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स्पिन गेंदबाज के रूप में की थी क्रिकेट करियर की शुरुआत, आज है आधुनिक क्रिकेट का सबसे खतरनाक तेज गेंदबाज !

Bihari News

वह गेंदबाज जिसको शामिल करने के लिए इंग्लैंड क्रिकेट को बदलने पड़े थे नियम

आधुनिक क्रिकेट का सबसे खतरनाक गेंदबाज, जिसकी गेंदों से बड़ेबड़े बल्लेबाज नहीं बचा पाते खुद को

स्पिन गेंदबाज के रूप में की थी क्रिकेट करियर की शुरुआत, आज हैं विश्व के सबसे खौफनाक तेज गेंदबाज

वेस्टइंडीज के लिए खेले अंडर-19 क्रिकेट, नियम बदलकर इंग्लैंड ने किया शामिल

जिसने अपनी घातक गेंदबाजी से टीम को पहली बार बनाया वनडे क्रिकेट का विश्व विजेता

दोस्तों, अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में एक ऐसा वक्त था जब मैदान पर तेज गेंदबाजों की तूती बोलती थी. तब जब लोग मैच गेंदबाजों के लिए देखते थे. दोस्तों, अंतराष्ट्रीय क्रिकेट इतिहास के लंबे सफर में एक बड़ा अरसा कुछ ऐसे गेंदबाजों के साथ गुजरा है, जो किसी भी बैटिंग लाइनअप को आतंकित करने में सखम थे, उनकी खतरनाक तेज गेंदबाजी बड़ेबड़े बल्लेबाजों के लिए कहर की तरह थी.

लेकिन विश्व क्रिकेट में कुछ गेंदबाज हैं, जिन्होंने अपनी गेंदबाजी से एक बार फिर उसी दौर को वापस लाने की उम्मीद जगाई है, जिसमें लोग मैच गेंदबाजों के लिए देखते थे. आज के सेगमेंट में बात होगी एक ऐसे ही धाकड़ तेज गेंदबाज की, जिसकी आग उगलती गेंदों ने बड़े बड़े बल्लेबाजों को घुटने टेकने पर मजबूर किया है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस खतरनाक तेज गेंदबाज के जीवन में क्रिकेट की शुरुआत स्पिन गेंदबाज के तौर पर हुई थी. बात होगी इंग्लैंड के खौफनाक तेज गेंदबाज की, जिसे दुनिया जोफ्रा आर्चर के नाम से जानती है. आज के लेख में हम जोफ्रा आर्चर के जीवन से जुड़ी कुछ जानीअनजानी और अनकही बातों को जानने की कोशिश करेंगे.

दोस्तों, जोफ्रा आर्चर का जन्म 1 अप्रैल, 1995 को बारबाडोज के ब्रिजटाउन शहर में हुआ था. उनके पिता का नाम फ्रेंक आर्चर है और मां का नाम जोयल आर्चर है. जोफ्रा के पिता का संबंध इंग्लैंड से था लेकिन उनकी मां बारबाडोस से संबंध रखती हैं. जोफ्रा आर्चर की स्कूली शिक्षा ब्रिजटाउन की हिल्डा प्राइमरी स्कूल से हुई जिसके बाद आर्चर ने लंदन की डलविच कॉलेज से अपना दाखिला ले लिया था.

बचपन से ही आर्चर का झुकाव खेलों के तरफ था. अपने स्कूली दिनों में आर्चर हाई जम्प और क्रिकेट के कई टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया था और बहुत से अवार्ड भी जीते थे. आर्चर ने क्रिकेट की शुरुआत एक स्पिनर के तौर पर की थी. आर्चर के जन्म के कुछ ही समय बाद उनकी मां ने दूसरा विवाह कर लिया था और तब आर्चर के सौतेले पिता पैट्रिक वैर ही वो इंसान थे, जिन्होंने सबसे पहले जोफ्रा आर्चर के अंदर छुपी प्रतिभा को पहचाना था.

दरअसल, आर्चर के सौतेले पिता खुद क्रिकेट में बहुत अच्छे थे और वो अपने बेटे को भी शुरू से ही हर शाम क्रिकेट की प्रैक्टिस करवाते थे, एक शाम जब जोफ्रा आर्चर अपने पिता को गेंद डाल रहे थे तब वह लगातार चार गेंदों पर बल्ला भी नहीं लगा पाए थे. तब पिता ने अपने बेटे से कहा था कि अब मुझे नहीं लगता कि मैं तुम्हारी गेंदों को कभी खेल पाऊंगा. तब पिता ने आर्चर का दाखिला पिकविक क्रिकेट क्लब में करवा दिया था. समय के साथसाथ आर्चर की प्रतिभा पंख फैलाने लगी थी.

