है. उम्र बढ़ने के साथ इनकी गेंदबाजी और भी निखरती जा रही है और सबसे बड़ी बात ये है कि यह एक तेज गेंदबाज हैं. अब तो आप समझ ही गए होंगे हम किसकी बात कर रहे हैं. अगर नहीं समझे तो हम आपको बताते हैं, हम बात कर रहे हैं इंग्लैंड के सर्वकालिक महान गेंदबाज किंग ऑफ स्विंग जेम्स एंडरसन के बारे में. 40 साल के हो चुके जिमी एंडरसन मौजूदा ICC टेस्ट रैंकिंग में नंबर-1 हैं. एंडरसन की गेंदबाजी और काबिलियत का अंदाजा तो आपने लगा ही लिया होगा. ऑफस्पिनर डॉम बेस कहते हैं, ‘वह इंग्लैंड के सर्वकालिक महान गेंदबाज हैं.’ फर्स्ट क्लास क्रिकेट और इंटरनेशनल क्रिकेट दोनों में 1000 विकेट हासिल करने वाले जेम्स एंडरसन का जन्म 30 जुलाई, 1982 को इंग्लैंड के Lancashire के बर्नले में हुआ था. उनके पिता का नाम माइकल एंडरसन और मां का नाम कैथरीन एंडरसन है. एंडरसन सेंट मैरी और सेंट theodore’s RC हाई स्कूल, बर्नले के छात्र रहे. वो बर्नले क्रिकेट क्लब में काफी कम उम्र से खेलने लगे थे. बचपन से ही एंडरसन का सपना एक क्रिकेटर बनने का था, और जब वो 17 साल के हुए तो Lancashire League में वो सबसे तेज गेंदबाजों में से एक थे. एंडरसन अपनी तेज गेंदबाजी पर कहते हैं, “मैंने हमेशा सीम गेंदबाजी की है, लेकिन जब मैं लगभग 17 साल का था तो मुझे नहीं पता कि यह क्या था लेकिन मैंने अचानक तेज गेंदबाजी करना शुरू कर दिया.” एंडरसन एक उत्सुक फुटबॉल प्रशंसक हैं, जो अपने स्थानीय क्लब बर्नले का समर्थन करते हैं.

एंडरसन ने कम्पटीटिव क्रिकेट में अपना डेब्यू लैंकशायर क्रिकेट बोर्ड के लिए साल 2000 के नैटवेस्ट ट्रॉफी में सुफोल्क के खिलाफ लिस्ट ए वनडे मैच से किया था और रसेल कैटली उनके पहले कम्पटीटिव विकेट थे. एंडरसन ने बाद में लैंकसशायर के लिए साल 2002 में अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था और अपने डेब्यू सीजन में ही एंडरसन ने 13 मैचों में 22.28 की औसत से 50 विकेट चटका लिए थे, जिसमें 3 फाइवविकेट हॉल शामिल था. इअन वार्ड उनके पहले फर्स्ट क्लास विकेट थे. उसी सीजन शानदार गेंदबाजी के लिए उनको NBC Denis Compton Award से सम्मानित किया गया. 2003 में Lancashire के लिए हैट्रिक लेने वाले वो सबसे युवा खिलाड़ी बने, यह जिम्बाब्वे के खिलाफ उनके टेस्ट इंटरनेशनल डेब्यू से ठीक एक सप्ताह पहले आया था. मई, 2004 में Worcestershire के खिलाफ एंडरसन ने अपना मेडन टेनविकेट हॉल प्राप्त किया था.

फिर एंडरसन को स्ट्रेस फ्रैक्चर हो गया जिसके चलते 2006 सीजन में वो Lancashire के लिए नहीं खेल सके. Lancashire के लिए वो सिर्फ 2 मैच ही खेले थे, एक समय ऐसा लग रहा था कि एंडरसन को Glamorgan के लिए खेलकर अपनी फिटनेस साबित करनी होगी लेकिन Lancashire ने तय किया कि वो एंडरसन को लिमिटेड कैपेसिटी के साथ अपने साथ ही खिलाएंगे. एंडरसन इंग्लैंड के स्टार थे इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड यानी ECB उन्हें लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती थी इसलिए बोर्ड ने एंडरसन को सिर्फ चारओवर स्पेल की ही मंजूरी दी, हालांकि एंडरसन उस सीजन सिर्फ एक फर्स्ट क्लास मैच ही खेले थे.

साल 2008 में, साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट और वनडे सीरीज खेलने के बाद एंडरसन के लिए ecb ने कह दिया कि वो फर्स्ट क्लास खेलने के लिए उपलब्ध नहीं होंगे.

2009 इंग्लिश क्रिकेट सीजन के शुरुआत में एंडरसन ने lancashire के लिए खेलते हुए sussex के खिलाफ मैच में कुल 11 विकेट झटके थे, जिससे lancashire ने 8 विकेटों से मुकाबला जीता था. यह एंडरसन का आखिरी फर्स्ट क्लास मुकाबला था.

