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कंट्रोवर्सी के चलते बाल बाल बचा करियर, आज है टीम का स्टार बल्लेबाज

Bihari News

केएल राहुल.. ऐसा खिलाड़ी जिसने अपने लिए नहीं पिता के लिए क्रिकेटर बना….

जब कंट्रोवर्सी के चलते बाल बाल बचा लोकेश राहुल का करियर

पिता के सपनो को पूरा करने वाला खिलाड़ी कैसे बना टीम इंडिया का कप्तान

पिता की गलती से मिले नाम ने बना दिया महान क्रिकेटर

कैसे आथिया शेट्टी के प्यार में क्लीन बोल्ड हुए, के एल राहुल

जिंदगी से जुड़ा हुआ एक शब्द है “मलाल” । यह शब्द ज्यादातर उन लोगों के लिए फिट बैठता है। जिन्हे जीवन में बहुत कुछ हासिल किया है मगर कुछ चीजें फिर भी उन्हें नहीं मिल पाती।ऐसे में उन्हें उस चीज को ना पाने का मलाल जरूर रहता है। लेकिन जब उसे वह चीज हासिल नहीं होती तो उसकी उम्मीद अपने बेटे या बेटी से होती है। और कुछ ऐसी ही उम्मीद एक पिता ने अपने बेटे से की। दोस्तों इस शब्द का जिक्र हमने इसलिए किया क्योंकि आज हम जिस खिलाड़ी के जीवन की चर्चा करने वाले है। उसके परिवार से यह शब्द बखूबी जुड़ा है। दोस्तों क्रिकेट की दुनिया में बहुत से ऐसे क्रिकेटर हुए है। जिन्होंने अपनी खुली आंखों से देश के लिए खेलने का सपना देखा। और उसे पूरा भी किया । लेकिन दुनिया में कई ऐसे क्रिकेटर है। जिन्होंने खुद सपने नहीं देखे लेकिन उनके परिवार ने सपने देखे और उसने परिवार का सपना पूरा कर दिखाया। मौजूदा समय में टीम इंडिया का एक ऐसा ही खिलाड़ी है जिसने अपने पिता का सपना पूरा किया….

हम बात करने वाले हैं लोकेश राहुल की, जिन्हे दुनिया केएल राहुल के नाम से जानती है।

18 अप्रैल 1992 को कर्नाटक के मैंगलोर शहर में पिता मंगेश और मां राजेश्वरी के घर ,लोकेश राहुल के रूप में उनकी पहली संतान का जन्म हुआ था। के एल राहुल का पूरा नाम कन्नूर लोकेश राहुल है। राहुल के पिता नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कर्नाटक में सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में प्रोफेसर के तौर पर काम करते है। इससे पहले राहुल के पिता एनआरटी कर्नाटक में डायरेक्टर के पद पर कार्य करते थे। वहीं राहुल मां मैंगलोर यूनिवर्सिटी में हिस्ट्री की प्रोफेसर के तौर पर काम करती है। राहुल के परिवार में एक छोटी बहन भी है जिनका नाम भावना है। राहुल ने अपनी स्कूलिंग N I T K इंग्लिश मीडियम से की। राहुल के पिता क्रिकेट के दीवाने थे उन्हे सुनील गावस्कर की बल्लेबाजी बहुत पसंद थी जब उनके घर बेटे का जन्म हुआ तो वो सुनील गावस्कर के बेटे रोहन के नाम पर अपने बेटे का नाम रखना चाहते थे। लेकिन एक दिन उन्होंने रेडियो पर कमेंट्री सुनी जिसमें ग्वासकर के बेटे रोहन की जगह राहुल सुन लिया। और रोहन की जगह राहुल रख दिया। इसके चलते राहुल को अपना नाम पिता की गलतफहमी की वजह से मिला। राहुल पढ़ाई में बहुत अच्छे थे बचपन से ही उन्हें क्रिकेट पसंद था। राहुल के पिता चाहते थे कि उनका बेटा क्रिकेटर बने। राहुल N I T के कैंपस में दिनभर क्रिकेट खेलते रहते थे। पिता ने राहुल को क्रिकेट की कोचिंग देने से पहले थोड़ा हिचकिचाए उधर पड़ोसी राहुल की शिकायत करते कि आपका बेटा रोज घर के कांच तोड़ देता है। पिता ने राहुल की प्रतिभा देख ली थी। राहुल के पिता राहुल को घर में ही क्रिकेट प्रैक्टिस करवाते थे। इसके बाद पिता ने घर से 18 किलोमीटर दूर क्रिकेट एकेडमी में दाखिला दिला दिया। 10 साल की उम्र में हाथ में बल्ला पकड़ने वाला लड़का एक साल घर में प्रैक्टिस करने के बाद अब प्रोफेशनल क्रिकेटर बनने के लिए तैयार था। 11 साल की उम्र में राहुल को साथ मिला कोच सैमुअल जयराज का। यहां से राहुल सफल क्रिकेटर बनने की सीढ़ी चढ़ने लगे थे। कोच ने राहुल को बैटिंग के साथ विकेट कीपिंग के गुण भी सिखाए।

