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जातिगत जनगणना में गलत जानकारी देने वाले हो जाए सावधान, ऐसे पकड़े जाएंगे

Bihari News

इन दिनों बिहार में जाति के आधार पर गणना की जा रही है. बता दें की बिहार में हो रहे इस जातिगत गणना में यदि आप किसी भी तरह की गलत जानकारी देते हैं तो यह आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकता है. मिली जानकारी के अनुसार 1 अप्रैल 2023 में राज्य सरकार द्वारा दूसरे चरण की गणना के समय आपके द्वारा दी गयी सभी सूचनाओं की जांच कर सत्यापन करेगी. यदि ऐसे समय में आपके द्वारा दी गयी जानकारी गलत पाई जाती है तो यह आपके लिए महंगा पड़ सकता है. जो भी कर्मचारी लोगों के घर जाकर गणना कर रहे हैं, वो भी लोगों को इस बात से अवगत करवा रहें की अपने द्वारा दी गयी सभी जानकारी को सहीसही उपलब्ध करवाएं. आपको बता दें की एक लाख से भी अधिक मकानों की नंबरिंग पटना जिले में अभी तक की जा चुकी है और लगभग 20 लाख परिवारों की गणना जिले में होनी बाकि है.

बताते चलें की अब तक प्रदेश में लगभग 204 जातियां हैं. इन्ही जातियों के अनुसार ये जातिगत गणना की जानी है. होने वाले इस जातिगत जनगणना के पहले चरण में मकान की नंबरिंग नजरी नक्शा बना कर की जा रही है. जिन कर्मचारियों द्वारा जनगणना की जा रही है, उन कर्मचारियों ने अपने क्षेत्र का नजरी नक्शा तैयार किया है. ऐसे में वो इस बात की पहचान कर पाएंगे की किस कर्मचारी का कौन सा क्षेत्र है. साथ ही साथ इस नजरी नक़्शे को इसलिए तैयार किया गया है ताकि एक बार से अधिक किसी मकान की गणना ना हो और इस क्रम में कोई भी मकान नहीं छूटे.

जब कर्मचारी गणना के लिए किसी भी परिवार के पास जा रहें तो उनसे उन परिवारों द्वारा कई तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं. मीडिया में चल रही ख़बरों के मुताबिक पटना के सम्पत्त्चक, बिहटा, नौबपुर और दानापुर जैसे इलाकों में गणना के समय कर्मियों से यह कई बार पूछा गया की क्या इस जाती आधारित गणना के बाद मतदाता सूचि से नाम हटा दिया जायेगा. जिन लोगों के पास दोदो राशन कार्ड, वोटर कार्ड है या दोहरे पेंशन का फायेदा उठाते हैं वे लोग थोड़े भय में है. ऐसे में गलत तरीके से सरकारी योजनाओं का फायेदा उठाने वाले दोबारा ऐसी हरकतें करने से बचेंगे. आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें की यदि आप दो जगहों पर रहते हैं तो होने वाले इस जातिगत जनगणना में एक ही जगह पर सारा विवरण दें. ताकि गणना के फॉर्मेट में दो अलगअलग जगहों पर विवरण नहीं होकर एक ही जगह विवरण हो सकें. यदि आप गलती से भी दो जगहों पर अपना विवरण देते हैं तो होने वाले दूसरे चरण के गणना में आपकी पहचान बड़े ही आसानी से हो जाएगी. इसकी पहचान एक सॉफ्टवेयर द्वारा की जाएगी. इसके लिए एक नए सॉफ्टवेयर को भी विकसित किया जा रहा.

चलिए अब आगे के इस चर्चा में हम बात करते हैं की राज्य सरकार के लिए आखिर इस जातिगत जनगणना के मायने क्या हैं. दरअसल राज्य सरकार द्वारा यह दावा किया जा रहा है की इस जनगणना का फायेदा सीधे जमीनी स्तर के लोगों को होगा. साथ ही साथ सरकार जब राज्य की जातीय स्थिति को जान जाएगी तो ऐसे में बजट निर्माण के समय सरकार को काफी मदद मिलेगी. आर्थिक स्थिति के मामले में वे जातियां जो हाशिये पर खड़ी हैं उनके लिए योजनाओं का निर्माण बेहतर तरीके से किया जा सकेगा.

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