इसके बाद एंडरसन पूरी तरह से इंग्लैंड के राष्ट्रीय टीम के रंग में रंग गए. ऐसा प्रदर्शन कि दुनिया देखती रह गई. वो 2003 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड की टीम का हिस्सा रहे और पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने 4 विकेट चटकाकर मैचविनिंग स्पेल डाला. बेहतरीन गेंदबाजी के लिए उनको मैन ऑफ द मैचचुना गया. 2003 की गर्मियों में जिम्बाब्वे के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान पर अपना डेब्यू टेस्ट खेल रहे जिमी एंडरसन ने फाइवविकेट हॉल प्राप्त किया था. टेस्ट के अलावा एंडरसन वनडे क्रिकेट में भी अपनी गेंदबाजी का डंका बजा रहे थे. पाकिस्तान के खिलाफ उनका हैट्रिक, वनडे इंटरनेशनल में किसी अंग्रेज द्वारा लिया गया पहला था. हालांकि इंजरी से भी उनका चोली दामन का रिश्ता रहा लेकिन हर बार एंडरसन ने मजबूती से वापसी की. हर वापसी में वो और भी निखरके आए.

एंडरसन का बॉलिंग एक्शन उनयूजअल था, गेंद फेंकते वक्त सिर झुका हुआ, आंखें बंद, कहां गेंद डाल रहे हैं वो देखते ही नहीं थे. तब उन्होंने सिर ऊपर करके गेंदबाजी करने की भी कोशिश की लेकिन इससे उनके गति पर प्रभाव पड़ा इसलिए उन्होंने अपने पुराने एक्शन को ही अपना लिया. 2003 में इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज Bob Willis ने कहा था कि एंडरसन अपनी बॉलिंग एक्शन से 5 साल से ज्यादा नहीं खेल पाएंगे. यही कारण था कि 2004 से 2005 के मध्य में इंग्लैंड के कोचिंग स्टाफ ने एंडरसन की गेंदबाजी एक्शन में बदलाव की कोशिश भी की थी. एंडरसन रेड बॉल और वाइट बॉल दोनों में इंग्लैंड क्रिकेट टीम के मुख्य सदस्य बने रहे लेकिन 2015 वर्ल्ड कप के बाद इंग्लैंड ने उन्हें सिर्फ और सिर्फ टेस्ट क्रिकेट यानी रेड बॉल के लिए खेलने के लिए चुना और तब से लेकर अभी तक एंडरसन इंग्लैंड की टेस्ट साइड के अभिन्न अंग हैं. ‘ऐज इज जस्ट अ नंबर‘, इस बात को एंडरसन से बढ़िया कोई चरितार्थ नहीं करता. सचिन तेंदुलकर ने 200 टेस्ट मुकाबले खेले लेकिन वो एक बल्लेबाज हैं. मगर एंडरसन एक तेज गेंदबाज हैं, और सचिन के बाद सबसे अधिक टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ी हैं और एक तेज गेंदबाज का करियर इतना लंबा और शानदार रहना, यह अपने आप में एक अजूबा है. इसलिए एंडरसन की गिनती विश्व के सर्वकालिक महान तेज गेंदबाजों में होती है.

सबसे खास बात ये है कि इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन की गेंदबाजी उम्र बढ़ने के साथ और अधिक निखरती जा रही है. जैसे–जैसे उनकी उम्र बढ़ रही है उनकी गेंदबाजी और भी घातक होती जा रही है. देखकर आश्चर्य भी होता है कि आखिर कोई तेज गेंदबाज इतने लंबे समय तक कैसे खेल सकता है, वो भी क्रिकेट का सबसे लंबा प्रारूप टेस्ट क्रिकेट. खैर एंडरसन की बेहतरीन गेंदबाजी का उनको हालिया ICC रैंकिंग में फायदा हुआ है. ICC की ताजा टेस्ट रैंकिंग जारी हुई है और इसमें गेंदबाजों की रैंकिंग में इंग्लैंड के दिग्गज तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन नंबर-1 स्थान हासिल कर चुके हैं. एंडरसन ने ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस को पीछे छोड़ते हुए यह मुकाम हासिल किया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि एंडरसन किस उम्र में दुनिया के नंबर-1 टेस्ट गेंदबाज बने हैं. एंडरसन ने 40 साल 207 दिन की उम्र में ये कारनामा किया है.

जेम्स एंडरसन, क्लेरी ग्रिमेट के बाद शीर्ष रैंकिंग हासिल करने वाले सबसे उम्रदराज गेंदबाज हैं. ऑस्ट्रेलिया के क्लेरी ग्रिमेट ने 1936 में यह कारनामा किया था.