साल 2012 में कन्नूर लोकेश राहुल ने अंडर 13 में शामिल होने ले लिए ट्रायल दिया। मगर टीम में चयन नहीं हुआ। कुछ दिन बाद दोबारा ट्रायल हुए तो राहुल को चुन लिया गया। राहुल के कोच राहुल की प्रतिभा को बाखूब पहचान चुके थे। कोच सैमुअल राहुल को चिन्नास्वामी स्टेडियम भी ले जाते थे जहां राहुल द्रविड़ प्रैक्टिस किया करते थे। कोच राहुल से कहते तुम राहुल द्रविड़ की बैटिंग को आब्जर्व करो। राहुल ने ऐसा 7 दिनों तक किया था। इसके बाद राहुल के खेल में परिवर्तन देखने को मिला। एक दिन उसी स्टेडियम में राहुल द्रविड़ ने कोच से कहा तुम इस लड़के पर ध्यान दो… ये बहुत अच्छा खेलता है। साल 2015 राहुल के लिए कश्मकश वाला साल था। इसी साल राहुल ने 10वीं में अच्छे अंक के साथ पास हुए। तब उनकी मां ने कहा तुम इंजीनियरिंग की पढ़ाई करो । पिता ने मां के सामने राहुल से पूछा तुम क्या करना चाहते हो। राहुल ने दिल की सुनी और कहा क्रिकेट खेलना चाहता हूं। फिर क्या था राहुल ने कॉमर्स के साथ क्रिकेट खेलना जारी रखा। राहुल ने मां का मान रखने के लिए रिजर्व बैंक में असिस्टेंट की नौकरी की। राहुल मशहूर फुटबॉल डेविड बैकहम से प्रभावित होकर अपने बाएं हाथ पर टैटू बनवाया। जो मां को पसंद नहीं आया। राहुल ने अपने शौक के बीच क्रिकेट को नही छोड़ा । साल 2011 राहुल के लिए किस्मत बदलने वाला साल था। जब राहुल ने अपना फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया। उसी साल राहुल को भारत की अंडर 19 में जगह दी गई। उनके बल्ले से कुल 144 रन निकले थे।

रणजी के 2013-14 सीजन राहुल के लिए सोने पर सुहागा साबित हुआ। रणजी में मौका मिलने के बाद राहुल ने एक हजार से अधिक रन बनाए। रणजी ट्रॉफी में राहुल की कैंटेस्टेंसी और टाइमिंग इतनी लाजवाब थी। आईपीएल की रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने उन्हें साल 2013 में टीम में शामिल कर लिया। लेकिन राहुल ने अपने आईपीएल के पहले सीजन में निराश किया। राहुल जब फिर घरेलू क्रिकेट में लौटे तो उन्होंने फिर कहर बरपाना शुरू कर दिया। राहुल ने दिलीप ट्राफी के साउथ जोन के खिलाफ शतक ठोक डाला। राहुल के इस प्रदर्शन ने उन्हें इनाम भी दिया। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने वाली भारतीय टीम में उन्हे चुन लिया गया। 26 दिसंबर 2014 बॉक्सिंग डे टेस्ट में रोहित शर्मा की जगह चुन लिया गया। राहुल को उस समय टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों 284 नंबर टेस्ट कैप पहनने का मौका मिला। मेलबर्न टेस्ट की दोनो पारियों में राहुल असफल रहे। राहुल निराश थे लेकिन उन्होंने मेहनत की और दूसरे टेस्ट में उन्होंने अपना पहला शतक जमा दिया। सिडनी में टेस्ट शतक लगाने वाले ने सचिन और ब्रायन लारा के बाद अपना नाम जोड़ लिया।

राहुल के खेल में उतार चढाव आते गए। 11 जून 2016 को राहुल को जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे में डेब्यू करने का मौका मिला। राहुल ने मौके को भुनाया और करियर के पहले ही वनडे में शतक जड़ दिया। इसी सीरीज में राहुल ने अपने टी 20 करियर का भी आगाज किया।

सबकुछ ठीक चल रहा था लेकिन साल 2019 में राहुल ऐसा सुर्खियों में आए कि उन्हें बदनामी और क्रिकेट करियर को खत्म होने का डर सताने लगा। उन्होंने कॉफी विद करण के शो में हार्दिक पंड्या के साथ कई आपत्ति जनक बातें की। जिससे बीसीसीआई ने राहुल को कई महीनो के लिए क्रिकेट से बाहर कर दिया गया था कुछ समय बाद राहुल जब लौटे तो अक्रामक खेल दिखाकर सुर्खियों आए। IPL में पंजाब की तरफ से कप्तानी की और बल्ले से आग भी उगला। राहुल ने फिर पीछे मुड़कर नही देखा। उन्हे ऑस्ट्रेलिया की एक सीरीज के लिए उप कप्तान भी बनाया गया। राहुल को उनकी प्रतिभा को देखते और समझते हुए कई बार टीम की कप्तानी भी सौंपी गई। राहुल अब भविष्य के कप्तान के तौर पर देखे जा रहे है। 23 जनवरी 2023 कन्नूर लोकेश राहुल बॉलीवुड अभिनेता सुनील शेट्टी की बेटी आथिया शेट्टी के प्यार में क्लीन बोल्ड हो गए । और सात जन्मों के लिए दोनो शादी के बंधन में बंध गए।
36 टेस्ट , 32 वनडे और 42 टी 20 मैचों मे लगभग 5 हजार रन बनाए है। तो वहीं 109 IPL मैच में 3889 रन बनाए है।

दोस्तों क्या भविष्य में k L राहुल टीम इंडिया की कप्तानी के दावेदार हैं या नहीं ? आप हमें अपनी राय कमेंट करके बता सकते हैं .

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