पिकविक क्रिकेट क्लब में लगातार कुछ सेशन तक प्रैक्टिस करने के बाद जोफ्रा शाम को अपने पिता के साथ भी प्रैक्टिस करने आ जाते थे. यहां आर्चर गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी और फील्डिंग की प्रैक्टिस किया करते थे. आर्चर को एक बेहतरीन क्रिकेटर बनाने में उनके सौतेले पिता का सबसे बड़ा योगदान है, वो सौतेले होकर भी अपने बेटे से सगे से बढ़कर प्यार करते थे.

उन्होंने आर्चर के लिए अपने घर के पास ही एक पिच भी तैयार कर दी थी ताकि आर्चर को कोई दिक्कत ना हो. इस तरह जोफ्रा आर्चर को अंतराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए पूरी तरह से तैयार किया जा रहा था.

बड़ेबड़े तेज गेंदबाजों का घर माने जाने वाले बारबाडोस में जोफ्रा आर्चर विकेटकीपिंग से लेकर ओपनिंग बल्लेबाजी और स्पिन गेंदबाजी करते आ रहे थे लेकिन वेस्टइंडीज के लिए जब आर्चर ने अंडर-19 टूर्नामेंट खेलना शुरू किया तब तक वह खुद को एक अच्छा खासा तेज गेंदबाज बना चुके थे.

जोफ्रा आर्चर ने वेस्टइंडीज की तरफ से अंडर-19 टीम में खेलते हुए अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन फिर एक चोट के चलते उन्हें टीम से बाहर होना पड़ गया, जिसके बाद वेस्टइंडीज क्रिकेट ने इस खिलाड़ी की तरफ देखना बंद सा कर दिया था.

आर्चर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे लेकिन जब उन्हें लगा उनकी बारी नहीं आएगी ऐसे में वो कुछ अलग काम करने का भी मन बनाने लगे थे. कहते हैं कि एक समय तो ऐसा भी आया था, जब आर्चर एग्रीकल्चर के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के बारे में सोचने लगे थे.

साल 2013 में टीम से बाहर होने के बाद जोफ्रा आर्चर की जिंदगी में एक मोड़ आया जब उनकी मुलाकात बारबाडोस में ही जन्मे इग्लिश क्रिकेटर क्रिस जॉर्डन से हुई.

क्रिस जॉर्डन का जन्म भी बारबाडोस में ही हुआ था लेकिन किन्हीं कारणों के चलते वो इंग्लैंड की तरफ से अंतराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने लगे थे. 2015 में जब वो प्रोफेशनल क्रिकेट खेलने के लिए बारबाडोस आए हुए थे तब उनकी मुलाकात आर्चर से हुई थी.

एक दिन क्रिस जॉर्डन, जोफ्रा आर्चर और साथी खिलाड़ी शे होप(जो अब वेस्टइंडीज की अंतराष्ट्रीय टीम का हिस्सा हैं) क्रिकेट खेल रहे थे और तब विकेटों के पीछे से होप ने जॉर्डन को कहा कि आर्चर की गेंदों से बचकर रहना, ये बहुत तेज गेंदबाजी करता है. जॉर्डन ने होप की बातों को गंभीरता से नहीं लिया था लेकिन जब आर्चर ने गेंद फेंकी तब जॉर्डन को समझ आ गया, वो आर्चर में छिपे टैलेंट को पहचान गए और उन्होंने वापस इंग्लैंड जाकर ससेक्स से आर्चर को अपनी टीम में शामिल करने की गुजारिश की.

अपने पिता के कारण आर्चर के पास इंग्लैंड का पासपोर्ट था और इस तरह आर्चर की एंट्री इंग्लैंड क्रिकेट में हो गई.

आर्चर ने अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू साल 2016 के जुलाई महीने में ससेक्स की तरफ से पाकिस्तान के खिलाफ खेलते हुए किया था और इसके एक महीने बाद ही उनको लिस्ट ए क्रिकेट में ग्लुस्टरशायर की तरफ से डेब्यू करने का अवसर मिल गया था.

आर्चर हर तरह से अच्छा प्रदर्शन तो कर रहे थे लेकिन इंग्लैंड की अंतराष्ट्रीय टीम के दरवाजे उनके लिए बंद थे क्योंकि इंग्लैंड क्रिकेट के एक नियम के मुताबिक़ किसी खिलाड़ी को टीम में शामिल होने के लिए इंग्लैंड में सात साल नागरिक के रूप में रहना जरुरी होता है. लेकिन आर्चर जैसे प्रतिभा के लिए इंग्लैंड क्रिकेट को अपने नियमों में संसोधन करना पड़ा. उन्होंने नागरिकता की समय सीमा तीन साल कर दी और तभी से आर्चर का साल 2019 में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए इंग्लिश टीम में शामिल होने की अटकलें लगाई जाने लगी थी. दूसरी तरफ आर्चर का उम्दा प्रदर्शन जारी था, साल 2018 में आर्चर ने बिग बैश लीग और पाकिस्तान सुपर लीग में पदार्पण किया था.