यह पहली बार नहीं है जब एंडरसन ने यह मुकाम हासिल किया है, एंडरसन पहली बार 2016 में टेस्ट के नंबर-1 बॉलर बने थे, तब उन्होंने स्टुअर्ट ब्रॉड और रविचंद्रन अश्विन को पीछे छोड़ते हुए ये मुकाम हासिल किया था. इसके बाद साल 2018 में एंडरसन टॉप टेस्ट गेंदबाज बने थे. इसके अलावा एंडरसन टेस्ट में सबसे अधिक विकेट लेने के भी मामले में सिर्फ मुथैया मुरलीधरन और शेन वार्न से पीछे हैं. अभी तक 178 टेस्ट मैचों में एंडरसन के नाम 682 विकेट दर्ज हैं. उन्होंने 3 बार 10 विकेट हॉल, 32 बार फाइव–विकेट हॉल और इतने ही बार फोर– विकेट हॉल प्राप्त किया है. भारत के महान सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे ज्यादा टेस्ट खेलने वाले भी वो दूसरे खिलाड़ी हैं. सचिन ने अपने करियर में कुल 200 टेस्ट मुकाबले खेले हैं. इसके अलावा इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे अधिक गेंद फेंकने के मामले में एंडरसन चौथे स्थान पर हैं. उन्होंने अभी तक कुल 48,077 गेंदें फेंकी हैं. इस मामले में भी मुथैया मुरलीधरन नंबर-1 हैं, उन्होंने अपने करियर में कुल 63,132 गेंदे फेंकी हैं. नंबर-2 पर भारत के अनिल कुंबले हैं और नंबर-3 पर ऑस्ट्रेलिया के दिवंगत शेन वार्न खड़े हैं.

2016 में इंग्लैंडपाकिस्तान टेस्ट सीरीज के दौरान जिमी एंडरसन ने एक नया कीर्तिमान बनाया था. 7 बड़े देश जो टेस्ट खेलते हैं ऑस्ट्रेलिया, भारत, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और वेस्टइंडीज सबके खिलाफ 50 विकेट लेने वाले वो विश्व के पहले और इकलौते गेंदबाज बने. इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा फाइवविकेट हॉल प्राप्त करने वाले वो पहले गेंदबाज हैं.

टेस्ट इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी सरजमीं पर 300 से ज्यादा विकेट चटकाने वाले वो इकलौते तेज गेंदबाज हैं. बतौर तेज गेंदबाज सबसे अधिक गेंद फेंकने का रिकॉर्ड भी एंडरसन के ही नाम है. इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट में 100 बार नॉटआउट रहकर उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है.

8 दिसंबर, 2011- एंडरसन को freedom of the Borough of Burnley से सम्मानित किया गया था. 2015 में क्वीन के जन्मदिन पर एंडरसन को क्रिकेट में सेवाएं देने के लिए officer of the Order of the British Empire(OBE) नियुक्त किया गया था. 11 फरवरी, 2016 को बकिंघम पैलेस में उनको OBE सम्मान प्राप्त हुआ था.

जेम्स एंडरसन ने 2006 में Daniella Lloyd से शादी रचाई थी, जिनसे उन्हें 2 बच्चे हैं. लोय्ड एक मॉडल थी जब 2004 में एंडरसन से उनकी पहली मुलाकात हुई थी. एंडरसन कहते हैं शादी ने उन्हें और भी खुशहाल बना दिया.

ये बात शायद बेहद कम लोगों को पता होगी कि जिमी एंडरसन ने फैशन डिजाइनिंग भी किया है. एंडरसन ने 2012 से फैशन डिजाइन में काम किया है, एल्विस जीसस के लिए डिजाइनिंग, बिक्री की आय के साथ उनकी प्रायोजित चैरिटी, नॉर्डऑफरॉबिन्स के लिए कार्य किया. एंडरसन जून 2013 में ब्रिटिश हेयर स्टाइलिंग ब्रांड हेयरबॉन्ड का चेहरा बनने के लिए भी सहमत हुए. अप्रैल 2014 में, उन्होंने लंदन स्थित मेन्सवियर ब्रांड, चेस लंदन के साथ अपना पहला संग्रह लॉन्च किया था. उन्होंने कहा है कि वे डिजाइनर बनने वाले पहले क्रिकेटरबनना चाहेंगे और बने भी. उन्होंने अक्टूबर 2014 के अंत में अपना खुद का मेन्सवियर ब्रांड लॉन्च किया, और 2015 में एक घड़ी जारी करने के लिए ब्रिटिश घड़ी निर्माता हेरोल्ड पिंचबेक के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

सितंबर 2010 में एंडरसन एटीट्यूड‘, “ब्रिटेन की सबसे अधिक बिकने वाली समलैंगिक पत्रिकाके लिए नग्न मॉडलिंग करने वाले पहले क्रिकेटर बने थे. एंडरसन ने कहा यदि कोई समलैंगिक क्रिकेटर हैं तो उन्हें बाहर आने के लिए पर्याप्त आत्मविश्वास महसूस करना चाहिए क्योंकि मुझे नहीं लगता कि क्रिकेट में कोई होमोफोबिया है.”

जिमी एंडरसन आज सिर्फ इंग्लैंड के ही नहीं पूरी दुनिया के स्टाइल आइकॉन हैं और बच्चाबच्चा उनके जैसा बनना चाहता है. आपको क्या लगता है ? क्या एंडरसन सचिन के 200 टेस्ट के रिकॉर्ड को तोड़ने में कामयाब हो पाएंगे या नहीं ? कमेंट में जरुर बताएं.

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