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क्या महागठबंधन की गांठ ढीली पड़ने लगी है?

Bihari News

बिहार की राजनीति में कब एक नया मोड़ आपको देखने को मिल जाए यह कहना मुश्किल है. यहां पल पल एक नई चाल होती है. कहते हैं राजनीति का यह दश्तुर है कि प्रतिपल स्थितियों में बदलाव देखने को मिलता रहता है. बिहार के मुख्यमंत्री इन दिनों दिल्ली के दौरे पर है वे देश की राजनीति में एक्टिव होना चाहते हैं. दिल्ली प्रवास के दौरान नीतीश कुमार ने कई राजनेताओं से मुलाकात भी की है. ऐसे में अब कहा जा रहा है कि क्या नीतीश कुमार अब विपक्ष के लिए पीएम का चेहरा हो सकता है. खैर यह तो आने वाले दिनों में पता चल पाएगा की नीतीश कुमार और सभी विपक्षी दलों में किस तरह की सहमती बन पाती है. लेकिन बिहार कि सियासत में पिछले दो दोनों में एक दूसरा डेवलपमेंट देखने को मिला है. और वह हैं जीतन राम मांझी जिनके बयान सामने आने के बाद बिहार कि सियासत में खलबली मची हुई है.

बता दें कि जीतन राम मांझी अमित शाह से मिलने के लिए दिल्ली जा रहे हैं. उनके दिल्ली दौरे का जो कारण बताया गया है उसमें कहा जा रहा है कि यह कोई राजनीतिक मुलाकात नहीं है. इस दौरान जीतन राम मांझी माउंनटेन मैन दशरथ मांझी और बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह और कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग को लेकर अमित शाह से मुलाकात करने जा रहे हैं. अब इस मुलाकात के मायने को समझिए जीतन राम मांझी गया से एक प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने दिल्ली गए थे. जहां उन्हें अमित शाह से मिलने को कहा गया. चुकि अमित शाह उस समय पूर्वोत्तर राज्यों के दौरे पर थे, जिसके बाद यह पूरा प्रतिनिधिमंडल पटना लौट आया. बता दें कि जीतन राम मांझी नीतीश कुमार के सबसे करीबी नेताओं मे से गिने जाते हैं. बता दें कि नीतीश कुमार की मुलाकात जैसे ही कांग्रेस के बड़े नेता जैसे राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की. कहा जा रहा है कि इसके ठीक बाद ही जीतन राम मांझी को मुलाकात का समय मिल गया.

जीतन राम मांझी के अमित शाह के मुलाकात को लेकर बिहार में चर्चा का दौर जारी है. कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है. कहा जा रहा है कि अगर जीतन राम मांझी महागठबंधन से एनडीए की ओर अगर जाते हैं तो यह नीतीश कुमार के विपक्षी एकता आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका होगा. हालांकि मांझी ने कई बार यह कहा है कि वे नीतीश कुमार से अलग होकर कही नहीं जाएंगे. हालांकि जीतन राम मांझी को इस बात का भान होगा कि नीतीश कुमार ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था. लेकिन यह राजनीति है यहां कुछ भी संभव है. ऐसे में प्रदेश में अटकलों का बाजार गरम है.

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