लीग क्रिकेट में उनके प्रदर्शन को देखते हुए उस साल आईपीएल में भी राजस्थान की टीम ने उन्हें अपने साथ जोड़ा. यह आर्चर की शानदार गेंदबाजी का ही नतीजा था कि राजस्थान रॉयल्स ने उनको 7 करोड़ की बड़ी रकम देकर खरीदा. 22 अप्रैल, 2018 को आईपीएल में अपना पहला मैच खेल रहे जोफ्रा आर्चर ने मुंबई के खिलाफ 3 विकेट चटकाए और मैन ऑफ द मैचबने. इसी साल टी20 ब्लास्ट सीजन का फाइनल मुकाबला खेल रहे आर्चर ने शानदार हैट्रिक अपने नाम किया और यहीं से तय हो गया था कि वो इंग्लैंड की अंतराष्ट्रीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनेंगे.

हर स्तर पर स्टार जैसे चमकने के बाद अब बारी थी अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक बिखेरने की. 3 मई, 2019 वह दिन था जब जोफ्रा आर्चर ने इंग्लैंड की अंतराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में अपना पदार्पण किया था, आयरलैंड के खिलाफ एक वनडे मैच में. इसके दो दिन बाद ही पाकिस्तान के खिलाफ आर्चर को इंग्लैंड की तरफ से अपना पहला टी20 इंटरनेशनल मुकाबला भी खेलने का मौका मिल गया था. अब बस इंतजार था वर्ल्डकप के लिए इंग्लैंड टीम की घोषणा का, जिसमें आर्चर का स्थान पक्का लग रहा था लेकिन वर्ल्ड कप के लिए घोषित हुए इंग्लैंड के प्रारंभिक स्क्वाड में आर्चर का नाम नहीं था और इस बात ने सबको चौंका दिया था.

लेकिन इसके बाद जब 21 मई के दिन इंग्लैंड का फाइनल स्क्वाड आया तो उसमें जोफ्रा आर्चर का नाम आखिरी खिलाड़ी के रूप में था.

आर्चर को इस वर्ल्ड कप के सभी मैचों में खिलाया गया और यहां आर्चर ने विश्व भर के बल्लेबाजों को अपनी खतरनाक गेंदबाजी का नमूना दिखाया. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबले में बल्लेबाज एलेक्स केरी को लगी चोट ने सबको दहला दिया था.

फाइनल में जोफ्रा आर्चर ने इंग्लैंड की तरफ से सुपर ओवल डाला और अपनी सधी हुई गेंदबाजी से इंग्लैंड को पहली बार वनडे क्रिकेट का विश्व विजेता बनाया था. इस वर्ल्ड कप के बाद जोफ्रा आर्चर को अब हर कोई जानने लगा था. ICC ने अपनी वर्ल्ड कप टीम में आर्चर को बतौर लीड गेंदबाज शामिल किया था.

इसके बाद एशेज सीरीज के लिए आर्चर को इंग्लैंड ने अपनी टीम में शामिल किया लेकिन इंजरी के चलते वो पहला टेस्ट नहीं खेल पाए थे, दूसरे मैच में आर्चर ने अपना टेस्ट इंटरनेशनल डेब्यू किया था और कैमरोन बेनक्राफ्ट को आउट कर आर्चर ने अंतराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में आगाज किया था.

एशेज सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच के पहले दिन जोफ्रा आर्चर का रौद्र रूप देखने को मिला, जब इस तेज गेंदबाज ने 45 रन देकर 6 विकेट अपने नाम कर लिए थे. आर्चर की घातक गेंदबाजी के चलते ऑस्ट्रेलियाई टीम 179 के स्कोर पर ढेर हो गई थी. एशेज के लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान जोफ्रा आर्चर को दिग्गज बल्लेबाज स्टीव स्मिथ के बीच जोरदार जंग देखने को मिली थी, जिसमें आर्चर ने अपनी बॉडीलाइन गेंदबाजी से दिग्गज बल्लेबाज के पैर डगमगा दिए थे.

इस दौरान आर्चर की एक गेंद स्मिथ के गर्दन पर जाकर लगी जिसके बाद वो रिकवर नहीं कर पाए थे और उन्हें मैदान के बाहर जाना पड़ा था. फिर जब ऑस्ट्रेलिया दूसरी बार खेलने उतरी तो टेस्ट क्रिकेट इतिहास में पहली बार ऐसा कुछ देखने को मिला था, जब बीच मैच में किसी बल्लेबाज की जगह दूसरे किसी बल्लेबाज को खेलने उतरना पड़ा था और इसकी वजह भी आर्चर को वो ही गेंद थी, जिसके बाद स्मिथ खुद को संभाल नहीं पाए थे और दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतर भी नहीं पाए थे.

दूसरी पारी में स्मिथ की जगह लैबुशेन उतरे लेकिन आर्चर की गेंदों से वो भी खुद को नहीं बचा पाए. इस मैच में आर्चर ने ऑस्ट्रेलिया के कई बड़े बल्लेबाजों को परेशान किया था. इस मैच के दौरान आर्चर को काफी आलोचना भी झेलनी पड़ी थी. दरअसल मैच के दौरान जब गेंद स्मिथ को लगी और वो खड़े नहीं हो पा रहे थे, तब कैमरे में आर्चर का हंसता चेहरा कैद हो गया था, जिसके बाद शोएब अख्तर जैसे कई क्रिकेट दिग्गजों ने आर्चर की आलोचना की थी. लेकिन फिर आर्चर का एक पुराना ट्वीट अचानक से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा जिसमें वो अंतराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी बल्लेबाजों को उनके सामने आने से पहले 2-2 हेलमेट तैयार रखने की हिदायत दे रहे होते हैं. ये ट्वीट आर्चर ने साल 2013 में की थी. उसके बाद विश्व क्रिकेट के कई बल्लेबाजों के हेलमेट पर गेंद मारकर परेशान करने वाले सिलसिले को देखते हुए लोग आर्चर को भविष्य वक्ता भी कहने लगे थे और ये बातें अगले आईपीएल सीजन के दौरान और भी ज्यादा होने लगी थी जब ऐसे ही कुछ और ट्वीट वायरल होने लगे थे.

खैर 2019 एशेज सीरीज के बाद इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने आर्चर के साथ अपना सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट कर लिया. अगला साल भी आर्चर के लिए शानदार रहा था. साल 2020 में राजस्थान रॉयल्स के खराब प्रदर्शन के बावजूद आर्चर को उनकी गेंदबाजी के चलते सीजन का मोस्ट वैल्युएबल प्लेयरघोषित किया गया था और उसके बाद उन्हें विजडन क्रिकेटर ऑफ द इयरभी चुना गया.

इसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान bio-security protocol तोड़ने के जुर्म में आर्चर को सजा से भी गुजरना पड़ा था. उन्हें सीरीज के दूसरे टेस्ट से बाहर कर दिया गया था साथ ही उनपर जुर्माना भी लगाया गया था.

दिसंबर, 2021 में आर्चर को अपनी एल्बो इंजरी के कारण 2 ऑपरेशन करवाने पड़े जिसके चलते वो 17 महीनों तक क्रिकेट से दूर रहे. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मार्च, 2023 में हुए वनडे सीरीज में आर्चर ने इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की और उनका वही पुराना अंदाज देखने को मिला, या यूं कहें वो और भी ज्यादा खतरनाक लग रहे हैं. वो 150 kmph की रफ्तार से बड़े ही आराम से गेंद फेंक रहे हैं इसलिए अब बल्लेबाज सावधान हो जाएं. आर्चर इस बार आईपीएल में भी खेलते नजर आएंगे, जिसमें वो मुंबई इंडियन्स की जर्सी में नजर आएंगे.

28 वर्षीय जोफ्रा आर्चर ने अबतक 13 अंतराष्ट्रीय टेस्ट मैचों में खेलते हुए 42 विकेट चटकाए हैं, जिसमें 3 फाइवविकेट हॉल शामिल है. वहीं 21 वनडे इंटरनेशनल में भी उनके नाम 42 विकेट ही दर्ज हैं. जबकि आर्चर ने 15 टी20 इंटरनेशनल में 18 विकेट झटके हैं. फर्स्ट क्लास के 43 मुकाबलों में उनके नाम 181 विकेट दर्ज हैं जबकि 35 लिस्ट ए मुकाबलों में उनके नाम के आगे 63 विकेट दर्ज हैं. फर्स्ट क्लास में आर्चर ने 6 अर्धशतक भी लगाए हैं.

जोफ्रा आर्चर, आधुनिक क्रिकेट का शायद सबसे खतरनाक तेज गेंदबाज, जो अपनी घातक गेंदबाजी से खेल का रुख मोड़ देता है. बड़े बड़े बल्लेबाज जिसकी गेंदों से खुद को नहीं बचा पाते हैं. चक दे क्रिकेट की पूरी टीम जोफ्रा आर्चर के उज्जवल भविष्य की कामना करती है. आपको क्या लगता है जोफ्रा के आने से इंग्लैंड क्रिकेट टीम को मजबूती मिली है या नहीं ? कमेंट में जरुर बताएं.

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